जानिए क्या है S-400 एयर डिफेंस मिसाइल, अमेरिका को क्यों है भारत-रूस डील से आपत्ति
यह एक ऐसी एयर डिफेंस प्रणाली है जो संभावित मिसाइल हमले की तुरंत जानकारी देता है और आवश्यकतानुसार यह दुश्मन की मिसाइल को भी मार गिराता है।
नई दिल्ली:
भारत और अमेरिका के बीच 6 सितंबर को होने वाले 2+2 वार्ता में रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण अमेरिका को रूस से खरीदे जाने वाले S-400 एयर डिफेंस प्रणाली के बारे में जानकारी देने वाली है। दुनिया के सबसे उत्तम हथियारों में एक S-400 की भारत पांच यूनिट खरीदने वाला है। भारत ने रूस से 40,000 करोड़ रुपये का यह रक्षा सौदा अक्टूबर 2016 में ही किया था लेकिन अमेरिका लगातार इस पर आपत्ति जताता आया है। भारत रूस के साथ S-400 मिसाइल सौदे को तकरीबन पूरा कर चुका है लेकिन अमेरिकी प्रतिबंधें इस डील में रोड़ा बन रही है।
भारत इस मिसाइल डील के लिए अमेरिका पर छूट का दबाव बनाएगा क्योंकि सुरक्षा तैयारियों के लिहाज से एयर डिफेंस सिस्टम जरूरी है। भारत चीन के साथ लगी 4000 किमी लंबी सीमा पर एयर डिफेंस सिस्टम को मजबूत बनाना चाहता है।
क्यों खास है एस-400 ट्रायम्फ एयर डिफेंस प्रणाली?
एस-400 एक विमान भेदी हथियार प्रणाली है जिसे पहले एस-300 के नाम से जाना जाता था। रूस ने अपने सैन्य खेमे में इसे अप्रैल 2007 में शामिल किया था। अभी किसी देश के पास ऐसी उन्नत एयर डिफेंस प्रणाली नहीं है। सैन्य खेमे में एस-400 के आने से एशिया में भारत का दबदबा पूरी तरह से कायम हो जाएगा।
यह एक ऐसी एयर डिफेंस प्रणाली है जो संभावित मिसाइल हमले की तुरंत जानकारी देता है और आवश्यकतानुसार यह दुश्मन की मिसाइल को भी मार गिराता है। भारत से पहले रूस ने अब तक सिर्फ चीन को एस-400 बेची है हालांकि विश्व के कई देश इस एयर डिफेंस प्रणाली को हासिल करने के होड़ में हैं।
इस मिसाइल सिस्टम को इस तरह से डिजाइन किया गया है कि इसे सभी तरह के एरियल टारगेट के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है। ये 400 किमी की रेंज में और 10,000 फीट की ऊंचाई तक हमला कर सकता है। हवा में (एयरोडायनेमिक) लक्ष्यों के लिए रेंज- 3 किमी से 240 किमी है। जो पाकिस्तान जैसे देशों को आसानी से जद में ले लेगा।
मिसाइल सिस्टम की अधिकतम रफ्तार 4.8 किलोमीटर प्रति सेकंड तक है। 10,000 फीट की ऊंचाई तक निशाना साध सकता है। सबसे खास बात है कि इसकी तैनाती में मात्र 5 मिनट तक का समय लगता है। खास बात यह है कि एस-400 एक साथ 36 लक्ष्यों को अपना निशाना बना सकती है।
अगर अमेरिका के एमआईएम-104 से तुलना करें तो इसकी ताकत दोगुनी है। इसका मुख्य काम दुश्मनों के स्टील्थ विमान को हवा में उड़ा देना है। एस-400 की रूस की पुरानी एयर डिफेंस सिस्टम एस-300 का ही अपग्रेडेड वर्जन है जिसे अल्माज सेंट्रल डिजाइन ब्यूरो ऑफ रूस के द्वारा तैयार किया जा रहा है।
और पढ़ें : परमाणु हथियार रखने में भारत से अब भी आगे है पाक, अमेरिका और रूस के पास विश्व की 92 फीसदी हिस्सेदारी
