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चिनूक हेलीकॉप्टर के बाद भारत को अमेरिका से मिलेगा यह बड़ा 'हथियार'

अमेरिका ने भारत को 24 बहुउपयोगी MH60 'रोमियो' सीहॉक हेलीकॉप्टर की बिक्री को मंज़ूरी दे दी है. हेलीकॉप्टर पनडुब्बियों और पोतों पर अचूक निशाना साधने में सक्षम हैं

Updated on: 03 Apr 2019, 10:16 AM

नई दिल्ली:

चिनूक हेलीकॉप्टर के बाद भारत को अमेरिका से दुश्मनों को तबाह करने वाला एक और बड़ा 'हथियार' मिलने जा रहा है. बता दें कि मंगलवार को ट्रंप प्रशासन ने 2.4 अरब डॉलर की अनुमानित कीमत पर भारत को 24 बहुउपयोगी MH60 'रोमियो' सीहॉक हेलीकॉप्टर की बिक्री को मंज़ूरी दे दी है. भारत को पिछले एक दशक से अधिक समय से इन हेलीकॉप्टर की ज़रूरत थी. लॉकहीड मार्टिन द्वारा बनाए गए ये हेलीकॉप्टर पनडुब्बियों और पोतों पर अचूक निशाना साधने में सक्षम हैं. साथ ही हेलीकॉप्टर समुद्र में तलाश और बचाव कार्यों में भी उपयोगी है.

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अमेरिका ने कहा कि इन हेलीकॉप्टर की अनुमानित कीमत 2.4 अरब डॉलर होगी. इस बिक्री से भारत की सुरक्षा स्थिति सुधरेगी. भारत हिंद प्रशांत और दक्षिण एशिया क्षेत्र में राजनीतिक स्थिरता, शांति एवं आर्थिक प्रगति के लिए महत्वपूर्ण स्थान रखता है. अधिसूचना के अनुसार इस बढ़ी क्षमता से क्षेत्रीय खतरों से निपटने में भारत को मदद मिलेगी और उसकी गृह सुरक्षा मजबूत होगी। भारत को इन हेलीकॉप्टरों को अपने सशस्त्र बलों में शामिल करने में कोई दिक्कत नहीं होगी.

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हालांकि अधिसूचना के मुताबिक इस प्रस्तावित बिक्री से क्षेत्र में सैन्य संतुलन नहीं बिगड़ेगा. इन हेलीकॉप्टरों को दुनिया के सबसे अत्याधुनिक समुद्री हेलीकॉप्टर माना जाता है. ये हेलीकॉप्टर भारतीय नौसेना की मारक क्षमता को बढ़ाएंगे. विशेषज्ञों के अनुसार हिंद महासागर में चीन के आक्रामक व्यवहार के मद्देनजर भारत के लिए ये हेलीकॉप्टर जरूरी हैं. विदेश मंत्रालय ने अपनी अधिसूचना में कांग्रेस को बताया कि इस प्रस्तावित बिक्री की मदद से भारत और अमेरिका के सामरिक संबंधों को मजबूत करके अमेरिका की विदेश नीति और राष्ट्रीय सुरक्षा को मजबूत बनाने में काफी सहायक होगी.

बता दें कि भारत ने सितंबर 2015 में बोइंग के साथ 8,048 करोड़ रुपये में 15 सीएच-47एफ़ चिनूक हेलीकॉप्टर खरीदने का करार किया था. पिछले हफ्ते इन 15 हेलीकॉप्टर में से चार भारत को मिल चुके हैं. बाकी हेलीकॉप्टर अगले साल तक भारत को मिलने की उम्मीद है.