राम मंदिर पर मोहन भागवत का बड़ा बयान, सरकार जल्द कानून लाए, यही उचित होगा
राम मंदिर को लेकर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रमुख मोहन भागवत का बड़ा बयान सामने आया है. नागपुर में आरएसएस प्रमुख ने कहा कि राम मंदिर बनाने के लिए सरकार शीघ्र कानून लाए और यही उचित होगा.
नई दिल्ली:
लोकसभा चुनाव से पहले एक बार फिर से राम मंदिर का मामला जोरों पर है. रविवार को वीएचपी की धर्मसभा हुई जिसमें राम मंदिर निर्माण का मुद्दा जोर-शोर से उठाया गया. राम मंदिर को लेकर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रमुख मोहन भागवत का बड़ा बयान सामने आया है. नागपुर में आरएसएस प्रमुख ने कहा कि राम मंदिर बनाने के लिए सरकार शीघ्र कानून लाए और यही उचित होगा.
Agar kisi karan apni vyastata ke karan ya pata nahi apne samaj ke samvedana ko na janne ke karan nayalaya ki prathmikta nahi hai,to sarkar soche ki is mandir ko banane ke liye kanoon kaise aa sakta hai aur shighr is kanoon ko laye.Yahi uchit hai:RSS Chief Mohan Bhagwat #RamTemple pic.twitter.com/hsj9KAehkV
— ANI (@ANI) November 25, 2018
मोहन भागवत ने कहा, 'अगर किसी कारण अपनी व्यस्ता के के कारण या पता नहीं अपनी समझ के संवेदना को ना जानने के कारण न्यायालय की प्राथमिकता नहीं है तो सरकार सोचे की इस मंदिर को बनाने के लिए कानून कैसे आ सकता है और शीघ्र ही कानून को लाए.यही उचित होगा'
इसके साथ ही मोहन भागवत ने कहा कि भारत एक लोकतांत्रिक देश है और इसी वजह से राम मंदिर निर्माण की मांग कर रहे हैं. समाज केवल कानून से नहीं चलता है और न्याय में देरी भी अन्याय के बराबर है.
और पढ़ें : अयोध्या : धर्म सभा में बोले रामभद्राचार्य, राम मंदिर पर 11 दिसंबर के बाद आएगा बड़ा फ़ैसला
बता दें कि शनिवार और रविवार को अयोध्या में शिवसेना और वीएचपी के कार्यकर्ताओं का जमावड़ा लगा रहा. राम मंदिर निर्माण की मांग को लेकर शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे अयोध्या पहुंचे और वहां उन्होंने संतों से मुलाकात की. इस दौरान उद्धव ठाकरे ने भी राम मंदिर निर्माण के लिए सरकार से तारीख की मांग की. वहीं वीएचपी ने आज धर्मसभा की. जिसमें उन्होंने कहा कि धर्म सभा में वीएचपी की तरफ से कहा गया कि मंदिर के लिए पूरी जमीन मिलनी चाहिए. वीएचपी के अंतरराष्ट्रीय सचिव चंपत राय ने कहा कि जमीन बंटवारे को कोई फॉर्मूला मंजूर नहीं है. सुन्नी वक्फ बोर्ड अपना केस वापस ले. वहीं, धर्मसभा में स्वामी रामभद्राचार्य ने कहा कि 11 दिसंबर के बाद मंदिर पर बड़ा फैसला होगा.
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