एस-400 ट्रायफ्फ एयरक्राफ्ट, रोटरक्राफ्ट, क्रूज मिसाइल, गाइडेड मिसाइल, ड्रोन और बैलिस्टिक रॉकेट मिसाइल को 600 किलोमीटर की दूरी के रेंज तक पता लगा सकता है। यह एक साथ 300 लक्ष्यों को ट्रैक करने में सक्षम है। हालांकि रूस 2020 तक एस-400 के अपग्रेडेड तकनीक पर काम कर रहा है और अनुमान है कि रूस 2020 तक एस-500 एयर डिफेंस प्रणाली अपने सैन्य खेमे में शामिल कर सकता है।
अमेरिका को क्यों है आपत्ति
अमेरिकी चुनावों में रूस के कथित हस्तक्षेप के कारण यूएसए ने उसके खिलाफ काउंटरिंग अमेरिकाज एडवर्सरीज थ्रू सैंक्शन्स एक्ट (सीएएटीएसए कानून) के तहत प्रतिबंध लगाया है जिसमें रूस के रक्षा या खुफिया प्रतिष्ठानों से हथियारों की खरीद-फरोख्त पर तकनीकी रूप से प्रतिबंध लगाने का प्रवाधान है। यानी जो अमेरिका के दुश्मन देशों से हथियार खरीदेगा उस पर अमेरिका अपने नियमों के तहत प्रतिबंध लगाएगा।
इसके अलावा जो देश ऐसे प्रतिबंधों के बावजूद रूस से हथियार खरीदते हैं तो उसे अमेरिका से भी नई और अत्याधुनिक हथियारों की खरीद पर रोक लगाए जाने का प्रावधान है। ऐसे में भारत और अमेरिका के बीच सैन्य रिश्तों में खटास आने की पूरी आशंका है।
बता दें कि अमेरिका और रूस विश्व की सबसे बड़ा हथियार निर्यातक देश है। अमेरिका और रूस के पास पूरे विश्व का 92 फीसदी परमाणु हथियार है। अमेरिका के पास परमाणु हथियारों की संख्या 6,450 है वहीं रूस के पास 6,850 है। ऐसे में रणनीतिक और बाजार के कारण भी दोनों देशों के बीच हथियार और रक्षा प्रणाली को लेकर संघर्ष बना रहता है।
और पढ़ें : जानिये क्या है राफेल सौदा और इससे जुड़े वाद-विवाद...
दुनिया भर में जारी संघर्षों के बीच सभी देश अपनी जमीनी, समुद्री और हवाई आधारित मिसाइल सिस्टम का लगातार विस्तार कर रहे हैं ऐसे में यह एक चिंता का विषय भी है। पाकिस्तान परमाणु हथियार रखने के मामले में भारत से अब भी आगे है। जनवरी 2018 तक पाकिस्तान के पास परमाणु हथियारों की संख्या 140-150 है वहीं भारत के पास 130-140 परमाणु हथियार हैं।
वीडियो
IPL 2024
मनोरंजन
-
Ayush Sharma Trolling: 'मुझे जानवर जैसा समझा...'ट्रोलर्स के कमेंट्स पर रो पड़े आयुष शर्मा, कह दी इतनी बड़ी बात
-
Thalapathy Vijay Inured: घायल हुए साउथ एक्टर थलापति विजय, फैंस ने स्पॉट किए चोट के निशान
-
Arijit Singh Birthday: इंडियन आइडल में रिजेक्शन से सलमान खान संग झगड़े तक, ऐसी रही अरिजीत सिंह की जर्नी
धर्म-कर्म
-
Budh Grah Margi 2024: सावधान!! आज शाम ग्रहों के राजकुमार बदल रहे हैं अपनी चाल, इन राशियों के लिए हैं खतरनाक
-
Maa Lakshmi Puja For Promotion: अटक गया है प्रमोशन? आज से ऐसे शुरू करें मां लक्ष्मी की पूजा
-
Guru Gochar 2024: 1 मई के बाद इन 4 राशियों की चमकेगी किस्मत, पैसों से बृहस्पति देव भर देंगे इनकी झोली
-
Dharma According To Ramayana: रामायण के अनुसार धर्म क्या है? जानें इसकी खासियत