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CAA के खिलाफ यूपी, बिहार, कर्नाटक, महाराष्ट्र समेत कई स्थानों पर हिंसक प्रदर्शन, फूंकी बस, 3 की मौत, इंटरनेट बंद

राष्ट्रीय राजधानी में इस कानून के खिलाफ प्रदर्शन पर लगी रोक के बावजूद सड़कों पर उतरने के चलते सैकड़ों छात्रों, सामाजिक कार्यकर्ताओं और विपक्षी नेताओं को हिरासत में लिया गया

Updated on: 20 Dec 2019, 12:01 AM

दिल्ली:

नागरिकता संशोधन कानून (CAA) के खिलाफ देश के कई राज्यों में बृहस्पतिवार को हिंसक प्रदर्शन देखने को मिला. छात्रों समेत हजारों की संख्या में लोगों ने विरोध प्रदर्शन किये. इस दौरान कर्नाटक, उत्तर प्रदेश और बिहार के कुछ हिस्सों में हिंसा हुई. इस हिंसा में 3 लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ी. वहीं दूसरी तरफ देशभर में सैकड़ों लोगों को हिरासत में लिया गया. राष्ट्रीय राजधानी में इस कानून के खिलाफ प्रदर्शन पर लगी रोक के बावजूद सड़कों पर उतरने के चलते सैकड़ों छात्रों, सामाजिक कार्यकर्ताओं और विपक्षी नेताओं को हिरासत में लिया गया. जबकि कई इलाकों में मोबाइल इंटरनेट सेवाएं बंद कर दी गईं. कई मेट्रो स्टेशनों को भी बंद कर दिया गया, जिससे शहर में यातायात प्रभावित हुआ.

सुरक्षा बलों को दिए गुलाब के फूल 

विरोध प्रदर्शन कर रहे लोगों ने दिल्ली में सुरक्षा बलों को गुलाब के फूल दिए और कहा कि पुलिस जितना चाहें उन्हें लाठी मार सकती है, लेकिन उनका संदेश “घृणा के बदले में प्यार” है. उधर उत्तर प्रदेश में हिंसक संघर्ष हुआ जहां 12 से अधिक वाहनों को जला दिया गया. हिंसा में एक व्यक्ति की मौत भी हो गयी. संभल में हुई हिंसा में प्रदर्शनकारियों ने बस को आग के हवाले कर दिया. इसके बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि जिन लोगों ने सार्वजनिक संपत्तियों को नुकसान पहुंचाया है, उन्हीं उपद्रवियों से इसकी वसूली की जाएगी और सीसीटीवी फुटेज के जरिये दोषियों की पहचान की जायेगी.

गाजियाबाद-प्रयागराज में इंटरनेट सेवाएं बंद 

उत्तर प्रदेश के पुलिस महानिदेशक ओ पी सिंह के मुताबिक 19 दिसंबर को किसी भी तरह के जमावडे़ की अनुमति नहीं दी गयी थी. डीजीपी ने कहा कि पुलिस को राजधानी के मदेयगंज क्षेत्र में भीड़ को तितर बितर करने के लिए आंसू गैस के गोले छोडने पडे़ जबकि लगभग 20 लोगों को हिरासत में लिया गया है. विपक्षी समाजवादी पार्टी और कांग्रेस के विधायकों ने लखनऊ में विधानसभा परिसर में अपना विरोध दर्ज कराया. अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय में कई शिक्षकों ने मौन जुलूस निकाला. प्रदर्शनकारियों में बड़ी संख्या में महिलाएं शामिल थीं. कानून का विरोध कर रहे छात्रों का रविवार को पुलिस से संघर्ष हुआ था, जिसमें 60 लोग घायल हो गये थे. हालात को देखते हुए और कानून व्यवस्था के मद्देनजर प्रशासन ने गाजियाबाद और प्रयागराज में इंटरनेट सेवाएं बंद कर दी हैं.  

प्रदर्शनकारियों को हिरासत में ले लिया

दिल्ली में लाल किला क्षेत्र के आसपास लागू निषेधाज्ञा का उल्लंघन करते हुए बृहस्पतिवार को सैकड़ों लोगों ने सीएए के विरोध में मार्च निकालने की कोशिश की. जिसके बाद पुलिस ने बड़ी संख्या में प्रदर्शनकारियों को हिरासत में ले लिया. लाल किले से पीछे हटाए जाने के बाद प्रदर्शनकारी सुनहरी मस्जिद के नजदीक जमा हो गए और ‘हम होंगे कामयाब’, ‘इंकलाब जिंदाबाद’ के नारे लगाने लगे. प्रदर्शनकारियों ने ‘ सीएए से आज़ादी’, और ‘एनआरसी से आज़ादी’ के भी नारे लगाए. प्रदर्शनकारियों में पुरानी दिल्ली, पूर्वी दिल्ली के स्थानीय लोग तथा छात्र शामिल थे. 

