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हरेन पांड्या हत्या मामले में सुप्रीम कोर्ट शुक्रवार को सुनाएगा फैसला, CBI ने डाली थी याचिका

पूर्व गृहमंत्री हरेन पांड्या हत्याकांड में गुजरात हाईकोर्ट ने सभी आरोपियों को बरी कर दिया था लेकिन सीबीआई कोर्ट इस मामले को लेकर दोबारा सुप्रीम कोर्ट पहुंच गई

Updated on: 05 Jul 2019, 07:54 AM

highlights

  • हरेन पांड्या मर्डर केस में सुप्रीम कोर्ट सुनाएगा फैसला
  • गुजरात के पूर्व गृहमंत्री थे हरेन पांड्या
  • गुजरात हाई कोर्ट के फैसले के बाद CBI ने सुप्रीम कोर्ट में अपील की

नई दिल्ली:

सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) शुक्रवार को गुजरात के पूर्व गृह मंत्री हरेन पांड्या (former Gujarat Home Minister Haren Pandya) की हत्या के मामले में फैसला सुनाएगा. सीबीआई (CBI) ने इस मामले के आरोपियों को बरी किए जाने के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट (SC) में याचिका दायर की थी. आपको बता दें कि साल 2003 में हुए गुजरात के पूर्व गृहमंत्री हरेन पांड्या हत्याकांड में गुजरात हाईकोर्ट ने सभी आरोपियों को बरी कर दिया था लेकिन सीबीआई कोर्ट इस मामले को लेकर दोबारा सुप्रीम कोर्ट पहुंच गई जिसमें सुप्रीम कोर्ट शुक्रवार को अपना फैसला सुनाएगा.

साल 2003 में गुजरात हाईकोर्ट ने इस मामले पर सजा सुनाते हुए कहा था कि जांच एजेंसी सीबीआई की जांच और उसके रुख का दृष्टिकोण इस मामले में साफ नहीं है.  इसके अलावा हाईकोर्ट ने कहा था कि इस मामले की जांच प्रक्रिया में कुछ तथ्यों की अनदेखी की गई है, जिसमें बहुत कुछ छूट गया है. इससे पहले सेशन कोर्ट ने आरोपियों को हत्या और आपराधिक साजिश में रचने के लिए दोषी माना था. लेकिन हाई कोर्ट के फैसले के बाद सीबीआई ने इसे सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी. आपको बता दें कि उस समय राज्य में नरेंद्र मोदी की सरकार थी.

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आपको बता दें कि हरेन पांड्या की हत्या 26 मार्च 2003 को हुई थी जब वो प्रत्येक दिन की तरह सुबह की सैर पर गए हुए थे तभी अहमदाबाद के लॉ गार्डन इलाके में गोली मारकर उनकी हत्या कर दी गई थी. तत्कालीन आतंकवाद निरोधक कानून के तहत विशेष पोटा कोर्ट ने सभी आरोपियों को दोषी ठहराते हुए उम्र कैद की सजा सुनाई थी. 29 अगस्त साल 2011 गुजरात हाईकोर्ट ने सेशन कोर्ट के फैसले को एक सिरे से नकारते हुए सभी आरोपियों को बरी कर दिया था. जिसके बाद साल 2012 में हाई कोर्ट के फैसले को लेकर सीबीआई ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी, जिसके सात साल बाद शुक्रवार को इसका फैसला सुनाया जाएगा.

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