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टीचर्स डे स्पेशल: देखें ये है वो महान टीचर्स जिनके स्टूडेंट्स थे उनसे एक कदम आगे

शिक्षक दिवस भले ही आज मनाया जा रहा है पर भारतीय संस्कृति में गुरु शिष्य परंपरा सदियों से है, हिंदू कैलेंडर के अनुसार गुरु पूर्णिमा के दिन हम शिक्षकों को नमन करते हैं।

Updated on: 05 Sep 2017, 10:25 AM

नई दिल्ली:

भारत में सन् 1962 से 5 सितंबर को टीचर्स डे मनाया जा रहा है। इस दिन भारत के पूर्व उप-राष्ट्रपति और महान शिक्षाविद् डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्‍णन का जन्म हुआ था। उनका मानना था कि ‘एक शिक्षक का दिमाग देश में सबसे बेहतर दिमाग होता है’। शिक्षक दिवस भले ही आज मनाया जा रहा है पर भारतीय संस्कृति में गुरु शिष्य परंपरा सदियों से है, हिंदू कैलेंडर के अनुसार गुरु पूर्णिमा के दिन हम शिक्षकों को नमन करते हैं।

कहते हैं एक महान शिक्षक का शिष्य भी महान ही होता है, आइए जानें ऐसे ही कुछ शिक्षकों के बारे में- 

1.डाक्टर प्रफुल्लचंद्र राय

डाक्टर प्रफुल्लचंद्र राय भारत के महान रसायनज्ञ, उद्यमी तथा महान शिक्षक थे। आचार्य राय केवल आधुनिक रसायन शास्त्र के प्रथम भारतीय प्रवक्ता (प्रोफेसर) ही नहीं थे बल्कि उन्होंने ही इस देश में रसायन उद्योग की नींव भी डाली थी। 'सादा जीवन उच्च विचार' वाले उनके बहुआयामी व्यक्तित्व से प्रभावित होकर महात्मा गांधी ने कहा था, शुद्ध भारतीय परिधान में आवेष्टित इस सरल व्यक्ति को देखकर विश्वास ही नहीं होता कि वह एक महान वैज्ञानिक हो सकता है। वे मेघनाद साहा के गुरु थे, जो कि सुप्रसिद्ध भारतीय एस्ट्रोफिजिसिस्ट् थे। मेघनाद साहा को साहा समीकरण के अनुवाद के लिये जाना जाता हैं।

रमाकांत विथल आचरेकर
रमाकांत विथल आचरेकर

1932 में जन्मे रमाकांत विथल आचरेकर एक भारतीय क्रिकेट टीम के कोच रह चुके हैं जो मुंबई से आते हैं। इनको युवाओं में खेल के प्रति इनके योगदान के लिए द्रोणाचार्या अवॉर्ड से सम्मानित भी किया जा चुका है। आपको बता दें कि क्रिकेट के भगवान कहे जाने वाले सचिन तेंदुलकर के कोच रमाकांत विथल आचरेकर ही हैं।

चाणक्य
चाणक्य

चाणक्य को एक दार्शनिक, अर्थशास्त्री, शाही सलाहकार अन्य कई नामों से जाना जाता है। चाणक्य को अर्थशास्त्र लिखने का श्रेय दिया जाता है। प्राचीन भारत के महान विश्वविद्यालय तक्षशिला में वह पढ़ाते थे। इतिहास के अनुसार, चाणक्य ने अपने छात्रों को दृष्टि या ध्वनि का इस्तेमाल किए बिना युद्ध की शिल्प कला सिखाई। इतिहास के महानतम शासनकालों में से एक मौर्यवंश की स्थापना के लिए भी चाणक्य को जाना जाता है।

पुल्लेला गोपीचंद
पुल्लेला गोपीचंद

पुल्लेला गोपीचंद का जन्म 16 नवम्बर 1973 को आंध्र प्रदेश के प्रकाशम जिले के नगन्दला में हुआ, वो पूर्व में भारतीय बैडमिन्टन खिलाडी थे। उन्होंने 2001 में चीन के चेन होंग को फाइनल में 15-12,15-6 से हराते हुए ऑल इंग्लैंड ओपन बैडमिंटन चैंपियनशिप में जीत हासिल की थी जिसके बाद वो दूसरे भारतीय बन गए जिन्होने ऑल इंग्लैंड ओपन बैडमिंटन चैंपियनशिप में जीत हासिल की। गोपीचंद एक जाने माने कोच हैं जिन्हें द्रोणाचार्य पुरस्कार से भी सम्मानित किया जा चुका है। पीवी सिंधु और सायना नेहवाल को एक बैडमिन्टन खिलाडी के रूप में उभारने का श्रेय इन्ही को प्राप्त है।

