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राज्यसभा में हुई आम बजट पर चर्चा सत्तापक्ष के नेताओं ने की सराहना

हंगामे के बीच ही अन्नाद्रमुक के ए नवनीत कृष्णन ने चर्चा में हिस्सा लेते हुये कहा कि पहली पूर्णकालिक महिला वित्त मंत्री के रूप में निर्मला सीतारमण ने बजट के माध्यम से वर्ग भेद को तोड़ा है.

Updated on: 10 Jul 2019, 08:12 PM

highlights

  • आम बजट पर राज्यसभा में हुई चर्चा
  • सत्ता पक्ष के नेताओं ने की बजट की तारीफ
  • विपक्ष लगातार हंगामा करता रहा

नई दिल्‍ली:

कर्नाटक के राजनीतिक घटनाक्रम पर राज्यसभा में कांग्रेस के दो दिन से जारी हंगामे के कारण सदन में जारी गतिरोध बृहस्पतिवार को भी जारी रहा और हंगामे के बीच ही उच्च सदन में आम बजट पर चर्चा शुरु हुयी. चर्चा की शुरूआत करते हुए भाजपा के सुरेश प्रभु ने कहा कि देश के सर्वसमावेशी विकास के सरकार के लक्ष्य को प्राप्त करने में इस बजट की अहम भूमिका होगी. उन्होंने कहा कि बजट में मुद्रा योजना के माध्यम से युवाओं में रोजगार और उद्यमिता को बढ़ावा देने के लिये पर्याप्त उपाय किये गये हैं. उन्होंने कहा कि स्टार्ट अप को बजट में दी गयी अहमियत के कारण देश का युवा वर्ग अब रोजगार की मांग करने वाली कतार से बाहर आकर, रोजगार देने में सक्षम हो रहा है. प्रभु ने कहा कि गरीबों को सस्ते आवास और महिलाओं को रसोई गैस की सुविधा मुहैया कराने वाली योजना, ‘सबका साथ सबका विकास’ के मंत्र को चरितार्थ करती है. 

उन्होंने कहा कि सामाजिक कल्याण से जुड़़ी सरकार की इन योजनाओं में किसानों, युवाओं, महिलाओं और बुजुर्गों सहित अन्य जरूरतमंद वर्गों के हितों को बजट में उचित स्थान दिया गया है. पूर्व मंत्री प्रभु ने इसे लक्ष्योन्मुखी बजट बताते हुये कहा कि इसमें आधारभूत ढांचागत परियोजनाओं में सार्वजनिक और निजी क्षेत्र की समान भागीदारी सुनिश्चित की गयी है. इससे निवेश को बढ़ावा मिलने के कारण 2014 तक भारतीय अर्थव्यवस्था को पांच हजार अरब डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने का लक्ष्य हासिल हो सकेगा. बजट पर चर्चा के दौरान कांग्रेस के सदस्यों की नारेबाजी जारी रही. इस दौरान विपक्ष के कई सदस्यों ने हंगामे के कारण वक्ताओं की बात सुनायी नहीं देने की शिकायत की. 

इस बीच भाकपा के बिनॉय विस्वम ने व्यवस्था का प्रश्न उठाते हुये कहा कि प्रभु अपने निर्धारित स्थान से वक्तव्य नहीं दे रहे हैं, यह सदन की व्यवस्था से जुड़े नियमों का उल्लंघन है. उपसभापति हरिवंश ने इसे खारिज करते हुये कहा कि अभी सदस्यों के स्थान निर्धारित नहीं हुये हैं इसलिये इसमें व्यवस्था के उल्लंघन का प्रश्न नहीं उठता है. इसके बाद उपसभापति ने पूर्व वित्त मंत्री और कांग्रेस सदस्य पी चिदंबरम को बजट पर बोलने के लिये कहा, लेकिन चिदंबरम ने हंगामे के बीच बोलने में असमर्थता व्यक्त की. इस बीच सपा के रामगोपाल यादव ने कहा कि उनके दल के सदस्य शोरशराबे में चर्चा में हिस्सा नहीं ले पायेंगे इसलिये वह अपने दल के सदस्यों के साथ वॉकआउट कर रहे हैं. 

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हंगामे के बीच ही अन्नाद्रमुक के ए नवनीत कृष्णन ने चर्चा में हिस्सा लेते हुये कहा कि पहली पूर्णकालिक महिला वित्त मंत्री के रूप में निर्मला सीतारमण ने बजट के माध्यम से वर्ग भेद को तोड़ा है. उन्होंने बजट के प्रावधानों की सराहना करते हुये कहा कि सीतारमण ने बजट में तमिल साहित्य का जिक्र किया, इसकी तमिलनाडु में सराहना हुयी है. उन्होंने जीरो बजट खेती को लागू करने के लिये बजट में किये गये प्रावधानों का स्वागत करते हुये कहा कि इससे किसानों और कृषि के विकास को सतत बनाया जा सकेगा. इसके बाद उपसभापति ने बीजद के प्रसन्न आचार्य को बोलने के लिये कहा लेकिन उन्होंने शोरशराबे के बीच बोलने में असमर्थता जाहिर कर दी. इसके बाद उपसभापति ने के केशव राव और मनोज झा का नाम भी बजट पर बोलने के लिये पुकारा, लेकिन विपक्ष के किसी सदस्य ने चर्चा में हिस्सा नहीं लिया. 

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इसके बाद मनोनीत सदस्य नरेन्द्र जाधव ने वित्तीय वर्ष 2019-2020 के बजट को सदी का सबसे बेहतर बजट करार देते हुये कहा कि यह बजट आम आदमी के जीवन को सुगम बनायेगा. इसमें समाज के हर वर्ग और देश के सभी इलाकों का समान रूप से ध्यान रखा गया है. उन्होंने इस बजट में देश की अर्थव्यवस्था का आकार पांच हजार अरब डॉलर तक ले जाने के लक्ष्य को सबसे बड़ी उपलब्धि बताया. शिवसेना के अनिल देसाई ने भी बजट के प्रावधानों को देश की आर्थिक प्रगति में सहायक बताते हुये कहा कि इसे सिर्फ वादों, आश्वासनों और घोषणाओं वाला बजट नहीं कहा जा सकता है. 

इस बीच सदन में गतिरोध दूर करने के लिये सत्तापक्ष और विपक्ष के बीच बनी सहमति की जानकारी देते हुये नेता सदन थावरचंद गहलोत ने कहा कि बजट पर बृहस्पतिवार को सुबह से चर्चा होगी. कांग्रेस के सदस्य आनंद शर्मा ने कहा कि किसी विषय पर उनके दल के सदस्य उत्तेजित थे इसलिये उन्हें नारेबाजी करनी पड़ी. शर्मा ने उपसभापति से सदन की बैठक दिन भर के लिये स्थगित करने का अनुरोध करते हुये भरोसा दिलाया कि उनके दल के सदस्य बृहस्पतिवार से चर्चा में हिस्सा लेंगे. उच्च सदन में दो दिन से जारी गतिरोध दूर होने पर खुशी जताते हुये उपसभापति ने बैठक को दिन भर के लिये स्थगित कर दिया.