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CAA के विरोध के बीच बड़ी आतंकी वारदात की फिराक में हैं आतंकवादी : रिपोर्ट

दिल्ली पुलिस को एजेंसियों से खुफिया जानकारी मिली है कि विरोध प्रदर्शन के दौरान आतंकी संगठन दिल्ली में कोई बड़ी वारदात कर सकते हैं. इसलिए हरियाणा, उत्तर प्रदेश और राजस्थान की पुलिस के साथ दिल्ली पुलिस संपर्क में है.

Updated on: 20 Dec 2019, 10:50 AM

नई दिल्‍ली:

दिल्ली में नागरिकता संशोधन बिल के खिलाफ हो रहे लगातार विरोध प्रदर्शन ने दिल्ली पुलिस और खुफिया एजेंसियों की नींद उड़ा दी है. जामिया से उठा विरोध का स्वर अब राजधानी के अन्य इलाकों में फैलने लगा है, जहां अल्पसंख्यक बहुतायत में रहते हैं. इसलिए दिल्ली पुलिस और अन्य एजेंसियों को सोशल साइट्स पर खास ध्यान रखने को कहा गया है. दिल्ली पुलिस ने 60 के करीब फेसबुक, ट्विटर और व्हाट्सएप ग्रुप की पहचान की है ,जिनसे भड़काने वाले मैसेज शेयर किए गए. लिहाजा दिल्ली पुलिस ने इन 60 एकाउंट्स को बंद करने के लिए लिखा है. दावा किया गया है कि ये लोग अफवाहों को फैलाने में लगे थे. जल्द ही ऐसे लोगों पर पुलिस लीगल एक्शन भी लेने जा रही है.

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दिल्ली पुलिस को एजेंसियों से खुफिया जानकारी मिली है कि विरोध प्रदर्शन के दौरान आतंकी संगठन दिल्ली में कोई बड़ी वारदात कर सकते हैं. इसलिए हरियाणा, उत्तर प्रदेश और राजस्थान की पुलिस के साथ दिल्ली पुलिस संपर्क में है. इसके साथ ही दिल्ली से लगे सभी राज्यों के बॉर्डर पर पुलिस पिकेट तैनात है और वाहनों को पूरी तरह से चेक करने के बाद ही दिल्ली में प्रवेश करने दिया जाएगा.

इससे पहले खबर आई थी कि नागरिकता संशोधन अधिनियम (CAA) के विरोध में देश भर में चल रहे हिंसक प्रदर्शनों (Violence Protest) के पीछे आतंकवादी और राजनीतिक शह प्राप्त चरमपंथी संगठनों का हाथ है. गृह मंत्रालय (Home Ministry) के साथ साझा की गई खुफिया रिपोर्ट में यहां तक कहा गया है कि उल्फा ने आंदोलन को हिंसक बनाने के लिए असम में प्रदशर्नकारियों को हथियार तक बांटे हैं.

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खुफिया रिपोर्ट इस तरह के इनपुट दे चुकी है कि प्रतिबंधित कट्टरपंथी संगठन पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) और इस्लामिक स्टूडेंट मूवमेंट ऑफ इंडिया (SIMI) कुछ राजनीतिक दलों की शह पर देश के विभिन्न हिस्सों में सीएए के खिलाफ अफवाह और भ्रम फैलाकर उसे हिंसक रूप देने की फिराक में हैं. इसके लिए पाकिस्तान की शह पर एक बार फिर सिमी के स्लीपर सेल को सक्रिय किया जा रहा है.

गृह मंत्रालय ने सोमवार को सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को एडवाइजरी (Advisory Issued) जारी की थी, जिसमें कानून व्यवस्था और शांति बनाए रखने के लिए आवश्यक सावधानी बरतने के निर्देश भी दिए गए हैं. सूत्रों ने कहा कि राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को फर्जी व अफवाह से भरे समाचारों के प्रसार पर रोक लगाने के साथ ही हिंसा को रोकने के लिए सोशल मीडिया पर फैलाई जा रही तमाम अफवाहों पर कार्रवाई करने को कहा गया है. संभवतः इसी के अनुपालन में देश के विभिन्न राज्यों ने धारा 144 के साथ ही अपने साइबर नेटवर्क को सक्रिय कर दिया है ताकि अफवाहें फैलाने वालों को चिन्हित कर उनके खिलाफ कड़े कदम उठाए जा सकें.