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भारत के खिलाफ ट्विटर पर झूठ फैला रहे थे इमरान खान, UP पुलिस ने कर दी बड़ी वाली बेइज्जती

शायद दुनिया में पाकिस्तान ही एक ऐसा देश होगा जो इंटरनेशन लेवल पर बेशर्मी के साथ झूठ बोल देता है. साथ ही यह पूरा देश एक साथ झूठ बोलता है. चाहे इसके अधिकारियों की बातें करें या फिर इसके प्रधानमंत्री की. सब मिल कर बंपर तरीके से ट्विटर पर झूठ बोलते हैं.

Updated on: 04 Jan 2020, 12:17 PM

लखनऊ:

शायद दुनिया में पाकिस्तान ही एक ऐसा देश होगा जो इंटरनेशन लेवल पर बेशर्मी के साथ झूठ बोल देता है. साथ ही यह पूरा देश एक साथ झूठ बोलता है. चाहे इसके अधिकारियों की बातें करें या फिर इसके प्रधानमंत्री की. सब मिल कर बंपर तरीके से ट्विटर पर झूठ बोलते हैं. ऐसा ही एक झूठ फिर से पाकिस्तान ने बोला है. जिसका जवाब यूपी पुलिस ने दे. शुक्रवार को पाकिस्तानी प्रधानमंत्री इमरान खान नियाजी ने बांग्लादेश का एक वीडियो को ट्वीट करते हुए उसे भारत का बता दिया. इस वीडियो में पुलिस मुस्लिम युवकों को बुरी तरह पीट रही थी.

वीडियो बांग्लादेश का था. लेकिन पाकिस्तान प्रोपेगेंडा फैलाने की जल्दबाजी में फैक्ट चेक करना भूल गया. इमरान ने अपने ऑफिशियल ट्विटर हैंडल से यह वीडियो ट्वीट करते हुए लिखा 'भारत के UP में मुसलमानों पर पुलिस का कहर.' वीडियो में पुलिस को दंगा विरोधी गियर पहन कर लोगों को पीटते हुए दिखाया गया है. यह वीडियो जैसे ही इमरान ने पोस्ट किया लोगों ने ट्रोलिंग शुरु कर दी. लोगों ने इमरान को बताया कि यह भारत का वीडियो नहीं है बल्कि बांग्लादेश का है. इमरान के द्वारा फैलाए जा रहे झूठ को यूपी पुलिस ने भी करारा तमाचा जड़ दिया.

यूपी पुलिस ने लिखा कि यह वीडियो ढाका का है. रैपिड एक्शन बटालियन ने यह कार्वाई की थी. वीडियो में पुलिस की वर्दी पर यह लिखा हुआ देखा जा सकता है. इसके साथ ही इमरान की समझ को बढ़ाने के लिए यूपी पुलिस ने एक खबर का लिंक और वीडियो का लिंक भी ट्वीट कर दिया. इंटरनेशनल बेइज्जती देखते हुए इमरान ने अपना ट्वीट डिलीट कर दिया.

दरअसल इमरान खान उत्तर प्रदेश में CAA को लेकर हुई हिंसा से इस वीडियो को जोड़ना चाहते थे. जहां पुलिस को प्रदर्शनकारियों को रोकने के लिए बल का प्रयोग करना पड़ा. लेकिन यह वीडियो बांग्लादेश का था. वीडियो में पुलिस की वर्दी पर और ढाल पर RAB यानी रैपिड एक्शन बटालियन लिखा हुआ देखा जा सकता है. यह वीडियो साल 2013 का है जिसमें बांग्लादेश पुलिस और धर्मिक कट्टरपंथियों के बीच हिंसक झड़प हुई थी.