केंद्र सरकार ने अलगाववादियों पर करारा वार, यासीन मलिक की पार्टी JKLF को किया बैन
जम्मू-कश्मीर मे अलगाववादियों पर सख्ती बढ़ा दी गई है. जम्मू-कश्मीर लिबरेशन फ्रंट (जेकेएलएफ) के प्रमुख यासीन मलिक पर सरकार ने पूरी तरह रोक लगा दी है.
नई दिल्ली:
केंद्र सरकार ने मुहम्मद यासीन मलिक के नेतृत्व वाले जम्मू एवं कश्मीर लिबरेशन फ्रंट (जेकेएलएफ) पर शुक्रवार को प्रतिबंध लगा दिया. उस पर आरोप है कि वह आतंकवाद और अलगाववाद को प्रोत्साहन देता है. गृह सचिव राजीव गॉबा ने कहा कि आतंकवाद के गंभीर आरोप के मद्देनजर सरकार ने जेकेएलएफ (यासीन मलिक गुट) पर प्रतिबंध लगा दिया. उसे गैरकानूनी गतिविधियां निवारक अधिनियम के तहत गैरकानूनी घोषित किया गया है. इस संगठन के बारे में कहा जाता है कि वह जम्मू एवं कश्मीर की 'आजादी' का समर्थन करता है.
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मलिक वर्तमान में जम्मू के कोट बलवाल जेल में हिरासत में हैं. गॉबा ने मीडिया से कहा, 'जेकेएलएफ ने कश्मीर में अलगाव की विचाराधारा को बढ़ावा दिया और संगठन 1988 से अलगाववादी गतिविधियों व हिंसा को प्रोत्साहन दे रहा है.'
गृह मंत्रालय की एक अधिसूचना में कहा गया है, 'कश्मीर घाटी से कश्मीरी पंडितों को निकालने का यासीन मलिक मास्टरमाइंड रहा है और उनके संहार के लिए जिम्मेदार है.'
जेकेएलएफ को भारतीय वायुसेना के चार अफसरों की हत्या का इलजाम लगता रहा है. साथ ही उस पर तत्कालीन केंद्रीय गृह मंत्री मुफ्ती मुहम्मद सईद की बेटी रुबैया सईद के अपहरण का भी आरोप लगा था. इससे पहले केंद्र ने जम्मू एवं कश्मीर की जमात-ए-इस्लामी पर प्रतिबंध लगाया था.
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बता दें कि इससे पहले 28 फरवरी को केंद्र की मोदी सरकार ने जमात-ए-इस्लामी (जेईआइ) पर 5 साल के लिए प्रतिबंध लगा दिया था. इसके तहत गृह मंत्रालय की कार्रवाई में जेईआइ के प्रमुख हामिद फैयाज सहित 350 से ज्यादा सदस्यों को गिरफ्तार किया गया था. वहीं जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने पुलवामा हमले के 8 दिन बाद 22 फरवरी को यासीन मलिक को गिरफ्तार किया था.
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