logo-image

Triple Talaq Bill: आज लोकसभा में मोदी सरकार पेश करेगी अपना पहला बिल, ये पार्टियां करेंगी विरोध

जेडीयू नेता ने कहा था कि वो तीन तलाक पर एनडीए का समर्थन नहीं करेगी. जेडीयू इसके खिलाफ है और लगातार रहेगी

Updated on: 21 Jun 2019, 10:18 AM

highlights

  • आज लोकसभा में पेश होगा तीन तलाक बिल
  • 17वीं लोकसभा में मोदी सरकार का  पहला बिल
  • कांग्रेस-जेडीयू करेगी विरोध

नई दिल्ली:

17वीं लोकसभा में मोदी सरकार आज यानी 21 जून अपना पहला बिल पेश.  ये बिल तीन तलाक पर होगा. केंद्रीय कानून मंत्री शुक्रवार को संसद में तीन तलाक बिल पेश करेंगे.  दरअसल मोदी सरकार के पिछले कार्यकाल में तीन तलाक बिल लोकसभा में पास हो गया था लेकिन राज्यसभा में ये बिल पास नहीं हो पाया था. ऐसे में 17वीं लोकसभा में इसे एकबार फिर पेश किया जाएगा. हालांकि माना ये बी जा रहा है कि  कांग्रेस और जेडीयू तीन तलाक बिल का विरोध कर सकते हैं. 

यह भी पढ़ें: दिल्ली: कालिंदी कुंज मेट्रो स्टेशन के पास फर्नीचर बाजार में लगी भीषण आग, रोकी गई मेट्रो

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक जेडीयू नेता ने कहा था कि वो तीन तलाक पर एनडीए का समर्थन नहीं करेगी. जेडीयू इसके खिलाफ है और लगातार रहेगी. जेडीयू नेता और बिहार के मंत्री श्याम रजक ने कहा कि तीन तलाक एक सामाजिक मुद्दा है और इसे सामाजिक स्तर पर समाज के द्वारा सुलझाया जाना चाहिए. रजक ने कहा कि जेडीयू ने राज्यसभा में तीन तलाक विधेयक के खिलाफ वोट दिया था. इसके पहले नीतीश कुमार ने सार्वजनिक तौर पर तीन तलाक विधेयक का विरोध किया था.

वहीं दूसरी तरफ कांग्रेस भी तीन तलाक बिल के विरोध में है. इसका ऐलान पार्टी पहले ही कर चुकी है. पार्टी नेता अभिषेक मनु सिंघवी का कहना है कि, पार्टी ने इस बिल पर कुछ बुनियादी मुद्दे उठाए हैं जिनमें से कुछ पर सरकार भी सहमत है. उन्होंने कहा, 'बहुत सारा समय बच सकता था अगर सरकार हमारे पहले के बिंदुओं पर सहमत हो गई होती.'

यह भी  पढ़ें: International Yoga Day 2019: राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद और PM मोदी के साथ पूरी दुनिया ने किया योग

सिंघवी ने कहा, 'अभी भी एक या दो बिंदु बचे हैं..और उन बिंदुओं पर चर्चा की जरूरत है. हम इसका (विधेयक का) विरोध करेंगे.' सिंघवी की टिप्पणी सरकार द्वारा आगामी सत्र में संसद में तीन तलाक के खिलाफ एक विधेयक के पेश किए जाने की घोषणा के बाद आई थी जिसमें तीन तलाक देने वाले को तीन साल की सजा का प्रावधान है.

यह भी  पढ़ें: International Yoga Day 2019: योगमय हुई दुनिया, किसी ने पानी में तो किसी ने माइनस डिग्री में किए आसान

केंद्रीय मंत्रिमंडल ने 13 जून को मुस्लिम महिला (विवाह अधिकार संरक्षण) विधेयक, 2019 को मंजूरी दे दी. यह फरवरी में घोषित किए गए अध्यादेश का स्थान लेगा. सरकार का कहना है कि यह विधेयक लैंगिक समानता व लैंगिक न्याय सुनिश्चित करेगा. यह शादीशुदा मुस्लिम महिलाओं के अधिकारों का संरक्षण करेगा और 'तलाक-ए-बिद्दत' से तलाक को रोकेगा.

(IANS से इनपुट)