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कहीं आप के घर में तो नही हैं ये डिवाइसेस, आपकी पर्सनल बातचीत कर रहे हैं शेयर

ओके गूगल, तापमान क्या है? स्कोर क्या है? आज की ब्रेकिंग न्यूज क्या है? अलेक्सा, गाना चला दो. सिरी, संडे कब है? हम जानते हैं कि अलेक्सा, सिरी इंसान नहीं हैं लेकिन अब हम इनके इतने आदि होते जा रहे हैं कि हम इनसे बात करते में ऐसा नहीं सोचते.

Updated on: 22 Jul 2019, 11:46 AM

New Delhi:

जब वॉयस असिस्टेंट बाजार में आए तो ये चमतकारी ढंग से लोगों में चर्चा का विषय रहे. ओके गूगल, तापमान क्या है? स्कोर क्या है? आज की ब्रेकिंग न्यूज क्या है? अलेक्सा, गाना चला दो. सिरी, संडे कब है? हम जानते हैं कि अलेक्सा, सिरी इंसान नहीं हैं लेकिन अब हम इनके इतने आदि होते जा रहे हैं कि हम इनसे बात करते में ऐसा नहीं सोचते. अब इन वॉयस असिस्टेंट और हम इंसानों में फर्क बस इतना है कि इंसान एक दूसरे की बातों को सुन कर शायद भूल भी जाएं लेकिन मशीनें उन्हें याद रखती हैं.

इन मशीनों की खूबी है कि इन्हें कुछ इस तरह से विकसित किया गया है कि वे खुद ही अपने को सिखाती रहें. आवाज सुन सुन कर वे और स्मार्ट हो जाती हैं, अलग अलग लहजों को भी समझने लगती हैं. लेकिन हाल ही में लीक हुए कुछ टेप दिखाते हैं कि मशीनें आपकी बातों को खुद तक सीमित नहीं रखती हैं, बल्कि कोई और भी इन्हें सुन रहा होता है.

ऐसा भी नहीं है कि जब आप वॉयस असिस्टेंट से बात करते हैं, तब आपके आसपास बिलकुल सन्नाटा होता है. जिस वक्त आप ओके गूगल कह रहे होते हैं तब पीछे शायद आपके बच्चे आपस में बातें कर रहे होते हैं, या फिर आपके दोस्त या परिवार के लोग किसी बहस में होते हैं. और ये सारी बातचीत वॉयस असिस्टेंट के जरिए रिकॉर्ड हो जाती है.

डच भाषा में लीक हुई कुछ रिकॉर्डिंग्स के बाद गूगल के प्रोजेक्ट मैनेजर डेविड मोनसीस ने माना है कि लोगों की निजता का उल्लंघन हुआ है. एक ब्लॉग पोस्ट में उन्होंने लिखा, "हम पूरी तफ्तीश कर रहे हैं ताकि दोबारा इस तरह की गलती ना हो." बेल्जियम के एक न्यूज चैनल वीआरटी एनडब्ल्यूएस का दावा है कि उनके पास ऐसी एक हजार रिकॉर्डिंग्स पहुंची हैं. चैनल के अनुसार इनमें कई लोगों की निजी बातचीत है और इनमें लोगों के अकाउंट के जरिए उनकी पहचान भी बताई गई है. ये टेप सिर्फ मशीन के पास ना रह कर कुछ लोगों को दी गई थीं ताकि वे बेहतर प्रोग्रामिंग में मदद कर सकें. इन लोगों को तकनीकी भाषा में "कॉन्ट्रैक्टर" कहा जाता है.

गूगल का दावा है कि कॉन्ट्रैक्टरों को लोगों के अकाउंट की कोई जानकारी नहीं दी जाती है. गूगल का यह भी कहना है कि उन्हें सिर्फ वॉयस असिस्टेंट को दिए गए निर्देशों को ट्रांसक्राइब करने को कहा जाता है, पीछे चल रही लोगों की बातचीत को नहीं. लेकिन चैनल के पास मौजूद रिकॉर्डिंग इस दावे को गलत साबित करती हैं.

कई बार तो लोगों की आवाज तब रिकॉर्ड हो गई जब असिस्टेंट को लगा कि उससे बात की जा रही है जबकि ऐसा था नहीं. यही वजह है कि इन रिकॉर्डिंग में पति पत्नी के झगड़े भी शामिल हैं. गूगल का यह भी कहना है कि जब लोग वॉयस असिस्टेंट या फिर उससे जुड़े ऐप इस्तेमाल करते हैं तो वे नियम और शर्तों को भी स्वीकारते हैं. इन शर्तों में आवाज रिकॉर्ड करने की बात भी कही गई है लेकिन साफ तौर पर नहीं. ठीक ऐसा ही एमेजॉन के अलेक्सा के साथ भी है.

इसके अलावा एक दिक्कत यह भी है कि जिस व्यक्ति का अकाउंट है, वह स्वीकृति सिर्फ अपने लिए दे रहा है, अपने आसपास के लोगों के लिए नहीं. खास कर बच्चों की आवाज की रिकॉर्डिंग की कहीं कोई अनुमति नहीं है. बावजूद इसके गूगल के पास बच्चों की आवाज का डाटा जमा होता जा रहा है.

इससे बचने के लिए यूजर चाहें तो रिकॉर्डिंग फीचर को बंद भी कर सकते हैं. लेकिन ऐसा करने पर वॉयस असिस्टेंट ठीक से काम नहीं कर पाता है. वह यूजर के सवालों के जवाब नहीं दे पाता है, लहजा बदलने पर शब्दों को समझ नहीं पाता है. मजबूरन यूजर इसे ऑन करके रखना ही बेहतर समझते हैं. स्मार्टफोन समेत दुनिया में इस वक्त एक अरब ऐसे डिवाइस इस्तेमाल हो रहे हैं, जिन पर गूगल असिस्टेंट इस्तेमाल हो रहा है. ऐसे में कंपनी के पास असीम डाटा जमा हो रहा है.