logo-image

महाराष्‍ट्र के सीएम उद्धव ठाकरे ने JNU हिंसा की तुलना मुंबई हमले से की, कही यह बड़ी बात

महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री और शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने नकाबपोश हमलावरों को लेकर कहा है कि JNU में जिन्होंने हमला किया, नकाब में कौन लोग हैं. यह देश के सामने आना चाहिए.

Updated on: 06 Jan 2020, 02:04 PM

नई दिल्ली:

महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री और शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने JNU में हुई हिंसा को लेकर बड़ा बयान दिया है. उन्होंने कहा कि जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय में हुई हिंसा मुंबई में 26/11 के हमले जैसी थी. उन्होंने नकाबपोश हमलावरों को लेकर कहा है कि JNU में जिन्होंने हमला किया, नकाब में कौन लोग हैं. यह देश के सामने आना चाहिए. उनका कहना है कि अगर हमारे युवक युवती कैंपस में सुरक्षित नहीं हैं तो यह देश के लिए कलंक है. उन्होंने कहा कि देश के युवाओं को भरोसे में लेने की जरूरत है.

यह भी पढ़ें: दिल्ली विधानसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान आज, 3.30 बजे चुनाव आयोग की प्रेसवार्ता

महाराष्ट्र में युवा सुरक्षित: उद्धव ठाकरे
उद्धव ठाकरे ने महाराष्ट्र के युवाओं से कहा है कि वे राज्य में पूरी तरह से सुरक्षित हैं. उन्होंने कहा कि राज्य में ऐसी किसी भी घटना को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. उन्होंने कहा कि मौजूदा समय में युवाओं में डर का माहौल है. सभी को एक साथ आकर युवाओं को भरोसे में लेना चाहिए. उन्होंने कहा कि जेएनयू में हमला करने वाले लोग कायर थे. ऐसे कायरों का समर्थन नहीं किया जा सकता. उन्होंने कहा कि टीवी पर देखने के बाद जेएनयू ने 26/11 के आतंकी हमले की याद दिला दी.

यह भी पढ़ें: नेशनल हेराल्ड मामला: सोनिया, राहुल गांधी की याचिका पर सुनवाई 17 मार्च तक टली

जामिया विश्‍वविद्यालय की घटना को जालियावाला बाग से की थी तुलना
बता दें कि इससे पहले उद्धव ठाकरे ने जामिया विश्‍वविद्यालय (Jamia University) की घटना की तुलना जालियावाला बाग (Jaliawala Bagh) से की थी. उन्होंने उस समय कहा था कि जामिया मिलिया इस्लामिया में जो हुआ, वह जलियांवाला बाग जैसा है. छात्र एक 'युवा बम (Youth Bomb)' की तरह हैं. इसलिए हम केंद्र सरकार से अनुरोध करते हैं कि वे छात्रों के साथ वैसा बर्ताव न करें, जैसा कि कर रहे हैं. इससे पहले शिवसेना ने नागरिकता संशोधन कानून (Citizenship Amendment Act 2019) को लेकर राष्‍ट्रपति (President) से मिलने के लिए जाने वाले विपक्षी दलों के प्रतिनिधिमंडल (Deligation) का हिस्‍सा बनने से इनकार कर दिया था.