विजय माल्या ने किस बैंक से कितना लिया था लोन, भारत छोड़ने से लेकर अब तक का जानें सबकुछ
विजय माल्या (vijay mallya) पर कई सरकारी बैंकों से करीब 9000 करोड़ रुपए लोन लेकर नहीं चुकाने का आरोप है. भगोड़े माल्या को जल्द भारत लाया जाएगा,
नई दिल्ली:
ब्रिटेन ने विजय माल्या के प्रत्यर्पण पर मंजूरी दे दी है. अब माल्या को जल्द ही भारत लाया जाएगा. विजय माल्या जो कभी भारतीय उद्योगपतियों में अपना नाम सबसे पहली पंक्ति में दर्ज कराते थे, आज उन्हें भारत की कानून व्यवस्था, बैंक विजय माल्या को ढूंढ रही है. माल्या पर कई सरकारी बैंकों से करीब 9000 करोड़ रुपए लोन लेकर नहीं चुकाने का आरोप है.विजय माल्या ने इन बैंकों से लिए इतने रुपए-
- पंजाब नेशनल बैंक-800 करोड़ रुपए
- स्टेट बैंक ऑफ इंडिया - 1600 करोड़
- आईडीबीआई बैंक- 800 करोड़
- यूनाइटेड बैंक ऑफ इंडिया - 430 करोड़
- सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया - 410 करोड़
- बैंक ऑफ इंडिया - 650 करोड़
- बैंक ऑफ बड़ौदा - 550 करोड़
- यूको बैंक - 320 करोड़
- कॉरपोरेशन बैंक ऑफ इंडिया- 310 करोड़
- सेंट्रल बैंक ऑफ मैसूर- 150 करोड़
- इंडियन ओवरसीज़ बैंक- 140 करोड़
- फेडरल बैंक - 90 करोड़
- पंजाब सिंध बैंक- 60 करोड़
- एक्सिस बैंक - 50 करोड़
विजय माल्या को बैंकों ने डिफॉ़ल्टर घोषित किया और भारत सरकार ने भगोड़ा
विजय माल्या को कर्ज नहीं चुकाने के लिए डिफॉल्टर घोषित कर रखा है और भारत ने उसे भगोड़ा भी घोषित कर रखा है. माल्या भारत छोड़कर ब्रिटेन चले गए थे. वह मार्च 2016 से ब्रिटेन में हैं और उन्हें 18 अप्रैल को प्रत्यर्पण वारंट पर स्कॉटलैंड यार्ड ने गिरफ्तार किया था. सीबीआई भी इस मामले की जांच कर रही है.
4 दिसंबर 2017 से लंदन में हो रही सुनवाई
ब्रिटेन में ही माल्या पर सुनवाई हो रही थी. विजय माल्या मामले में पिछले साल चार दिसंबर 2017 से लंदन के मैजिस्ट्रेट कोर्ट में सुनवाई हो रही है. सुनवाई के दौरान क्लेयर मॉन्टगॉमरी की अगुवाई में माल्या के वक़ीलों ने कोर्ट के सामने कहा कि विजय माल्या बेईमान और फर्जीवाड़ा गतिविधि नहीं किए हैं, यह एक व्यापारिक नाकामी का नतीजा था.
वकीन ने आगे दलील दी थी कि विजय माल्या ने 2016 में 80 प्रतिशत मूलधन बैंक को लौटाने का प्रस्ताव दिया था. लेकिन स्टेट बैंक ऑफ़ इंडिया (एसबीआई) की अगुवाई वाले भारतीय बैंकों के एक संघ ने इसे स्वीकार नहीं किया.
