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जानिये क्या होता अगर एम एस धोनी ने IPL वाली गलती किसी इंटरनेशनल मैच में की होती

शुक्रवार को हुए इस मैच में अंपायर की ओर से नो बॉल दिए जाने के फैसले पर सीएसके के कप्तान महेंद्र सिंह धोनी (Mahendra Singh Dhoni) डगआउट से निकलकर मैदान पर आ गए थे.

Updated on: 14 Apr 2019, 06:00 PM

नई दिल्ली:

आईपीएल (IPL) 2019 के 12वें संस्करण को अगर विवादों का लीग कहा जाए तो शायद गलत नहीं होगा. सबसे पहले आर अश्विन के द्वारा जोस बटलर को मांकड़ किया गया फिर आरसीबी के ऊपर मुंबई इंडियंस को मिली जीत में आखिरी बॉल पर नो बॉल न देना और फिर राजस्थान रॉयल्स (Rajasthan Royals) के खिलाफ मैच के दौरान महेंद्र सिंह धोनी (Mahendra Singh Dhoni) का अंपायर से बात करने के लिए मैदान पर आ जाना, लगातार विवादों में बनाए रखा है.

शुक्रवार को हुए इस मैच में अंपायर की ओर से नो बॉल दिए जाने के फैसले पर सीएसके के कप्तान महेंद्र सिंह धोनी (Mahendra Singh Dhoni) डगआउट से निकलकर मैदान पर आ गए थे. उन्होंने अंपायरों के फैसले का विरोध किया था, जिसके बाद उन पर मैच फीसदी का 50 फीसदी जुर्माना लगा है. हालांकि आईसीसी (ICC) ने कोई टिप्पणी करने से इनकार कर दिया है.

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आईसीसी (ICC) का कहना है कि यह एक फ्रेंचाइजी लीग का मुकाबला था, इसलिए उसकी ओर से कोई ऐक्शन नहीं लिया जा सकता. यदि कप्तान महेंद्र सिंह धोनी (Mahendra Singh Dhoni) की ओर से यह काम किसी इंटरनैशनल मैच के दौरान की जाती तो यह 'खेल की प्रतिष्ठा को गिराने' की गलती मानी जाती. हालांकि किसी प्लेयर का मैदान में आकर अंपायरों से उलझने को लेकर आईसीसी (ICC) के कोड में कोई नियम नहीं है. फिर भी इसे लेवल-2 का अपमान माना जाता, जिसे बड़ी गलती माना जाता है.

आईसीसी (ICC) कोड के आर्टिकल 2.1.3 के मुताबिक यदि कोई प्लेयर अंपायर के फैसले से असहमति जताता है और खेल बाधित होता या फिर वह विकेट छोड़ने में देरी करता है तो यह लेवल 1 अपराध है. लेकिन यदि कोई प्लेयर अंपायर के फैसले से नाराजगी जताता है या अंयायर से सीधे तौर पर बदजुबानी करता है तो यह लेवल 2 अपराध है.

महेंद्र सिंह धोनी (Mahendra Singh Dhoni) पर लेवल 2 का ही मामला बनता है. यही नहीं कोड में स्पष्ट है कि यदि अंपायर अपने फैसले पर गलत भी है तब भी इसे खिलाड़ी के बचाव के लिए तर्क नहीं माना जा सकता.

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महेंद्र सिंह धोनी (Mahendra Singh Dhoni) ने यही गलती यदि इंटरनैशनल मैच की होती तो उन पर लेवल 2 अपराध का मामला बनता. इसके तहत आमतौर पर 50 से 100 पर्सेंट मैच फीस का जुर्माना और डिमेरिट पॉइंट्स की सजा दी जाती है. इस अपराध के तहत अधिकतम सजा 8 मैचों के निलंबन की हो सकती है. हालांकि कैप्टन कूल को इस बार कम सजा मिलती क्योंकि यह उनकी इस तरह की पहली गलती है.