डॉ॰ (सर) जगदीश चन्द्र बसु
डॉ॰ (सर) जगदीश चन्द्र बसु

डॉ॰ (सर) जगदीश चन्द्र बसु भारत के प्रसिद्ध वैज्ञानिक थे जिन्हें भौतिकी, जीवविज्ञान, वनस्पतिविज्ञान तथा पुरातत्व का गहरा ज्ञान था। वे पहले वैज्ञानिक थे जिन्होंने रेडियो और सूक्ष्म तरंगों की प्रकाशिकी पर कार्य किया। वनस्पति विज्ञान में उन्होनें कई महत्त्वपूर्ण खोजें की। वे भारत के पहले वैज्ञानिक थे जिन्होंने एक अमरीकन पेटेंट प्राप्त किया। उन्हें रेडियो विज्ञान का पिता माना जाता है। वे सत्येंद्र नाथ बोस के गुरु भी रहे हैं। विज्ञान जगत में क्वांटम मैकेनिक्स सत्येंद्रनाथ की ही देन है। फिजिक्स में दो प्रकार के अणु माने जाते हैं - बोसान और फर्मियान। इनमे से बोसान सत्येन्द्र नाथ बोस के नाम पर ही हैं।

दीनानाथ मंगेशकर
दीनानाथ मंगेशकर

'दीनानाथ मंगेशकर' एक प्रसिद्ध मराठी थिएटर अभिनेता, प्रसिद्ध नाट्य संगीत संगीतकार और हिन्दुस्तानी शास्त्रीय संगीतज्ञ एवं गायक थे। वे भारत रत्न से सम्मानित एवं स्वर कोकिला के नाम से प्रसिद्ध लता मंगेशकर, मशहूर गायिका आशा भोसले , मीणा खड़ीकर ,उषा मंगेशकर और संगीतकार हृदयनाथ मंगेशकर के गुरु रहे हैं।

महावीर सिंह फोगट
महावीर सिंह फोगट

महावीर सिंह फोगट भारतीय कुश्ती में एक बड़ा नाम है. वो एक मशहूर रेसलर और ओलंपिक कोच रह चुके हैं. हाल ही में इन्हे गुरु द्रोणाचार्य अवॉर्ड से भी सम्मानित किया जा चुका है. ये राष्ट्रमंडल खेलों में स्वर्णपदक विजेता गीता फोगट और रजतपदक विजेता बबिता फोगट के कोच और पिता दोनो हैं।

उस्ताद अली बख्श 'विलायती'
उस्ताद अली बख्श 'विलायती'

उस्ताद बिस्मिल्ला ख़ाँ हिन्दुस्तान के प्रख्यात शहनाई वादक थे। उन्हें भारत के सर्वोच्च सम्मान भारत रत्न से नवाजा जा चुका है। उनके पिता बिहार की डुमराँव रियासत के महाराजा केशव प्रसाद सिंह के दरवार में शहनाई बजाया करते थे। 6 साल की उम्र में बिस्मिल्ला खाँ अपने पिता के साथ बनारस आ गये। वहाँ उन्होंने अपने चाचा अली बख्श 'विलायती' से शहनाई बजाना सीखा। उनके उस्ताद चाचा 'विलायती' विश्वनाथ मन्दिर में स्थायी रूप से शहनाई-वादन का काम करते थे।

आर्यभट्ट
आर्यभट्ट

आर्यभट्ट एक असाधारण शिक्षक और विद्वान थे, जिन्हे गणित और खगोल विज्ञान के बारे में बहुत ज्ञान किया था। उन्होंने हेलियोसेंट्रिक थ्योरी का सुझाव दिया जो कि यह साबित करता है कि सूर्य सौर मंडल के केंद्र में स्थित है और सभी ग्रह उसके चारों ओर घूमते हैं। आर्यभट्ट का जन्म केरल में हुआ था। उन्होंने नालंदा की प्राचीन विश्वविद्यालय से अपनी शिक्षा पूरी की और बाद में वह बिहार चले गए और बिहार के कुसुमपुरा में अपनी पढ़ाई जारी रखी। इन्होंने आर्यभटीय ग्रंथ की रचना की जिसमें ज्योतिषशास्त्र के अनेक सिद्धांतों का उल्लेख है।

उस्ताद हाफिज अली खान
उस्ताद हाफिज अली खान

भारत के प्रसिद्ध सरोद वादक उस्ताद अमजद अली खान के पिता तथा गुरू हाफिज अली खान ग्वालियर राज-दरबार में प्रतिष्ठित संगीतज्ञ थे। इस घराने के संगीतज्ञों ने ही ईरान के लोकवाद्य ‘रबाब’ को भारतीय संगीत के अनुकूल परिवर्द्धित कर ‘सरोद’ नामकरण किया। अमजद अली खान एक प्रसिद्ध सरोद वादक हैं जिनको भारत सरकार द्वारा सन 1991 में कला के क्षेत्र में पद्म भूषण से सम्मानित किया था।