अंदाजा लगाइए, पहला लोकसभा चुनाव कितने चरणों में संपन्न हुआ था?
तब और अब के चुनाव में काफी बदलाव आ चुका है. वैलेट पेपर की जगह ईवीएम ने ली है, अब वोटरों का ई-रजिस्ट्रेशन हो रहा है, प्रचार थ्री-डी तकनीक और मोबाइल एप पर हो रहा है.
नई दिल्ली:
देश में 17वीं लोकसभा के लिए चुनाव का रण छिड़ चुका है. योद्धा तैनात किए जा चुके हैं. 7 चरणों में होने वाले चुनाव का परिणाम 23 मई को सामने आ जाएगा. पूरी कवायद डेढ़ माह तक चलने वाली है. देश में सबसे पहला लोकसभा चुनाव 1951-52 में हुआ था. आप जानकर हैरत में पड़ जाएंगे कि पहला चुनाव 4 महीने में संपन्न कराए गए थे और तब कुछ सीटों पर 2-2 सांसदों का चुनाव होता था. तब और अब के चुनाव में काफी बदलाव आ चुका है. वैलेट पेपर की जगह ईवीएम ने ली है, अब वोटरों का ई-रजिस्ट्रेशन हो रहा है, प्रचार थ्री-डी तकनीक और मोबाइल एप पर हो रहा है. आइए जानते हैं पहले लोकसभा चुनाव की कुछ रोचक बातें:
1. देश में पहले लोकसभा चुनाव के लिए प्रक्रिया 25 अक्टूबर 1951 से शुरू होकर 21 फरवरी 1952 तक संपन्न हुई थी. चुनाव में करीब 4 महीने का समय लगा था.
2. चुनाव पूरी तरह से बैलेट पेपर से हुआ था. हर उम्मीदवार का अलग-अलग बैलेट बॉक्स होता था. पहले चुनाव में कुल 25.8 लाख बैलेट बॉक्स का इस्तेमाल हुआ था. चुनाव संपन्न कराने के लिए 6 माह के लिए 16,500 बाबू भर्ती किए गए थे.
3. 68 चरणों में पहला लोकसभा चुनाव चुनाव पूरा हुआ था. मौसम की स्थितियों के अनुसार अलग-अलग राज्यों में अलग-अलग माह में चुनाव संपन्न कराए गए थे.
4. पहले लोकसभा के लिए 489 सदस्यों का चुनाव हुआ था, जिसमें 53 पार्टियों और 533 निर्दलीय उम्मीदवारों ने हिस्सा लिया था. कुल 1849 उम्मीदवार चुनाव मैदान में थे.
5. पहले चुनाव में मतदान का फीसद 45.7 था. तब देश की आबादी 36 करोड़ थी और 17.32 करोड़. उस समय 21 साल की उम्र में मताधिकार का नियम था.
6. पहले लोकसभा चुनाव के लिए सबसे पहला वोट हिमाचल प्रदेश के चीनी तहसील में डाला गया था. उस चुनाव में 1,96,084 पोलिंग बूथ बनाए गए थे.
7. लोकसभा की 92 सीटों पर 2-2 सांसद चुने गए. एक जनरल कैटागरी और दूसरा SC/ST से. नॉर्थ बंगाल संसदीय सीट से तो 3 सांसद चुने गए थे. 1960 में इस व्यवस्था को खत्म कर दिया गया था.
8. पहले लोकसभा चुनाव में 489 सीटों में से कांग्रेस के खाते में 364 सीटें आई थीं. 16 सीटों के साथ सीपीआई दूसरे तो श्यामा प्रसाद मुखर्जी की पार्टी जनसंघ को 3 सीटों पर जीत मिली थी.
9. इस चुनाव में नेहरू कैबिनेट से अलग होकर कई मंत्रियों की बनाई पार्टियां भी मैदान में उतरीं. श्यामा प्रसाद मुखर्जी की जनसंघ, डॉ. भीमराव आंबेडकर की SCF(Scheduled Caste Federation), आचार्य कृपलानी की किसान मजदूर प्रजा परिषद, राम मनोहर लोहिया और जयप्रकाश नारायण की सोशलिस्ट पार्टी और कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया समेत 53 पार्टियां चुनाव मैदान में थीं.
10. डॉ. भीमराव आंबेडकर पहले चुनाव में बॉम्बे-नॉर्थ सेंट्रल से मैदान में थे, लेकिन वे कांग्रेस उम्मीदवार से चुनाव हार गए. आचार्य कृपलानी फैजाबाद से चुनाव हार गए.
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