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एफपीआई सरचार्ज पर सफाई देने की अभी कोई जरूरत नहीं : निर्मला सीतारमण

एफपीआई की भारी बिकवाली को लेकर सीतारमण से सवाल किया गया था.

Updated on: 09 Jul 2019, 12:13 AM

highlights

  • FPI पर सफाई देने की जरूरत नहीं
  • RBI की सेंट्रल मीटिंग में बोलीं वित्तमंत्री
  • RBI गवर्नर शक्तिकांत दास भी बैठक में मौजूद थे

नई दिल्ली:

वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने सोमवार को कहा कि विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) पर अतिरिक्त कर भार को लेकर अभी कोई सफाई देने की जरूरत नहीं है. वित्तमंत्री ने पिछले सप्ताह आम बजट पेश करते हुए अत्यधिक दौलतमंद पर अधिक सरचार्ज की घोषणा की. भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के केंद्रीय बोर्ड की यहां बैठक के बाद वित्तमंत्री ने कहा, "मुझे नहीं लगता है कि इस समय इस पर कोई सफाई देने की जरूरत है." वहां आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास भी मौजूद थे. 

एफपीआई की भारी बिकवाली को लेकर सीतारमण से सवाल किया गया था. कर लगने की आशंका से एफपीआई द्वारा मुनाफावसूली किए जाने से शेयर बाजार में बिकवाली का भारी दबाव दिखा. इससे पहले केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड के अध्यक्ष प्रमोद चंद्र मूडी ने कहा कि बोर्ड कर सरचार्ज पर एफपीआई की चिंताओं का परीक्षण कर रहा है और जल्द ही इस पर स्पष्टीकरण जारी किया जाएगा. एफपीआई मुनाफावसूली की ओर इस आशंका से उन्मुख हुए कि उच्च आय वाले व्यक्तियों की आय पर सरचार्ज के कारण उनको ज्यादा कर चुकाना होगा. सरकार ने शुक्रवार को दो करोड़ रुपये से अधिक सालाना आय वाले व्यक्तियों पर सरचार्ज बढ़ा दिया.

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इस बात की आशंका जताई जा रही है कि अधिक दौलतमंद लोगों पर सरचार्ज बढ़ने से भारत में विदेशी धन का निवेश प्रभावित हो सकता है क्योंकि यह सरचार्ज व्यक्तियों, एचयूएफ और एसोसिएशंस ऑफ र्पसस (एओपी) पर भी लागू होगा. कुछ एफपीआई ट्रस्ट संरचना का अनुपालन करते हैं. इसलिए वे एओपी के अतंगत आएंगे. भारत में कई एफपीआई या तो ट्रस्ट या एओपी की संरचना के अंतर्गत आते हैं जिससे वे नए सरचार्ज से प्रभावित होंगे. उद्योग का अनुमान है कि नये कर प्रस्ताव के दायरे में कम से कम 1,500 से 2,000 सक्रिय एफपीआई आएंगे ओर उनको 35.8 फीसदी से 42.7 फीसदी कर चुकाना होगा. 

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