राजस्थान, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और असम ने की है कर्जमाफी, जानें सबसे अधिक कर्ज किसने माफ किए
मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ के बाद अब राजस्थान ने भी कर्जमाफी की घोषणा कर दी है. इन तीन राज्यों के अलावा बीजेपी शासित राज्य असम में भी सरकार ने कर्जमाफी का ऐलान कर दिया है.
नई दिल्ली:
विधानसभा चुनावों के बाद सबसे अधिक चर्चा कर्जमाफी की हो रही है. मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ के बाद अब राजस्थान ने भी कर्जमाफी की घोषणा कर दी है. इन तीन राज्यों के अलावा बीजेपी शासित राज्य असम में भी सरकार ने कर्जमाफी का ऐलान कर दिया है. वहीं गुजरात सरकार ने किसानों का बिजली बिल माफ करने का फैसला लिया है. आइए जानते हैं तीनों राज्यों में हुई कर्जमाफी की क्या है खासियतें:
राजस्थान में दो लाख रुपये तक के कर्ज माफ
राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने किसानों के दो लाख रुपये तक कर्ज माफ़ करने का ऐलान किया है. सूबे की पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे पर निशाना साधते हुए गहलोत ने कहा, 'राजे सरकार ने दो हज़ार करोड़ का ही कर्ज माफ़ किया और आठ हज़ार करोड़ का कर्ज हम पर छोड़ दिया. कर्ज की गणना के लिए 31 नवंबर 2018 की समयसीमा तय की गई है.' हम सहकारी बैंकों के समस्त ऋण माफ करेंगे. साथ ही नेशनल ग्रामीण या अन्य बैंक में भी. 30 नवंबर 2018 तक डिफाल्टर किसानों के दो लाख तक का कर्ज माफ़ होगा.
- दो लाख रुपये तक के कर्ज माफ होंगे
- खजाने पर बोझ : लगभग 18 हजार करोड़ रुपये
- कर्ज की गणना के लिए 31 नवंबर 2018 की समयसीमा
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मध्य प्रदेश में 34 लाख किसानों को लाभ
17 दिसंबर को शपथ लेने के बाद कमलनाथ ने मध्य प्रदेश के किसानों का दो लाख तक का कर्ज माफ करने के आदेश जारी किया. किसानों के 2 लाख की सीमा तक का 31 मार्च, 2018 की स्थिति में बकाया फसल ऋण माफ करने का आदेश जारी कर दिया गया. इस निर्णय से लगभग 34 लाख किसान लाभान्वित होंगे. फसल ऋण माफी पर संभावित व्यय 35 से 38 हजार करोड़ रुपये अनुमानित है.
- कर्जमाफी 2 लाख रुपये तक की
- 31 मार्च 2018 तक का ऋण माफ होगा
- 35-38 हजार करोड़ रुपये का बोझ आएगा खजाने पर
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छत्तीसगढ़ में 16.50 लाख किसानों की होगी ऋण माफी
छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के नेतृत्व में 16.50 लाख किसानों की ऋण माफी की घोषणा सोमवार देर रात की गई थी. यह फैसला भूपेश मंत्रिमंडल ने शपथ ग्रहण समारोह के बाद करीब दो घंटे में ही कर दिया. इस ऋण माफी में सहकारी बैंक और छत्तीसगढ़ ग्रामीण बैंक से ऋण लिए किसान शामिल हैं. इसमें करीब 61 सौ करोड़ रुपए के खर्च होने का अनुमान है.
- 61 सौ करोड़ रुपए के खर्च होंगे
- सहकारी बैंक और छत्तीसगढ़ ग्रामीण बैंक से लोन पर भी फायदा
असम में 600 करोड़ रुपये की कर्जमाफी
मंगलवार को असम सरकार ने 600 करोड़ रूपये के किसान कर्ज को हरी झंडी दी थी. असम सरकार के प्रवक्ता और संसदीय मामलों के मंत्री चंद्र मोहन पटवारी ने कहा, सरकार किसानों के 25 प्रतिशत तक कर्ज बट्टे खाते में डालेगी. इसकी अधिकतम सीमा 25,000 रुपये है. असम में कर्ज माफ़ी में सभी प्रकार के किसान शामिल हैं. प्रदेश के वित्त मंत्री हेमंत बिस्व सरमा ने बुधवार को स्पष्ट किया कि यह अस्थाई राहत है और राज्य के चार लाख किसानों को इससे लाभ मिलेगा. सरमा ने संवाददाता सम्मेलन में कहा, "यह सब्सिडी योजना है, कृषि कर्ज छूट योजना नहीं है."
- करीब चार लाख किसानों को फायदा होगा.
- 25 प्रतिशत (25000) तक कर्ज बट्टे खाते में डालेगी सरकार
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गुजरात सरकार ने 650 करोड़ के बिजली बिल किए माफ
गुजरात की विजय रुपाणी सरकार ने किसानों का कर्ज तो माफ नहीं किया है, लेकिन बिजली बिल माफ कर उन्हें राहत दी है. गुजरात सरकार ने 650 करोड़ रुपए के बिजली बिल को माफ कर दिए हैं. इस फैसले के तहत गुजरात के 6.22 लाख किसानों को फायदा मिलेगा. उनका काटा गया बिजली कनेक्शन फिर से शुरू हो जाएगा. इसका फायदा सिर्फ ग्रामीण क्षेत्रों को मिलेगा, न कि शहरी क्षेत्र को. ग्रामीण क्षेत्र में घरेलू, खेती और व्यवसायिक के लिए इस्तेमाल किए गए बिजली बिल माफ किए जाएंगे.
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