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शोपियां फायरिंग केस: SC ने मेजर के खिलाफ दायर FIR पर लगाई रोक, केंद्र और राज्य को भेजा नोटिस

सुप्रीम कोर्ट ने मेजर आदित्य के पिता की अर्जी पर केंद्र और राज्य सरकार को नोटिस जारी कर दो हफ्तों में जवाब मांगा है। साथ ही कहा है कि राज्य सरकार एफआईआर के आधार पर आगे की कार्रवाई पर रोक भी लगा दी है।

Updated on: 12 Feb 2018, 05:49 PM

नई दिल्ली:

सुप्रीम कोर्ट ने मेजर आदित्य के पिता की अर्जी पर केंद्र और राज्य सरकार को नोटिस जारी कर दो हफ्तों में जवाब मांगा है। साथ ही राज्य सरकार के एफआईआर के आधार पर आगे की कार्रवाई पर रोक भी लगा दी है।

सुप्रीम कोर्ट के इस आदेश के बाद मेजर आदित्य को अब न तो पूछताछ के लिए बुलाया जा सकता है और न ही पुलिस उन्हें अभी गिरफ्तार कर सकती है।

10 गढ़वाल यूनिट के मेजर आदित्य के खिलाफ राज्य पुलिस ने मुक़दमा दर्ज किया है। 27 जनवरी को पत्थरबाज़ी कर रही हिंसक भीड़ पर की गई जवाबी कार्रवाई में 2 लोगों की मौत हो गई थी। 

जिसके बाद स्थानीय पुलिस ने एक शिकायत के आधार पर रणबीर पेनल कोड की धारा 336, 302 और 307 के तहत सेना के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है।

धारा 370 की वजह से जम्मू-कश्मीर में आईपीसी की धाराएं लागू नहीं होती इसलिए वहां आपराधिक मामलों में रणबीर पेनल कोड के तहत केस दर्ज किया जाता है। यह नियम वहां के शासक रहे राजा रणबीर सिंह के नाम पर है।

मेजर आदित्य के पिता की वकील ऐश्वर्य भाटी ने कहा, 'सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र और राज्य सरकार को नोटिस भेजा है। हमें कहा गया है कि कि हम भारत के अटॉर्नी जनरल को याचिका की एक प्रति दें। साथ ही कोर्ट ने भारत के अटॉर्नी जनरल से केंद्र सरकार के रुख की जानकारी दो हफ्तों में मांगी है। जम्मू-कश्मीर सरकार को भी अपना रुख इस मसले पर दो हफ्तों में साफ करना होगा।'

उन्होंने कहा, 'हमारी याचिका पर कोर्ट ने कहा है कि मेजर आदित्य के खिलाफ एफआईआर के आधार पर कोई भी कड़ी कार्रवाई न की जाए। ये एक सकारात्मक दिन है।'

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एफआईआर में नामजद मेजर आदित्य कुमार के पिता ने बेटे के खिलाफ मामला रद्द करने की मांग को लेकर सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है।

उन्होंने अपनी याचिका में कहा है कि इससे राज्य में आतंकवादियों के खिलाफ लड़ रहे जवानों का मनोबल गिरेगा।

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