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त्रिपुरा में सीपीएम के बड़े नेता ने बीजेपी में ली शरण, पार्टी पर लगाया गंभीर आरोप

बीजेपी के राष्ट्रीय सचिव और त्रिपुरा प्रभारी सुनील देवधर ने बिस्वजीत दत्ता में पार्टी का स्वागत करते हुए कहा कि दत्ता सीपीएम के सबसे ईमानदार नेताओं में एक रहे हैं।

Updated on: 01 Sep 2018, 05:27 PM

अगरतला:

त्रिपुरा में मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (सीपीएम) के पूर्व विधायक बिस्वजीत दत्ता ने पार्टी पर भ्रष्टाचार, गुटबाजी और आपराधिक गतिविधियों में संलिप्तता का आरोप लगाकर राज्य में सत्ताधारी भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) में शामिल हो गए। 68 वर्षीय नेता दत्ता ने राजधानी अगरतला से 50 किलोमीटर खोवई जिले में शुक्रवार शाम को बीजेपी में शामिल हो गए। बीजेपी के राष्ट्रीय सचिव और त्रिपुरा प्रभारी सुनील देवधर ने बिस्वजीत दत्ता में पार्टी का स्वागत करते हुए कहा कि दत्ता सीपीएम के सबसे ईमानदार नेताओं में एक रहे हैं।

साल 1964 से सीपीएम से जुड़े रहने वाले दत्ता ने पार्टी पर आरोप लगाते हुए कहा कि फरवरी 2018 में हुए विधानसभा चुनाव से पहले उनके खिलाफ साजिश रची गई थी। उन्होंने दावा किया कि उन्हें जबरदस्ती अस्पताल में भर्ती कराया गया और चुनाव में दूसरे लेफ्ट उम्मीदवार को उतारा गया था।

बता दें कि त्रिपुरा लेफ्ट फ्रंट कमेटी ने इस साल के विधानसभा चुनाव में आम सहमति से उम्मीदवार के लिए दत्ता के नाम की घोषणा की थी। लेकिन बाद में उनकी जगह पूर्व एसएफआई नेता निर्मल बिस्वास को उम्मीदवारी दी गई थी।

बिस्वजीत दत्ता ने कहा, 'पार्टी के एक गुट के द्वारा मेरे खिलाफ क्रूर और आपराधिक साजिश रची गई थी। चुनाव से पहले मुझे जबरदस्ती अस्पताल में भर्ती कराया गया था ताकि मैं चुनाव नहीं लड़ सकूं। यह पूरी साजिश सीपीएम राज्य कमेटी द्वारा समर्थित थी।'

उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा, 'बीमारी की कहानी झूठी और मनगढ़ंत थी जिससे मुझे जबरदस्ती लेफ्ट उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ने से रोका गया। अस्पताल में भर्ती होना एक ड्रामा था।'

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बिस्वजीत दत्ता ने सीपीएम के सभी पदों से इसी साल 18 अप्रैल को इस्तीफा दिया था। दत्ता के आरोपों पर जवाब देते हुए सीपीएम नेता और त्रिपुरा विधानसभा के पूर्व स्पीकर पबित्रा कार ने कहा कि सभी जानते हैं कि बिस्वजीत दत्ता बीमार थे और उनकी हालत काफी नाजुक थी। एक बीमार व्यक्ति को हम कैसे चुनाव लड़ने के लिए उतारते।