उद्धव ठाकरे ने महाराष्ट्र की राजनीति में इसलिए लपेटा आरएसएस को, किए एक तीर से दो शिकार
शिवसेना भी अच्छी तरह से जानती है कि राज्य में नई सरकार के गठन में राज्यपाल अब संवैधानिक विकल्पों पर ही आगे बढ़ेंगे. इसे समझते हुए शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने पहले ही आरएसएस को लपेट राज्यपाल के संभावित निर्णयों पर अपनी प्रतिक्रिया दे दी है.
highlights
- उद्धव ठाकरे ने कहा था, 'आरएसएस बताए कि क्या अब झूठ ही हिंदुत्व हो गया है.'
- निशाने पर थे महाराष्ट्र के राज्यपाल बीएस कोशियारी, जो संघ के प्रचारक रहे हैं.
- बदली सियासी गतिविधियों या गतिरोध में कोशियारी को ही लेना होगा अगला फैसला.
New Delhi:
महाराष्ट्र में देवेंद्र फडणनवीस ने शुक्रवार को सीएम पद से इस्तीफा देने के बाद राज्य में नई सरकार के गठन न हो पाने का पूरा ठीकरा शिवसेना के 'झूठ' और 'भड़काऊ बयानबाजी' पर फोड़ा. सियासी गतिरोध और आरोप प्रत्यारोप के इस दौर में इसके बाद बारी आई शिवसेना अध्यक्ष उद्धव ठाकरे की. उन्होंने सरकार के गठित नहीं हो सकने के लिए गृह मंत्री अमित शाह से लेकर अपने 'मित्र' और फिलहाल कार्यवाहक सीएम देवेंद्र फडणनवीस को कठघरे में खड़ा करने में देर नहीं लगाई. यही नहीं, उन्होंने केंद्र सरकार की तमाम योजनाओं की आड़ में आरएसएस को भी घेरते हुए एक कदम आगे बढ़ महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोशियारी को भी अपने लपेटे में ले लिया. जाहिर है नए सियासी घटनाक्रम में अब ऊंट किस करवट बैठेगा यह काफी हद तक राज्यपाल बीएस कोशियारी पर ही निर्भर करेगा.
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राज्यपाल कोशियारी पर टिकी सबकी निगाहें
गौरतलब है कि महाराष्ट्र के बदले सियासी माहौल में अब केंद्रीय भूमिका में भगत सिंह कोशियारी आ चुके हैं. इस भूमिका में आते ही उन्होंने सीएम देवेंद्र फडणनवीस का इस्तीफा स्वीकार करते हुए उन्हें अगले निर्देश तक राज्य के कार्यकारी मुख्यमंत्री बतौर कामकाज संभालने का निर्देश दे दिया. जाहिर है अब बीएस कोशियारी का अगला कदम क्या होगा, इस पर कयास लगने शुरू हो गए हैं. हालांकि राज्यपाल कोशियारी ने इस भूमिका की तैयारी शुक्रवार सुबह से ही शुरू कर दी थी, जब उन्होंने संवैधानिक स्थितियों पर चर्चा करने के लिए विशेषज्ञों के साथ बैठक कर स्थिति को समझा.
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इसीलिए उद्धव ठाकरे ने आरएसएस की आड़ में उन्हें लिया निशाने पर
इस बात को शिवसेना भी अच्छी तरह से जानती है कि राज्य में नई सरकार के गठन में राज्यपाल अब संवैधानिक विकल्पों पर ही आगे बढ़ेंगे. जाहिर है उनके अगले कदम का राजनीतिक दल अपने-अपने हिसाब से अर्थ निकालेंगे. इसे समझते हुए शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने पहले ही आरएसएस को लपेट राज्यपाल के संभावित निर्णयों पर अपनी प्रतिक्रिया दे दी है. उद्धव ठाकरे ने स्पष्ट कर दिया है कि अगर स्थितियां उनके या पार्टी के अनुकूल नहीं बैठती हैं, तो वह राज्यपाल की आड़ में संघ पर निशाना साधने से बाज नहीं आएगी. गौरतलब है कि उद्धव ठाकरे ने देवेंद्र फडणनवीस के हमलों का जवाब देते हुए आरएसएस पर तंज कसते हुए कहा था, 'आरएसएस बताए कि क्या अब झूठ ही हिंदुत्व हो गया है.'
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संघ के प्रचारक और उत्तराखंड में बीजेपी के पुरौधा रहे हैं कोशियारी
गौरतलब है कि भगत सिंह कोशियारी आरएसएस के प्रचारक रहे हैं और उत्तराखंड में कांग्रेस के गढ़ को ध्वस्त करते हुए बीजेपी को सत्तानशीं कराया है. कुमाऊं की राजनीति में उन्हें इसीलिए 'भगत दा' के नाम से जाना जाता है. यही नहीं, राज्य के अधिकांश दिग्गज बीजेपी नेताओं ने, चाहे वह मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत हों या मंत्री धन सिंह रावत हो, उनसे ही राजनीति का ककहरा सीखे हैं. इस बात को शिवसेना भी जानती है खांटी संघी होने के कारण कोशियारी का झुकाव किस तरफ होने वाला है. हालांकि कोशियारी का अगला राजनीतिक कदम विशुद्ध रूप से संवैधानिक कसौटी पर कसा हुआ होगा, लेकिन शिवसेना ने अपने इरादे जाहिर कर दिए हैं कि वह क्या रुख अपनाने वाली है.
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