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काशी महाकाल एक्सप्रेस में मंदिर, ओवैसी ने PM मोदी को दिलाई संविधान की याद

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने रविवार को काशी महाकाल एक्सप्रेस ट्रेन को हरी झंडी दिखाई. यह ट्रेन भगवान शिव से जुड़े तीन तीर्थों को एक साथ जोड़ती है. वाराणसी से इंदौर बीच चलने वाली इस ट्रेन में एक सीट महाकाल के लिए रिजर्व रखी गई है.

Updated on: 17 Feb 2020, 10:39 AM

नई दिल्ली:

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने रविवार को काशी महाकाल एक्सप्रेस ट्रेन को हरी झंडी दिखाई. यह ट्रेन भगवान शिव से जुड़े तीन तीर्थों को एक साथ जोड़ती है. वाराणसी से इंदौर बीच चलने वाली इस ट्रेन में एक सीट महाकाल के लिए रिजर्व रखी गई है. अब इस पर सवाल उठने शुरू हो गए हैं. AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने इस फैसले पर सवाल खड़े किए हैं और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को टैग कर एक ट्वीट किया है.

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असदुद्दीन ओवैसी ने प्रधानमंत्री को संविधान की प्रस्तावना ट्वीट किया है. ओवैसी ने ट्वीट के जरिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को संविधान की याद दिलाई है. काशी महाकाल एक्सप्रेस के बी5 कोच में सीट नंबर 64 को मंदिर के रूप में बदल दिया गया है. यहां भगवान शिव का छोटा सा मंदिर बनाया गया है, ताकि ट्रेन में भी लोगों को भगवान शिव के दर्शन करने को मिलें.

ओवैसी ने ट्वीट के जरिए प्रधानमंत्री से सभी धर्मों के लोगों के साथ एक समान व्यवहार करने को कहा है. इससे पहले ओवैसी ने नागरिकता संशोधन एक्ट, नेशनल रजिस्टर फॉर सिटीजन को लेकर भी सरकार पर सवाल उठाए थे. पीएम मोदी ने दिखाई है हरी झंडी

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रविवार को हुआ था उद्घाटन
रविवार को एक दिवसीय काशी दौरे पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने काशी महाकाल एक्सप्रेस को हरी झंडी दिखाई थी. ये ट्रेन भगवान शिन के तीन ज्योतिर्लिंगों ओंकारेश्वर, महाकालेश्वर और काशी विश्वनाथ को एक साथ जोड़ेगी. इस ट्रेन का मकसद भगवान शिव के भक्तों को अच्छी सुविधा का एहसास कराना है.