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वंदे मातरम नहीं मानने वालों को देश में रहने का अधिकार नहीं : प्रताप सारंगी

देश विभाजन का पाप तो कांग्रेस ने किया था, लेकिन उसका प्रायश्चित हम कर रहे हैं इसलिए उन्हें इसका स्वागत करना चाहिए.

Updated on: 19 Jan 2020, 10:03 AM

highlights

  • कांग्रेस नागरिकता संशोधन कानून पर भ्रम फैला कर रही दुष्प्रचार.
  • कांग्रेस का अस्तित्व संकट में, इसलिए लगा रही है देश में आग.
  • जिन्हें वंदे मातरम स्वीकार नहीं, उन्हें देश में रहने का भी अधिकार नहीं

सूरत:

केंद्रीय मंत्री और बीजेपी सांसद प्रताप चंद्र सारंगी ने नागरिकता संशोधन कानून को लेकर कांग्रेस पर भ्रम फैलाने और दुष्प्रचार करने का आरोप लगाते हुए कहा कि जिन्हें भारत की आजादी, एकता और वंदे मातरम स्वीकार नहीं है, उन्हें इस देश में रहने का भी कोई अधिकार नहीं है. उन्होंने कहा कि सीएए लागू करना देश के विभाजन के पाप का प्रायश्चित है. इसके पहले जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 को हटाए जाने पर भी सांरग ने ऐसा ही बयान दिया था कि वंदे मातरम को स्वीकार नहीं करने वालों को देश में रहने का हक नहीं.

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सीएए 70 साल पहले लागू हो जाना चाहिए था
नागरिकता संशोधन कानून को लेकर सवाल पूछे जाने पर उन्होंने कहा, 'लोगों को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का शुक्रगुजार होना चाहिए, जिन्होंने पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश में धार्मिक उत्पीड़न का शिकार हिंदू, सिख, जैन, पारसी, बौद्ध और ईसाई को भारतीय नागरिकता देने के लिए कानून बनाया. सीएए तो देश में 70 साल पहले ही लागू हो जाना चाहिए था.' सारंगी ने आगे कहा कि यह (सीएए) देश विभाजन के पाप का प्रायश्चित है. ऐसे में उन्हें (कांग्रेस को) इसका अभिनंदन करना चाहिए.

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कांग्रेस पर साधा निशाना
सारंगी ने कहा कि (देश विभाजन का) पाप तो कांग्रेस ने किया था, लेकिन उसका प्रायश्चित हम कर रहे हैं इसलिए उन्हें इसका स्वागत करना चाहिए. उन्होंने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि वे लोग इसका विरोध क्यों कर रहे हैं? क्योंकि उनका अस्तित्व समाप्त होते जा रहा है इसलिए वे देश में आग लगा रहे हैं. उन्होंने कहा, 'जो आग लगाता है मैं उसको देशप्रेमी नहीं मानता. जिन्हें भारत की आजादी, अखंडता और वंदे मातरम स्वीकार नहीं है उनको देश में रहने का कोई अधिकार नहीं है.'