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क्या दो बच्चों की पॉलिसी को अपना सकती है मोदी सरकार? संघ प्रमुख के बयान का क्या है मतलब

आपकी जानकारी के लिए बता दें कि नीति आयोग ने जनसंख्या नियंत्रण के लिए रोड मैप तैयार करने के लिए एक हाईलेवल मीटिंग बुलाई थी. इसमें अगले 15 सालों में जनसंख्या को किस तरह से नियंत्रण किया जाएगा इस मुद्दे पर चर्चा हुई.

Updated on: 23 Jan 2020, 10:31 AM

highlights

  • क्या मोहन भागवत ने बीजेपी सरकार के दो बच्चों की पॉलिसी अपनाने का संकेत दिया है. 
  • क्या बीजेपी सरकार आगे देश में इस पॉलिसी को लागू कर सकती है.
  • सरकार इस नियम को लागू करने या ऐसी किसी भी बात पर अमल करने से पहले एक आम राय बनाने की कोशिश करेगी.

नई दिल्ली:

क्या दो बच्चों की पॉलिसी बीजेपी सरकार का नया एजेंडा हो सकती है? दो बच्चों की पॉलिसी संघ प्रमुख मोहन भागवत के द्वारा सुनी गई. इसके बाद से ही ये बहस तेज हो गई है कि क्या बीजेपी सरकार का ये नया एजेंडा होने वाला है. हालांकि बाद में संघ प्रमुख ने ये भी साफ किया था कि वे कानून बनाने की बात नहीं कर रहे थे लेकिन फिर भी राजनीतिक गलियारों में इस बात की चर्चा गर्म हो गई कि बीजेपी सरकार अगले चुनाव में इस मुद्दे को उठा सकती है. आपकी जानकारी के लिए बता दें कि संघ प्रमुख मोहन भागवत ने सीधे तौर पर दो बच्चों की पॉलिसी की बात नहीं की है बल्कि जनसंख्या नियंत्रण की बात कही है. संघ प्रमुख का बयान इसलिए महत्वपूर्ण हो जाता है क्योंकि बीजेपी सरकार ने जितने भी मुद्दे उठाए हैं वो उसे पूरा कर चुकी है. फिर चाहे वो तीन तलाक का मुद्दा हो, राम मंदिर का मुद्दा हो या जम्मू कश्मीर से आर्टिकल 370 का खात्मा हो.

फिलहाल अभी जो भी संकेत हैं उस हिसाब से पहले ही सीएए और एनआरसी पर उठे विवाद के बीच मोदी सरकार जनसंख्या नियंत्रण के मुद्दे पर आक्रामक रुप से आगे बढ़ने से परहेज कर सकती है. नवभारत टाइम्स में छपी रिपोर्ट के अनुसार, आने वाले सालों में सरकार और बीजेपी के एजेंडे में यह प्राथमिकता में रहेगी और बस उचित समय का इंतजार होगा.

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हालांकि सरकार इस नियम को लागू करने या ऐसी किसी भी बात पर अमल करने से पहले एक आम राय बनाने की कोशिश करेगी. जिसके तहत एक बड़ा जन अभियान भी चलाया जा सकता है. बीच में ऐसी चर्चाएं भी थीं कि सरकार बजट सत्र में इससे जुड़ा कानून तक ला सकती है लेकिन सरकार ने इसे सिरे से खारिज कर दिया है. अब तय किया गया है कि सरकार पहले बड़े पैमाने पर एक जागरुकता अभियान चलाएगी फिर जाकर किसी भी कानून को बनाने के बारे में सोचेगी.

आपकी जानकारी के लिए बता दें कि नीति आयोग ने जनसंख्या नियंत्रण के लिए रोड मैप तैयार करने के लिए एक हाईलेवल मीटिंग बुलाई थी. इसमें अगले 15 सालों में जनसंख्या को किस तरह से नियंत्रण किया जाएगा इस मुद्दे पर चर्चा हुई.