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ब्रिटेन ने भगोड़े माल्या के प्रत्यर्पण को दी मंजूरी, अरुण जेटली ने कहा- मोदी सरकार ने बढ़ाया एक और कदम

करोड़ों की धोखाधड़ी कर फरार चल रहे शराब कारोबारी विजय माल्या को लेकर भारत सरकार को बड़ी कामयाबी मिली है. UK गृह सचिव ने माल्या के प्रत्यर्पण को मंज़ूरी दे दी है.

Updated on: 05 Feb 2019, 12:14 AM

नई दिल्ली:

करोड़ों की धोखाधड़ी कर फरार चल रहे शराब कारोबारी विजय माल्या को लेकर भारत सरकार को बड़ी कामयाबी मिली है. UK गृह सचिव ने माल्या के प्रत्यर्पण को मंज़ूरी दे दी है. इस अहम फैसले को भारत की कूटनीतिक जीत के तौर पर देखा जा रहा है. न्यूज एजेंसी ANI के मुताबिक, गृह सचिव ने माल्या के प्रत्यर्पण आदेश पर हस्ताक्षर कर दिए हैं. अपने प्रत्यर्पण के खिलाफ अपील करने के लिए माल्या के पास 14 दिन का समय है. कुछ दिन पहले ही ब्रिटेन की वेस्टमिंस्टर मजिस्ट्रेट अदालत ने माल्या के प्रत्यर्पण का आदेश दिया था. माल्या पर कथित रूप से 9,000 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी तथा मनी लांड्रिंग का आरोप है.

इससे पहले पिछले महीने जनवरी में जांच एजेंसियों को बड़ी जीत हासिल हुई थी. मुंबई की एक अदालत ने फरार चल रहे शराब कारोबारी विजय माल्या को भगोड़ा आर्थिक अपराधी कानून 2018 के तहत भगोड़ा करार दिया था, जोकि जांच एजेंसियों की एक बड़ी जीत है. माल्या के प्रत्यर्पण पर केंद्रीय मंत्री अरुण जेटली की प्रतिक्रिया सामने आई है. अरुण जेटली ने ट्वीट कर लिखा, 'शारदा के घोटालेबाजों के समर्थन में विपक्ष की रैली के बीच मोदी सरकार ने माल्या के प्रत्यर्पण की दिशा में एक और कदम.'

माल्या (63) को विशेष अदालत ने अदालत के सामने पेश होने के लिए 27 अगस्त को समन जारी किया था, लेकिन वह अदालत के समन का सम्मान करने में विफल रहे. इसके अलावा माल्या ने ईडी द्वारा उनसे पूछताछ करने के लिए भेजे नोटिस, समन और गिरफ्तारी वारंट का भी अनुपालन करने में वह विफल रहे. वह मार्च 2016 में देश छोड़कर बाहर चले गए, जबकि भारतीय स्टेट बैंक की अगुवाई में 13 बैंकों का एक कंसोर्टियम उनके खिलाफ 9,000 करोड़ रुपये से अधिक रकम के कर्ज की वसूली की कार्यवाही शुरू करने जा रहा था. भारतीय स्टेट बैंक एसबीआई के नेतृत्व वाले 13 बैंकों का एक संघ माल्या के खिलाफ ऋण वसूली कार्यवाही शुरू करने की तैयारी कर रहा है. माल्या के खिलाफ मुंबई की एक विशेष अदालत में भगोड़ा आर्थिक अपराधी अधिनियम के तहत सुनवाई जारी है. भारत ने 2017 के अंत में माल्या के खिलाफ प्रत्यर्पण की कार्यवाही शुरू की थी, जिसका उसने विरोध किया था. वह फिलहाल लंदन में जमानत पर बाहर है.

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पिछले साल भारत सरकार ने उनके प्रत्यर्पण की कार्यवाही शुरू की थी, जिसका उन्होंने विरोध किया है. मामले में अंतिम फैसला आना बाकी है, फिलहाल वह जमानत पर लंदन में हैं.