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'नमस्ते ट्रंप' के पोस्टर से पटा अहमदाबाद, स्वागत के लिए जोरदार तैयारी, नारों में दिख रहा दोस्ती का दम

दीवारों पर उनके तस्वीरों को पेंट किया किया जा रहा है. दीवारों पर दोनों नेताओं के तस्वीरों के साथ स्लोगन लिखे जा रहे हैं.

Updated on: 18 Feb 2020, 04:58 PM

अहमदाबाद:

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और मेलानिया ट्रंप के भारत आगमन को लेकर तैयारी जोरों पर है. गुजरात के अहमदाबाद पूरी तरह से सज गया है. ट्रंप के स्वागत में दीवारों पर पेंटिंग की जी रही है. मोटेरा स्टेडियम के उल्टे साइड की दीवारों पर पीएम मोदी, डोनाल्ड ट्रंप और अमेरिका की पहली महिला मेलानिया ट्रंप की तस्वीर को लगाई जा रही है. दीवारों पर उनके तस्वीरों को पेंट किया किया जा रहा है. दीवारों पर दोनों नेताओं के तस्वीरों के साथ स्लोगन लिखे जा रहे हैं. स्लोगन में दोनों नेताओं की दोस्ती का दम दिख रहा है.

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राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप 24 फरवरी को भारत आ रहे हैं. इसके लिए तैयारी लगभग पूरी हो गई है. होर्डिंग्स में कई स्लोगन लिखे गए हैं. गुजराती में लिखा गया है कि दो विराट लोकतांत्रिक परंपराओं एक मंच पर. वहीं इंग्लिश में लिखा गया है कि सुनहरे भविष्य के लिए मजबूत दोस्ती. पूरी दीवार पर मोदी ट्रंप की तस्वीर लगी हुई है. साथ ही दोनों देशों के मधुर संबंधों के नारे भी लिखे गए हैं. ऐसा लग रहा है कि नमस्ते ट्रंप के पोस्टर से अहमदाबाद पूरी तरह से पट गया है. 

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बता दें कि डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump), मेलानिया (Melania) और प्रतिनिधिमंडल के सदस्य दुनिया के सात अजूबों में से एक इस संगमरमरी इमारत का दीदार करने आएंगे. वे 24 फरवरी को खेड़िया हवाईअड्डे पर विमान से उतरेंगे. उनके भव्य स्वागत की तैयारी चल रही है. ट्रंप जब ताजमहल का दीदार करेंगे, तो उनका पहला संभावित सवाल हो सकता है- 'क्या प्रदूषण (pollution) के कारण ताज पीला पड़ गया है? क्या यह नदी है या सीवेज ड्रेन?'

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उत्तर प्रदेश और केंद्र सरकार के वरिष्ठ अधिकारी ताज के बारे में सकारात्मक प्रोफाइल पेश करने और संभावित सवालों का जवाब देने की तैयारी कर रहे हैं. वे दावा करते हैं कि नदी प्रदूषण और वायु प्रदूषण की जुड़वां समस्या का समाधान किया गया है. पिछले अनुभवों से सीख लेते हुए, विशेष रूप से तत्कालीन अमेरिकी राष्ट्रपति बिल क्लिंटन की यात्रा को याद करते हुए, छात्रों को सड़क के दोनों ओर झंडे लहराते हुए खड़े करने का निर्णय लिया गया है. क्लिंटन के दौरे के समय गलियों और मुख्य मॉल से होकर गुजरने वाली सड़क को सील कर दिया गया था. चारों तरफ सन्नाटा पसरा था. शायद इसलिए क्लिंटन ने आगरा को 'भुतहा शहर' कहा था.