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विजय माल्या के प्रत्यर्पण पर फैसला सोमवार को, सीबीआई और ED की संयुक्त टीम लंदन रवाना

भारतीय बैंकों के 9,000 करोड़ रुपये लेकर फरार विजय माल्या के प्रत्यर्पण पर ब्रिटेन के कोर्ट की कार्यवाही के लिए सीबीआई और ईडी की संयुक्त टीम लंदन के लिए रवाना हो गई है.

Updated on: 09 Dec 2018, 03:53 PM

नई दिल्ली:

भारतीय बैंकों के 9,000 करोड़ रुपये लेकर फरार भगोड़े शराब कारोबारी विजय माल्या के प्रत्यर्पण पर ब्रिटेन के कोर्ट की कार्यवाही के लिए सीबीआई और ईडी की संयुक्त टीम लंदन के लिए रवाना हो गई है. इस टीम का नेतृत्व सीबीआई (केंद्रीय जांच ब्यूरो) के संयुक्त निदेशक ए साई मनोहर कर रहे हैं. लंदन की वेस्टमिन्स्टर मजिस्ट्रेट अदालत विजय माल्या के प्रत्यर्पण पर 10 दिसंबर को अपना फैसला सुनाने वाली है. इससे पहले राकेश अस्थाना इस मामले की अगुवाई कर रहे थे. विजय माल्या वेस्टमिन्स्टर कोर्ट में भारतीय जांच एजेंसी द्वारा दाखिल प्रत्यर्पण मामले का सामना कर रहे हैं.

2 मार्च 2016 को देश से फरार हो चुके माल्या अभी लंदन में रह रहे हैं. बता दें कि माल्या पर स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (एसबीआई) 17 बैंकों के कंसॉर्शियम का करीब 9,000 करोड़ रुपये बकाया है. वे भारतीय अदालतों और जांच एजेंसियों द्वारा विभिन्न मामलों के मुकदमे में पेश होने के समन के बावजूद लंदन में हैं.

साल 2017 के अंत में भारत ने विजय माल्या के खिलाफ प्रत्यर्पण की कानूनी कार्यवाही शुरू की थी. विजय माल्या वर्तमान में जमानत पर हैं. विजय माल्या ने हाल ही में अगस्ता वेस्टलैंड मामले में कथित बिचौलिए क्रिस्चियन मिशेल के भारत प्रत्यर्पण के बाद को बैंक कर्ज के मूलधन का 100 फीसदी चुकाने का प्रस्ताव दिया था.

भारत प्रत्यर्पित किए जाने को लेकर चल रही अटकलों पर माल्या ने कहा था, 'मैं मीडिया में मेरे प्रत्यर्पण के फैसले को लेकर त्वरित अटकलों को देख रहा हूं. यह अलग है और यह कानूनी प्रक्रिया के तहत होगा.'

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माल्या ने कहा था, 'सबसे महत्वपूर्ण बिंदु सार्वजनिक धन है और मैं 100 फीसदी लौटाने का प्रस्ताव दे रहा हूं. मैंने विनम्रतापूर्वक बैंकों और सरकार से इसे लेने का आग्रह किया है. अगर इस भुगतान को लेने से इनकार किया जाता है, तो सवाल उठता है क्यों?'

माल्या ने ट्वीट कर कहा था, 'विमानन कंपनियां एटीएफ (एविएशन टरबाइन फ्यूल) की ऊंची कीमतों की वजह से वित्तीय संकट का सामना कर रही हैं. किंगफिशर एक शानदार विमानन कंपनी थी, लेकिन तब कच्चे तेल की कीमत 140 डॉलर प्रति बैरल पर पहुंच गई थी. इससे कंपनी का घाटा बढ़ा और साथ-साथ बैंकों का कर्ज भी. मैंने उन्हें पूरा मूलधन लौटाने का ऑफर दिया है. कृपया स्वीकार करें.'

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माल्या ने कहा था, 'राजनेता और मीडिया लगातार जोर-जोर से मुझे डिफाल्टर बता रहे हैं, जो बैंकों का पैसा लेकर भाग गया. यह सब झूठ है. मेरे साथ उचित व्यवहार क्यों नहीं किया जाता है और मेरे द्वारा कर्नाटक उच्च न्यायालय के समक्ष पेश किए गए व्यापक अदायगी प्रस्ताव पर इतने ही जोर-शोर से बात क्यों नहीं की जाती. यह सब दुखद है.'