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बजट 2018 : वित्तमंत्री ने दी गरीब और किसानों को सौगात, यहां पढ़िए मुख्य बातें

केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली गुरुवार को लोकसभा में वित्त वर्ष 2018-19 का आम बजट पेश कर रहे हैं।

Updated on: 01 Feb 2018, 06:27 PM

नई दिल्ली:

केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली गुरुवार को लोकसभा में वित्त वर्ष 2018-19 का आम बजट पेश कर रहे हैं।

बजट की प्रमुख बातें :

केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने गुरुवार को लोकसभा में वित्त वर्ष 2018-19 का आम बजट पेश किया।

बजट की प्रमुख बातें :

- बजट में भारतीय रेल के लिए 2018-19 में 1,48,528 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं।

- सभी रेलगाड़ियों को वाई-फाई, सीसीटीवी और अन्य अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस किया जाएगा।

- ग्रामीण क्षेत्रों में इंटरनेट की सुविधा सुगम बनाने के लिए पांच लाख वाई-फाई हॉटस्पॉट स्थापित किए जाएंगे।

- सरकार क्रिप्टोकरेंसी के इस्तेमाल पर रोक लगाने के लिए हरसंभव प्रयास करेगी, जिसका इस्तेमाल अवैध लेनदेन के लिए किया जा रहा है।

- निजी उपक्रमों को भी यूनीक आईडी से जोड़ा जाएगा।

- सरकार की स्वच्छ भारत मिशन के तहत और दो करोड़ शौचालयों के निर्माण की योजना है।

- वित्त वर्ष 2018-19 में टेक्सटाइल क्षेत्र के लिए 7,148 करोड़ रुपये आवंटित किए जाएंगे।

- प्रत्येक तीन संसदीय क्षेत्रों में एक सरकारी मेडिकल कॉलेज खुलेगा।

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- किसानों की मेहनत के बूते 27.5 करोड़ टन से अधिक खाद्यान्न की रिकॉर्ड पैदावार हुई। इसके साथ ही लगभग 30 करोड़ टन बागवानी उत्पादन हुआ।

- सिर्फ कारोबार करने में आसानी पर ही नहीं, बल्कि जीवनयापन को सुगम बनाने पर भी ध्यान केंद्रित।

- इस साल 70 लाख रोजगारों का सृजन हुआ। सरकार अगले तीन वर्षो में सभी क्षेत्रों में ईपीएफ के तौर पर 12 फीसदी के वेतन का योगदान करेगी।

- सरकार ने स्वास्थ्य सुरक्षा को नए स्तर पर ले जाने का फैसला किया है। देश के 10 करोड़ गरीब और वंचित परिवारों के लिए राष्ट्रीय स्वास्थ्य सुरक्षा योजना शुरू की जाएगी। इससे लगभग लगभग 50 करोड़ लोगों को लाभ होगा।

- राष्ट्रीय स्वास्थ्य सुरक्षा योजना के तहत प्रतिवर्ष प्रति परिवार पांच लाख रुपये का मेडिकल खर्च प्रदान किया जाएगा। यह विश्व की सबसे बड़ी स्वास्थ्य सुरक्षा योजना होगी।

- सरकार स्थाई रूप से सार्वभौमिक स्वास्थ्य सुरक्षा की ओर बढ़ रही है।

- दिल्ली-एनसीआर में वायु प्रदूषण चिंता का विषय। हरियाणा, पंजाब, उत्तर प्रदेश, दिल्ली में इस समस्या से निपटने के लिए विशेष योजनाएं शुरू की जाएंगी।

- स्कूली बुनियादी ढांचे के जीर्णोद्धार के लिए 'राइज' योजना शुरू की जाएगी जिसके तहत अगले चार वर्षो में 1 लाख करोड़ रुपये से अधिक आवंटित किए जाएंगे।

- अनुसूचित जाति एवं जनजाति के लिए एकलव्य स्कूल शुरू किए जाएंगे।

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- साल 2022 तक 50 फीसदी एसटी आबादी वाले और 20,000 जनजातीय लोगों को नवोदय विद्यालयों के अनुरूप एकलव्य स्कूलों की सुविधा दी जाएगी।

- शिक्षकों की गुणवत्ता में सुधार के लिए एकीकृत बी.एड कार्यक्रम शुरू होगा।

- देश आठ फीसदी से अधिक विकास दर हासिल करने के मार्ग पर प्रशस्त है।

- साल 2018-19 में कृषि के लिए 11 लाख करोड़ रुपये का ऋण प्रस्तावित।

- उज्जवला योजना के तहत आठ करोड़ महिलाओं को निशुल्क गैस कनेक्शन, जबकि सौभाग्य योजना के तहत गरीबों को चार करोड़ बिजली कनेक्शन की सुविधा।

- मत्स्यपालन एवं पशुपालन क्षेत्र में बुनियादी ढांचे के विकास के लिए 10,000 करोड़ रुपये के कोष बनाए जाएंगे।

- ऑपरेशन ग्रीन के लिए 500 करोड़ रुपये का आवंटन।

- कृषि बाजारों के विकास के लिए 2000 करोड़ रुपये का कोष स्थापित किया जाएगा।

- 470 कृषि उत्पाद बाजार समितियों को ईनैम (राष्ट्रीय कृषि बाजार) नेटवर्क से जोड़ा गया है, बाकी को मार्च 2018 तक कनेक्ट कर लिया जाएगा।

- सभी फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य को बढ़ाकर उत्पादन मूल्य का 1.5 गुना किया जाएगा।

- सरकार कारोबार करने में आसानी के बाद अब गरीबों और मध्यमवर्गीय वर्ग के जीवन को सुगम बनाएगी।

- खाद्य प्रसंस्करण मंत्रालय के लिए आवंटन की राशि दोगुनी की जा रही है, विशेष रूप से कृषि प्रसंस्करण और वित्तीय संस्थानों को बढ़ावा दिया जाएगा।

- -भारत अब 2500 अरब डॉलर की अर्थव्यवस्था है और यह जल्द ही आठ फीसदी की विकास दर हासिल करने के मार्ग पर अग्रसर है।

- कृषि, ग्रामीण अर्थव्यवस्था, स्वास्थ्य, इन्फ्रा और वरिष्ठ नागरिकों पर ध्यान केंद्रित करेंगे।

- वित्त वर्ष 2017-18 की दूसरी छमाही में विकास दर 7.2 से 7.5 फीसदी रहने की उम्मीद।

- अधिक पारदर्शी तरीके से प्राकृतिक संसाधनों का आवंटन कर रहे हैं।

- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में सरकार ने कई मूलभूत संरचनात्मक सुधार लागू किए हैं।