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राजनीति के इन दिग्गज नेताओं ने बदल दिया महाराष्ट्र का सियासत का गणित

शनिवार की सुबह लगभग सवा आठ बजे देवेंद्र फडणवीस ने सीएम पद की शपथ ग्रहण कर ली उनके साथ एनसीपी नेता अजित पवार ने डिप्टी सीएम पद की शपथ ग्रहण की.

Updated on: 25 Nov 2019, 06:22 PM

नई दिल्‍ली:

पिछले एक महीने से महाराष्ट्र में सत्ता को लेकर घमासान जारी है भारतीय जनता पार्टी ने शिवसेना के साथ मिलकर चुनाव लड़ा जिसमें बीजेपी को 105 सीटें और शिवसेना को 56 सीटें मिलीं. इसके बाद शिवसेना ने ढाई-ढाई साल सीएम के पद की मांग रख दी जिसके बाद दोनों दलों में घमासान जारी हो गया. बीजेपी ने संख्या के आभाव में सरकार बनाने से मना कर दिया जबकि शिवसेना ने कांग्रेस और एनसीपी के सहयोग से सरकार बनाने का दावा पेश करने की बात कही लेकिन राज्यपाल ने उन्हें 48 घंटों का समय नहीं दिया जिसके बाद राज्य में सियासी घमासान जारी हो गया और राज्य में राष्ट्रपति शासन लागू कर दिया गया.

इस बीच शनिवार की सुबह लगभग सवा आठ बजे देवेंद्र फडणवीस ने सीएम पद की शपथ ग्रहण कर ली उनके साथ एनसीपी नेता अजित पवार ने डिप्टी सीएम पद की शपथ ग्रहण की. देवेंद्र फडणवीस ने सीएम पद की शपथ ग्रहण तो कर ली लेकिन अब उनके सामने बड़ा सवाल है कि वो फ्लोर टेस्ट साबित कर पाएंगे या नहीं क्योंकि एनसीपी से विद्रोह कर अजित पवार ने विधायकों का समर्थन पत्र तो राज्यपाल को दे दिया लेकिन पार्टी के मुखिया शरद पवार ने इन बातों से इनकार किया और अजित पवार पर पार्टी से विद्रोह करने का आरोप लगाया.

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शरद पवार ने कहा कि वो अजित पवार पर इसके लिए कार्रवाई करेंगे. इस तरह से महाराष्ट्र में अभी भी शह और मात का खेल जारी है. आइए आपको बताते हैं उन प्रमुख सियासी नामों के बारे में जिन्होंने प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप से महाराष्ट्र के इस सियासी घटनाक्रम में अपनी अहम भूमिका अदा की है. आपको बता दें कि ये वही सियासी खिलाड़ी हैं जिन्होंने राज्य में राष्ट्रपति शासन हटाए जाने, दो नेताओं को शपथ दिलाए जाने और फिर मामला सुप्रीम कोर्ट में आने तक पूरे घटनाक्रम पर सवाल उठाए हैं.

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अजित पवार
महाराष्ट्र में मचे सियासी घमासान में अजित पवार ने हर किसी को चौंका दिया है. अजित पवार ने पार्टी मुखिया शरद पवार को बताए बिना ही विधायकों के दस्तखत वाला समर्थन पत्र राज्यपाल को देकर महाराष्ट्र के पूरे सियासी माहौल को पलट दिया. बीजेपी की हारी हुई बाजी वापस आ गई और सरकार बनाने से मना करने वाली बीजेपी को एक बार फिर से सत्ता की चाबी सौंप दी इसके बदले में अजित पवार को उपमुख्यमंत्री का पद मिला. अजित पवार, शरद पवार के भतीजे हैं. वे शुक्रवार शाम तक एनसीपी प्रमुख शरद पवार के साथ थे, लेकिन शनिवार सुबह उन्होंने भाजपा की अगुवाई वाली सरकार में उप मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली.

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शरद पवार
शरद पवार को महाराष्ट्र की राजनीति का धुरंधर खिलाड़ी माना जाता है. शनिवार को भाजपा की अगुवाई वाली सरकार में भतीजे अजित पवार के उप मुख्यमंत्री बनते ही 78 वर्षीय शरद पवार ने मोर्चा संभाल लिया और पार्टी विधायकों को एकजुट करने की कवायद में जुट गए. शुक्रवार की शाम को शरद पवार का बयान आया था कि कांग्रेस और एनसीपी के सहयोग से उद्धव ठाकरे सरकार बनाएंगे लेकिन शनिवार को घटनाक्रम पूरी तरह से इसके उलट था. जिसके बाद शरद पवार ने कहा कि उनकी पार्टी पूरी तरह से शिवसेना और कांग्रेस के साथ है साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि उनकी पार्टी का बीजेपी से गठबंधन का सवाल ही नहीं उठता है.