मुंबई में हजारों लोग सड़कों पर उतरे 

उधर देश की आर्थिक राजधानी मुंबई में सीएए के खिलाफ हजारों लोग सड़कों पर उतरे और फिर यहां के ऐतिहासिक अगस्त क्रांति मैदान में एकत्र हुए. प्रदर्शनकारियों में राजनीतिक कार्यकर्ता, छात्र और बॉलीवुड की कुछ हस्तियां भी शामिल थीं जिन्होंने सीएए और प्रस्तावित एनआरसी का विरोध किया. इसी तरह के प्रदर्शन महाराष्ट्र के अन्य कई शहरों में भी हुए. मुंबई का अगस्त क्रांति मैदान इसलिए ऐतिहासिक है क्योंकि 1942 में इसी स्थान से महात्मा गांधी ने अंग्रेजों के खिलाफ ‘भारत छोड़ो आंदोलन’ का आह्वान किया था. 

2 लोगों की मौत

वहीं, मंगलुरू में उग्र प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर करने के लिए पुलिस ने आंसू गैस के गोले छोड़े, लाठी चार्ज किया और हवा में गोलियां चलाईं. वहां हिंसा में दो लोगों की मौत हो गई. पुलिस ने पूरे मंगलौर में कर्फ्यू लगा दिया है. साथ ही 48 घंटों के लिए इंटरनेट सेवाएं बंद कर दी हैं. इतिहासकार रामचंद्र गुहा सहित पूरे राज्य में प्रदर्शन कर रहे कई लोगों को पुलिस ने हिरासत में लिया और बाद में उन्हें छोड़ दिया गया. भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी ने भी बेंगलुरू में नागरिकता कानून और प्रस्तावित राष्ट्रव्यापी एनआरसी के खिलाफ प्रदर्शन किया. उत्तर प्रदेश के विभिन्न जिलों में प्रदर्शन के दौरान उपद्रवियों ने पथराव किया, वाहनों को आग लगा दी. 

पथराव और आगजनी की घटना

बिहार में भी पथराव और आगजनी की घटनाएं सामने आई हैं. जबकि कई राज्यों में रेल एवं सड़क यातायात प्रभावित रहा. संशोधित नागरिकता कानून के खिलाफ प्रदर्शनों में निषेधाज्ञा आदेशों का उल्लंघन कर शामिल होने के लिए देश के विभिन्न हिस्सों में वामपंथी नेताओं सीताराम येचुरी, डी राजा, नीलोत्पल बसु तथा बृंदा करात और इतिहासकार रामचंद्र गुहा को हिरासत में लिया गया. इस कानून के अनुसार 31 दिसम्बर, 2014 तक अफगानिस्तान, बांग्लादेश और पाकिस्तान से धार्मिक प्रताड़ना के कारण भारत आए हिन्दू, सिख, बौद्ध, जैन, पारसी और ईसाई समुदायों के लोगों को भारतीय नागरिकता के लिए आवेदन हेतु पात्र बनाने का प्रावधान है. 

संयुक्त राष्ट्र की निगरानी में जनमत संग्रह कराए- ममता बनर्जी

पश्चिम बंगाल, असम और मेघालय में भी विरोध प्रदर्शन हुए. हालांकि यहां प्रदर्शन शांतिपूर्ण रहा. तेलंगाना, केरल, तमिलनाडु, चंडीगढ़, जम्मू, राजस्थान और मध्य प्रदेश में भी प्रदर्शन हुए. कोलकाता में पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने भाजपा को चेतावनी देते हुए कहा कि वह संशोधित नागरिकता कानून और प्रस्तावित राष्ट्रीय नागरिक पंजीकरण पर संयुक्त राष्ट्र की निगरानी में जनमत संग्रह कराए और यदि वह ‘‘व्यापक मत’’ हासिल करने में विफल रहती है तो उसे सत्ता छोड़नी होगी. 

44 जिलों में धारा 144 लागू 

वहीं मध्य़ प्रदेश में हिंसक प्रदर्शन को लेकर प्रशासन ने 44 जिलों में धारा 144 लागू कर दी है. जिसके चलते अब कोई रैली नहीं की जाएगी. लोग अब एक जगह एकत्रित नहीं होंगे. 

(इनपुट एजेंसी)