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एमसीडी चुनावों में 'आप' क्यों हुई साफ, जानिए पार्टी की हार के मुख्य कारण

इन चुनावों में जहां एक ओर बीजेपी ने शानदार जीत दर्ज की वहीं दिल्ली विधानसभा चुनावों में एकतरफा जीत दर्ज करने वाली आम आदमी पार्टी (आप) कहीं पीछे चली गई है।

Updated on: 26 Apr 2017, 08:12 PM

highlights

  • जनता के मुद्दे छोड़ पार्टी ने गिनाई दूसरी पार्टी की कमियां
  • शुंगलु कमेटी और महंगे लंच पर नहीं दे सके पुख्ता जवाब

नई दिल्ली:

दिल्ली नगर निगम चुनावों के रिजल्ट आ चुके हैं। इन चुनावों में जहां एक ओर बीजेपी ने शानदार जीत दर्ज की वहीं दिल्ली विधानसभा चुनावों में एकतरफा जीत दर्ज करने वाली आम आदमी पार्टी (आप) कहीं पीछे चली गई है। कांग्रेस भी नतीजों में तीसरे नंबर पर पहुंच गई है।

ऐसे में आप की हार पर कई सवाल खड़े किए जा रहे हैं। जिस पार्टी ने विधानसभा चुनावों में दूसरी किसी पार्टी को बहुत पीछे छोड़ दिया था उसका इतना बुरा हश्र कैसे हो गया? सोशल मीडिया पर भी कई राजनीति के विशेषज्ञ एक्टिव हो गए हैं। कई तरह के कयास लगाए जा रहे हैं कि आप को इतनी करारी हार क्यों मिली।

'मोदी-मोदी' के कारण मिली हार

एमसीडी चुनावों में आप नेताओं के सारे दांव फुस होते नजर आए। अरविंद केजरीवाल ने विकास के मुद्दों से ज्यादा बीजेपी की बुराईयां गिनाने में ज्यादा जोर दिया। यही इस चुनाव की मुख्य वजह रही जिससे जनता ने आप से विश्वास खोया।

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केजरीवाल को भी यह पता था कि बीजेपी अन्य राज्यों के चुनाव में कमाल कर रही है फिर भी प्रधानमंत्री पर वे लगातार ही आरोप लगाते रहे। उन्होंने हर बार यही कहा कि केंद्र सरकार उन्हें दिल्ली में काम नहीं करने दे रही है। वहीं दूसरी ओर उन्होंने कहा कि हमारी सरकार ने जितना काम किया उतना किसी सरकार ने नहीं किया।

मंहगे लंच में घिरी पार्टी

आप पार्टी संयोजक अरविंद केजरीवाल ने अपने घर में सलाना जश्न की पार्टी रखी थी। पार्टी में जो खाना पार्टी के अन्य सदस्यों को परोसा गया था उस खाने की कीमत 12 हजार रुपए प्रति प्लेट थी। इस पर विपक्ष ने आप सरकार को घेरा था। इस मुद्दे पर पार्टी का किसी तरह का स्पष्टीकरण नहीं आया था। बता दें कि 80 लोगों की इस पार्टी में करीब 11 लाख रुपए खर्च किए गए थे।

शुंगलु कमेटी की रिपोर्ट से सरकार के कामों पर सवाल

तीन सदस्यीय शुंगलु कमेटी ने आप सरकार के कामकाज को लेकर कई गंभीर मामले उजागर किए थे। इस कमेटी ने 404 फाइलों की जांच के बाद 101 पन्नों की रिपोर्ट में केजरीवाल सरकार के द्वारा की गई नियुक्तियों और आवंटनों पर सवाल उठाए थे। इस रिपोर्ट से भी केजरीवाल सरकार से जनता का अविश्वास मिला।

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ईवीएम मुद्दे से भी लोग खफा

पांच राज्यों के विधानसभा चुनावों में हाल ही में ईवीएम मशीनों को हार की वजह बताया गया। ऐसे में केजरीवाल ने भी ईवीएम का मुद्दा उठाया था। लेकिन, एमसीडी चुनावों में इस मुद्दों को कुछ ज्यादा ही तूल दी गई। इस वजह से भी आप पार्टी को काफी नुकसान झेलना पड़ा है।

पार्टी के नेताओं पर लगे कई आरोप

दिल्ली में सरकार बनाने के बाद आप के कई नेताओं पर अलग-अलग तरह के आरोप लगाए गए जिससे भी पार्टी की छवि को भारी नुकसान हुआ। कभी सेक्स सीडी कांड तो कभी भ्रष्टाचार के आरोप। आप नेता का शराब पीकर सड़कों पर हंगामा जैसे कुछ मामलों ने पार्टी को छवि को खराब किया है। पार्टी ने इसके बाद भी दूसरी पार्टी को ही इसका जिम्मेदार बताया।

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