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देवेंद्र फडणवीस
महाराष्ट्र में पिछले 40 सालों से कोई भी मुख्यमंत्री अपना पांच साल कार्यकाल पूरा नहीं कर पाया है, देवेंद्र फडणवीस ने पिछले 40 सालों का रिकॉर्ड तोड़ते हुए पांच साल का कार्यकाल पूरा कर दिया. महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने उन्हें शपथ दिलाकर एक बार फिर से महाराष्ट्र की सत्ता सौंप दी है. देवेंद्र फडणवीस को अब बीजेपी विधायक दल के नेता के तौर पर विधानसभा में बहुमत साबित करना है.

संजय राउत
महाराष्ट्र की सियासत में मौजूदा समय में संजय राउत बड़ा नाम बनकर उभरे हैं. संजय राउत शिवसेना के राज्यसभा सांसद और पार्टी के प्रवक्ता हैं. महाराष्ट्र में मौजूदा घटनाक्रम में संजय राउत ने एक नई दिशा देने की कोशिश की राउत के इस प्रयास ने महाराष्ट्र की राजनीति में उनका कद और भी ऊंचा किया है. आपको बता दें संजय राउत शिवसेना के प्रमुख रणनीतिकारों में से एक हैं और अपने तर्कपूर्ण बयानों के लिए जाने जाते हैं.

उद्धव ठाकरे
भारतीय जनता पार्टी के साथ मिलकर महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में मैदान में उतरे शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे मुख्यमंत्री के मुद्दे पर गठबंधन से अलग हो गए और एनसीपी और कांग्रेस के साथ मिलकर सरकार बनाने की कवायद शुरू कर दी. उद्धव ठाकरे शुक्रवार की शाम तक कांग्रेस और एनसीपी के सहयोग से सरकार बनाने की तैयारी कर रहे थे लेकिन शनिवार की सुबह जब सोकर भी नहीं उठे होंगे तब तक राज्यपाल ने महाराष्ट्र के सीएम पद की शपथ देवेंद्र फडणवीस को दिलवा दी.

अशोक चव्हाण
अशोक चव्हाण महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के बड़े नेता हैं. महाराष्ट्र विधानसभा के बाद शिवसेना को कांग्रेस और एनसीपी के साथ सरकार बनाने के लिए राजी करने में सबसे बड़ा हाथ रहा है. विधानसभा चुनाव के दौरान अशोक चाव्हाण भारतीय जनता पार्टी पर लगातार हमला करते आए हैं.

भगत सिंह कोश्यारी
भगत सिंह कोश्यारी मौजूदा समय में महाराष्ट्र के राज्यपाल हैं वो उत्तराखंड में बीजेपी के मुख्यमंत्री रह चुके हैं. महाराष्ट्र की सियासी उठापटक में उनका अहम रोल रहा है. जब किसी राज्य में किसी भी दल को स्पष्ट बहुमत नहीं मिलता तो राज्यपाल की भूमिक काफी अहम हो जाती है. चुनाव के बाद नई सरकार के गठन के लिए तय समयावधि में जब मुख्यमंत्री नहीं चुना जा सका तो राज्य में राष्ट्रपति शासन लगा दिया गया. लेकिन शनिवार को सुबह साढ़े पांच बजे राष्ट्रपति शासन हटाकर लगभग सवा आठ बजे राज्यपाल कोश्यारी ने बीजेपी नेता देवेन्द्र फडणवीस को मुख्यमंत्री और एनसीपी नेता अजित पवार को उप मुख्यमंत्री पद की शपथ दिलाई.

रामनाथ कोविंद
महाराष्ट्र में मचे सियासी घमासान के बीच राज्य में राष्ट्रपति शासन लागू कर दिया गया था लेकिन शिवसेना ने शुक्रवार की शाम तक कांग्रेस और एनसीपी से समर्थन हासिल करने का आशवासन हासिल कर लिया था. लेकिन शनिवार की सुबह तड़के पांच बजकर 47 मिनट पर महाराष्ट्र से राष्ट्रपति शासन हटा दिया गया. आपको बता दें कि यह राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की मंज़ूरी के बिना ये संभव नहीं था. हालांकि इसकी अनुशंसा केंद्रीय मंत्रिमंडल करता है, लेकिन उस पर अंतिम मुहर राष्ट्रपति को ही लगानी होती है.

अमित शाह
भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और गृहमंत्री अमित शाह को राजनीति का दिग्गज खिलाड़ी माना जाता है. महाराष्ट्र में मुख्यमंत्री के मुद्दे पर शिवसेना से गठबंधन टूटने के बाद राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाने में अमित शाह की बड़ी भूमिका मानी जाती है. इसके बाद शनिवार को अचानक एनसीपी के सहयोग से देवेन्द्र फडणवीस को मुख्यमंत्री पद की शपथ दिला दी जाती है. माना जाता है कि इस पूरे राजनीतिक घटनाक्रम में शाह की बड़ी अहम भूमिका रही है.