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चैनलों की छूट पर प्रतिबंध के संबंध में दोबारा विचार की जरूरत : ट्राई

भारतीय दूरसंचार विनियामक प्राधिकरण (ट्राई) ने केबल और ब्रॉडकास्टिंग सेवा के लिए नया रेग्यूलेटरी फ्रेमवर्क लागू होने के बाद चैनल समूहों पर प्रसारकों द्वारा दी जाने वाली छूट की पेशकश पर प्रतिबंध लगाने पर दोबारा विचार करने के लिए सुझाव पत्र जारी किया है.

Updated on: 17 Aug 2019, 08:11 AM

नई दिल्ली:

भारतीय दूरसंचार विनियामक प्राधिकरण (ट्राई) ने केबल और ब्रॉडकास्टिंग सेवा के लिए नया रेग्यूलेटरी फ्रेमवर्क लागू होने के बाद चैनल समूहों पर प्रसारकों द्वारा दी जाने वाली छूट की पेशकश पर प्रतिबंध लगाने पर दोबारा विचार करने के लिए सुझाव पत्र जारी किया है. ट्राई ने शुक्रवार को प्रसारकों की आलोचना करते हुए कहा कि अलग-अलग चैनलों के मूल्य की तुलना में समूह पर छूट की पेशकश पर किसी प्रकार का प्रतिबंध नहीं होने से समूह पर भारी छूट देकर इसका दुरुपयोग किया जा रहा है.

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ट्राई ने एक बयान में कहा, 'नए रेग्यूलेटरी फ्रेमवर्क के तहत प्रसारकों द्वारा घोषित शुल्क से जाहिर है कि चैनलों के समूह (बुके) पर छूट अलग-अगल चैनलों के शुल्कों के योग का 70 फीसदी तक है. इससे जाहिर होता है कि चैनलों के समूह के लिए छूट की पेशकश पर कोई प्रतिबंध नहीं होने की वजह से प्रसारक अलग-अलग चैनलों का भ्रामक शुल्क रखता है जिससे उपभोक्ताओं की अलग-अलग चैनलों की पसंद पर प्रभाव पड़ता है.'