गर्मी की छुट्टी खत्म! सुप्रीम कोर्ट में उठेगा अयोध्या और राफेल का मुद्दा
सुप्रीम कोर्ट में इस बार संभावना है कि अयोध्या और राफेल मामले की सुनवाई होगी जिसपर पूरे देश की निगाहें बनी हुई है.
highlights
- छह सप्ताह की छुट्टी के बाद सुप्रीम कोर्ट 1 जुलाई को खुलेगा
- अयोध्या और राफेल को लेकर हो सकती है सुनवाई
- राहुल गांधी अवमानना केस पर भी होगी सुनवाई
नई दिल्ली:
सुप्रीम कोर्ट की छुट्टियां खत्म होने वाली हैं. 1 जुलाई को देश का सर्वोच्च न्यायलय खुलने वाला है. सुप्रीम कोर्ट में इस बार संभावना है कि अयोध्या और राफेल मामले की सुनवाई होगी जिसपर पूरे देश की निगाहें बनी हुई है. प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई 31 जजों के साथ 1 जुलाई को काम शुरू करेंगे.
ऐसा माना जा रहा है कि इस बार सुप्रीम कोर्ट खुलने पर राफेल मामले से जुड़ी समीक्षा याचिकाओं पर सुनवाई होगी. इसके साथ ही राहुल गांधी को लेकर भी कोई फैसला आ सकता है. राहुल गांधी ने राफेल मामले में 'चौकीदार चोर' है टिप्पणी को लेकर अपने खिलाफ चल रही अवमानना की कार्रवाई के लिए माफी मांग ली थी, लेकिन इसपर अभी सुनवाई होनी बाकी है. संभावना है कि इस बार सुप्रीम कोर्ट इसपर कोई फैसला सुना सकती है.
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वहीं राफेल को लेकर भी सुप्रीम कोर्ट दायर याचिकाओं पर सुनवाई करेगी. बता दें कि फ्रांस से 36 राफेल लड़ाकू विमानों की खरीद को चुनौती देने वाली सभी याचिकाओं को सुप्रीम कोर्ट ने 14 दिसंबर 2018 को खारिज कर दिया था. जिसके बाद वकील प्रशांत भूषण, अरुण शौरी और पूर्व केंद्रीय मंत्री यशवंत सिन्हा ने आदेश की समीक्षा के लिए याचिका दायर की है. जिसपर सुनवाई होनी बाकी है.
इसके साथ ही अयोध्या विवाद को लेकर भी सुप्रीम कोर्ट कब इसपर अपना फैसला सुनाता है. इसपर भी निगाहें टिकी रहेंगी. Supreme Court के पूर्व न्यायाधीश न्यायमूर्ति एफएम कलीफुल्ला की अध्यक्षता वाले तीन सदस्यी पैनल ने अयोध्या मामले का सौहार्दपूर्ण हल निकालने के लिए सुनवाई की थी.
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जिसके बाद मध्यस्थता कमेटी बनाया गया जो कोर्ट के बाहर इस मामले को सौहार्दपूर्ण तरीके से सुलझाए. इस पैनल में आध्यात्मिक गुरु श्री श्री रविशंकर और वरिष्ठ वकील श्रीराम पांचू भी शामिल हैं. ये लोग हिंदू और मुस्लिम दावेदारों से मिलकर इस मुद्दे को सुलझाने के लिए बातचीत कर रहे हैं.
गौरतलब है कि 2010 में इलाहाबाद हाई कोर्ट के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की गई थी. हाईकोर्ट ने अयोध्या मामले में जो फैसला सुनाया था उसमें अयोध्या की विवादित 2.77 एकड़ जमीन को सुन्नी वक्फ बोर्ड, निर्मोही अखाड़ा और राम लल्ला में बराबर-बराबर बांट दिया था. ये भी बता दे कि सुप्रीम कोर्ट गर्मी में छह सप्ताह की छुट्टी पर थी.
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