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माल्या बार-बार ट्वीट कर लगाते हैं गुहार
विजय माल्या भी कई बार ट्वीट कर सफाई देते रहे हैं. पिछले साल दिसंबर में विजय माल्या ने ट्वीट कर कहा था कि मैंने एक रुपये का कर्ज भी नहीं लिया. कर्ज किंगफ़िशर एयरलाइंस ने लिया था. पैसे का नुकसान एक वास्तविक और दुखद व्यापारिक नाकामी की वजह से हुआ. गारंटर होना फ़र्ज़ीवाड़ा नहीं है. इसके साथ ही उन्होंने लिखा कि मूलधन का 100 फ़ीसदी लौटाने का प्रस्ताव दिया है. कृपया उसे ले लें.लेकिन भारत सरकार की तरफ से इसपर कोई प्रतिक्रिया नहीं आई.
हाल ही में विजय माल्या ने ट्वीट कर कहा कि उसके ग्रुप की 13,000 करोड़ की संपत्तियां अटैच की जा चुकी हैं, जबकि बैंकों का दावा सिर्फ 9,000 करोड़ रुपए का है.
62 साल के विजय माल्या यूनाइटेड स्पिरिट लिमिटेड के भूतपूर्व चेयरमैन रह चुके हैं जो कि भारत की सबसे बड़ी कंपनी है.
अरुण जेटली का नाम माल्या ने लिया
विजय माल्या के विदेश भागने पर एक ऐसी बात सामने आई थी जिसे लेकर राजनीतिक बयानबाजी शुरू हो गई थी. विजय माल्या ने दावा किया कि 2016 में भारत छोड़ने से पहले उनकी वित्त मंत्री अरुण जेटली से मुलाकात हुई थी. हालांकि केंद्रीय मंत्री ने इस बात को खारिज कर दिया.
माल्या 2016 में भारत छोड़कर भागा था
बता दें कि विजय माल्या 2016 में ब्रिटेन भारत छोड़कर चला गया था और तभी से लंदन में रह रहा है. हालांकि भारत सरकार ने माल्या पर कार्रवाई करते हुए पासपोर्ट रद्द कर दिया और ब्रिटेन से उनके प्रत्यर्पण की कोशिश में लगी हुई थी. अब जाकर भारत सरकार के हाथ सफलता लगी है.
5 जनवरी 2018 को माल्या को घोषित किया गया भगोड़ा
इधर भारत में 5 जनवरी 2018 में विजय माल्या को मुंबई की एक अदालत ने ईडी की मांग पर भगोड़ा घोषित कर दिया था. ईडी ने भगोड़ा घोषत करने की मांग इसलिए की थी ताकि भगोड़ा आर्थिक अपराधी के तहत माल्या अनुमानित 12,000 करोड़ रुपये से अधिक की सारी जायदाद अधिनियम के तहत जब्त की जाए.
विजय माल्या मार्च 2016 में देश छोड़कर बाहर चले गए, जबकि भारतीय स्टेट बैंक की अगुवाई में 13 बैंकों का एक कंसोर्टियम उनके खिलाफ 9,000 करोड़ रुपये से अधिक रकम के कर्ज की वसूली की कार्यवाही शुरू करने जा रहा था.
माल्या ने कोर्ट को बताया कि देश छोड़कर भागे नहीं थे
माल्या ने हालांकि अपने वकील के माध्यम से विशेष अदालत को बताया कि वह देश छोड़कर नहीं भागे हैं, वह मार्च 2016 में वर्ल्ड मोटर स्पोर्ट काउंसिल की स्विटजरलैंड में एक बैठक में हिस्सा लेने के लिए सामान्य तरीके से गए थे.
कई बार पेश होने के लिए भेजा गया समन
इस दौरान माल्या (63) को विशेष अदालत ने अदालत के सामने पेश होने के लिए 27 अगस्त को समन जारी किया था, लेकिन वह अदालत के समन का सम्मान करने में विफल रहे. इसके अलावा वह ईडी द्वारा उनसे पूछताछ करने के लिए भेजे नोटिस, समन और गिरफ्तारी वारंट का भी अनुपालन करने में वह विफल रहे. जिसके बाद 2017 में भारत सरकार ने माल्या के प्रत्यर्पण की कार्यवाही शुरू की थी, जिसका उन्होंने विरोध किया है. माल्या जमानत पर लंदन में है.
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