logo-image

आज संसद में अमित शाह पेश करेंगे जम्मू कश्मीर आरक्षण संशोधित बिल, जानें क्या है ये विधेयक

इस संशोधित बिल से हजारों विस्थापित कश्मीर पंडितों को आरक्षण का लाभ मिल सकेगा जिन्होंने 1990 के आसपास आतंकवादियों की धमकी की वजह से अपने घरों को छोड़ दिया था

Updated on: 24 Jun 2019, 09:05 AM

नई दिल्ली:

गृमंत्री अमित शाह आज संसद को दोनों सदनों में जम्मू कश्मीर आरक्षण संशोधन 2019 बिल पेश करेंगे. इससे पहले राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा होगी जिसके बाद संसद राज्यसभा और लोकसभा में ये बिल पेश किया जाएगा. इस बिल में जम्मू कश्मीर आरक्षण 2004 अधिनियम संशोधि किया जाएगा. इस बिल के जरिए अंतरराष्ट्रीय सीमा के पास रहने वाले लोगों को भी वास्तविक नियंत्रण रेखा (LoC) के पास रहने वाले लोगों की तरह ही आरक्षण का फायदा मिल सकेगा. इससे कश्मीरी पंडितो काफी फायदा होगा.

यह भी पढ़ें: मणिशंकर अय्यर ने कहा- कांग्रेस का अध्यक्ष 'गैर-गांधी' हो सकता है, लेकिन...

क्या है ये बिल?

इससे पहले जम्मू कश्मीर सरकार ने हजारों कश्मीरी पंडितों को बड़ी राहत देते हुए 28 मई को राज्य के निवासियों के कई वर्गो को आरक्षण प्रमाणपत्र जारी किए जाने के नियमों में संशोधन की घोषणा की थी. मौजूदा नियम के मुताबिक पिछड़े क्षेत्रों के निवासियों, नियंत्रण रेखा (एलओसी) और अंतर्राष्ट्रीय सीमा (आईबी) के पास रहने वाले किसी भी व्यक्ति को शासकीय फायदा तभी मिल सकता है, जब वह पिछड़े क्षेत्र के रुप में चिह्न्ति जगहों पर 15 वर्षो से रह रहा हो. इससे हजारों विस्थापित कश्मीर पंडितों को आरक्षण का लाभ नहीं मिल रहा था क्योंकि 1990 के आसपास आतंकवादियों की धमकी की वजह से उन्होंने अपने घरों को छोड़ दिया था.

यह भी पढ़ें: Uttar Pradesh: वाराणसी में अज्ञात हमलावरों ने वकील की गोली मारकर हत्या की

आरक्षण नियम में हुआ संशोधन कहता है कि कोई व्यक्ति जो पिछड़े क्षेत्रों, नियंत्रण रेखा और अंतराष्ट्रीय सीमा से सुरक्षा कारणों से चला गया हो उसे आरक्षण के फायदों से वंचित नहीं किया जा सकता. सरकार द्वारा चिह्न्ति पिछड़े क्षेत्रों में रह रहे हजारों प्रवासी पंडितों को उस क्षेत्र में 15 वर्षो तक रहने की बाध्यता की वजह से आरक्षण का फायदा नहीं मिल रहा था. पिछड़े इलाकों, एलओसी और आईबी के करीब रहने वाले इलाकों के निवासियों को कई सारी सुविधाएं मिलती हैं, जिसमें सरकारी नौकरियों में आरक्षण और पदोन्नित और सब्सिडी का फायदा मिलता है. 

यह भी पढ़ें: कोर्ट में चल रहा था तलाक का केस तभी पति ने जीत ली 556 करोड़ की लॉटरी, फिर ये हुआ..

बता दें, 17 जून से  शुरू हुआ संसद सत्र  26 जुलाई   तक चलेगा  जिसमें सरकरा कई बिल पेश कर सकती है. वहीं  5 जुलाई को सरकार की तरफ से बजट पेश किया जाएगा. इससे पहले आर्थिक सर्वेक्षण संसद में चार जुलाई को पेश किया जाएगा. आर्थिक सर्वेक्षण में देश की अर्थव्यवस्था की तस्वीर पेश की जाती है. इसके एक दिन बाद वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण संसद में बजट पेश करेंगी. पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के बाद वह पहली महिला वित्तमंत्री होंगी जो संसद में बजट पेश करेंगी. मोदी सरकार ने अपने पूर्व कार्यकाल में एक फरवरी को अंतरिम बजट पेश किया था क्योंकि आगे लोकसभा चुनाव आने वाला था. पहले पूर्ण बजट में लेखानुदान में की गई अलग अलग घोषणाओं के संबंध में देखा जाएगा कि उन्हें या तो लागू किया जाएगा या आगे बढ़ाया जाएगा.

calenderIcon 13:08 (IST)
shareIcon

 संसद में आज होने वाली धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा लोकसभा में शुरू हो गई है. इस बीच केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने लोकसभा में आधार और अन्य कानून (संशोधन) विधेयक, 2019 पेश किया