PM मोदी के ‘मेक इन इंडिया’में तकनीक के ऊपर कंट्रोल चाहती हैं अमेरिकी रक्षा कंपनियां
भारत में प्रोडक्शन यूनिट्स लगाने की चाह रखने वाली अमेरिका की डिफेन्स कंपनिया अब मेक इन इंडिया प्लान के तहत टेक्नोलॉजी पर पूरा मालिकाना हक़ चाहती है।
नई दिल्ली:
भारत में प्रोडक्शन यूनिट्स लगाने की चाह रखने वाली अमेरिका की डिफेन्स कंपनिया अब मेक इन इंडिया प्लान के तहत टेक्नोलॉजी पर पूरा मालिकाना हक़ चाहती है। इसके लिए अरबों डॉलर के सौदे हासिल करने की चाह रखने वाली अमेरिकी रक्षा कंपनियां भारत सरकार से इस बारे में मजबूत आश्वासन चाहती हैं।
यह बात रक्षा मंत्री को यूएस बिजनेस काउंसिल द्वारा लिखे गए एक पत्र में सामने आई है जिसमें साफ लिखा है कि वो आधे मालिकाना हक के पक्ष में नहीं हैं।
कंपनियों का यह भी कहना है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मेक इन इंडिया मुहिम के तहत लोकल पार्टनर के साथ बनाए गए प्रोडक्ट्स में यदि किसी तरह का डिफेक्ट आता है तो उसके लिए वह जिम्मेदार नहीं होंगी।
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यूएस-इंडिया बिजनेस काउंसिल (यूएसआइबीसी) ने रक्षा मंत्रालय को पत्र लिखकर ज्यादा भरोसे की मांग की है। इस ग्रुप में अमेरिका की चार सौ ऐसी कंपनियां शामिल हैं, जो रक्षा उत्पाद (विमान, पनडुब्बी व टैंक) बनाने का काम करती हैं। इनकी तकनीक का लोहा पूरा विश्व मानता है।
यूएसआइबीसी के निदेशक बेंजामिन एस का कहना है कि तकनीक पर नियंत्रण को लेकर अमेरिकी कंपनियां आशंकित हैं। उन्हें संयुक्त करार के उस बिंदु पर भी एतराज है जिसमें उत्पाद में कमी आने पर अमेरिकी कंपनी को दोषी ठहराया जा सके।
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