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क्‍या निर्भया के दोषियों को अलग-अलग फांसी दी जाएगी, दिल्‍ली हाई कोर्ट से आज आ सकता है अहम फैसला

क्‍या निर्भया कांड के दोषियों को अलग-अलग फांसी पर चढ़ाया जाएगा? केंद्र सरकार ने दिल्‍ली हाईकोर्ट (Delhi High Court) में याचिका दायर कर सभी दोषियों को अलग-अलग फांसी देने की पैरवी की थी.

Updated on: 05 Feb 2020, 08:06 AM

नई दिल्‍ली:

क्‍या निर्भया कांड (Nirbhaya Rape and Murder Case) के दोषियों को अलग-अलग फांसी पर चढ़ाया जाएगा? केंद्र सरकार ने दिल्‍ली हाईकोर्ट (Delhi High Court) में याचिका दायर कर सभी दोषियों को अलग-अलग फांसी देने की पैरवी की थी. केंद्र का कहना था कि जिन दोषियों की दया याचिका (Mercy Petition) राष्ट्रपति खारिज कर चुके हैं, उन्हें फांसी पर लटकाया जाना चाहिए. दोषी खुद को बचाने के लिए अलग-अलग दया याचिका राष्ट्रपति के पास दायर कर रहे हैं. लीगल रेमिडीस के नाम पर दोषी खुद को बचा रहे हैं और इससे पीड़ित परिवार को न्‍याय मिलने में देरी हो रही है. यह दोषियों की डिले टैक्टिक्स है. आज बुधवार को दिल्‍ली हाई कोर्ट निर्भया गैंगरेप और हत्या मामले (Nirbhaya Case) में चारों दोषियों की फांसी की सजा की तामील पर रोक को चुनौती देने वाली याचिका पर कोई फैसला सुना सकता है.

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सुनवाई के दौरान सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कोर्ट से कहा था कि दोषी सजा के अमल में विलंब करने की सुनियोजित चाल चल रहे हैं. दूसरी ओर, दोषियों के वकील एपी सिंह और दोषी मुकेश की वकील रेबेका जॉन ने केंद्र सरकार की याचिका पर ऐतराज जताते हुए कहा था- दोषी मुकेश की याचिका सुप्रीम कोर्ट ने देरी के आधार पर नहीं बल्कि मेरिट के आधार पर खारिज की है. निर्भया की मां ने भी हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस की बेंच के सामने मेंशनिंग कर फैसला जल्द सुनाए जाने की मांग की थी.

निर्भया के दोषियों को फांसी पर लटकाने के लिए दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट दो बार डेथ वारंट (Death Warrant) जारी कर चुका है, लेकिन कानूनी दांवपेंच के चक्‍कर में दोनों बार चारों दोषियों की फांसी टल चुकी है.

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क्या है निर्भया गैंगरेप केस

दोस्त के साथ दक्षिण दिल्ली के मुनिरका इलाके में बस स्टैंड पर खड़ी 23 साल की एक पैरामेडिकल स्टूडेंट के साथ 16 दिसंबर 2012 की रात बस में एक नाबालिग समेत 6 लोगों ने न केवल गैंगरेप किया था, बल्‍कि बर्बर तरीके से मारपीट भी की थी. गैंगरेप के बाद पीड़िता को चलती बस से फेंक दिया गया था. पैरामेडिकल स्‍टूडेंट अपने फ्रेंड के साथ फिल्म देखकर घर लौट रहे थे. बुरी तरह जख्मी युवती को बेहतर इलाज के लिए एयरलिफ्ट कर सिंगापुर ले जाया गया था, जहां 29 दिसंबर, 2012 को उसकी मौत हो गई थी.