झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री मधु कोड़ा की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव आयोग को नोटिस भेजा
2017 में अयोग्य ठहराए जाने के फैसले को झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री मधु कोड़ा ने सुप्रीम कोर्ट (SC) में चुनौती दी थी.
नई दिल्ली:
सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री मधु कोड़ा की याचिका पर भारत के चुनाव आयोग को नोटिस जारी किया है. बता दें कि 2017 में अयोग्य ठहराए जाने के फैसले को मधु कोड़ा ने सुप्रीम कोर्ट (SC) में चुनौती दी थी. बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने मामले में अगली सुनवाई तक कोड़ा को 2019 झारखंड विधानसभा चुनाव लड़ने की अनुमति देने से इनकार कर दिया था.
Supreme Court issues notice to Election Commission of India on petition by former Chief Minister of Jharkhand, Madhu Koda challenging his disqualification in 2017. Court has refused to allow Koda to contest 2019 Jharkhand Assembly elections, till further hearing in the case. pic.twitter.com/Hv3tbV1iHn
— ANI (@ANI) November 15, 2019
झारखंड विधानसभा चुनाव में बड़े लक्ष्य को लेकर चुनावी मैदान में उतरेंगे छोटे दल
हरियाणा और महाराष्ट्र के चुनावी परिणामों से उत्साहित छोटे दल झारखंड विधानसभा चुनाव में बड़े लक्ष्य को लेकर चुनावी मैदान में जोर आजमाइश करेंगे. यही कारण है कि कई छोटे दल भी राष्ट्रीय स्तर की पार्टियों से अधिक उम्मीदवार उतारने की घोषणा कर चुके हैं. वैसे, झारखंड की पहचान वैसे भी निर्दलीय विधायक मधु कोड़ा के मुख्यमंत्री बनने की रही है. झारखंड विधानसभा चुनाव को लेकर राष्ट्रीय जनता दल (राजद), जनता दल (युनाइटेड), लोक जनशक्ति पार्टी (लोजपा) तो चुनावी मैदान में उतरे हैं, आम आदमी पार्टी और ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहाद-उल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) सहित समाजवादी पार्टी और वामपंथी दल भी चुनावी मैदान में उतर रहे हैं. इसके अलावा ऑल झारखंड स्टूडेंट यूनियन, झारखंड मुक्ति मोर्चा सहित कई झारखंड नामधारी पार्टी भी चुनावी मैदान में उतरने की घोषणा कर चुकी हैं.
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वैसे, झारखंड में राजद और जद (यू) का अच्छा खासा वोटबैंक रहा है. वर्ष 2005 के चुनाव में राजद को सात और जद (यू) को छह सीटें मिलीं थीं. साल 2009 के चुनाव में भी दोनों दल अपनी राजनीतिक जमीन कायम रखने में सफल रहे, लेकिन 2014 के चुनाव में दोनों साफ हो गए. बिहार में बीजेपी की सहयोगी रही जद (यू) अकेले 81 सीटों पर लड़ने के लिए ताल ठोक रही है, जबकि राजद ने कांग्रेस और झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) के साथ गठबंधन कर सात सीटों पर चुनाव लड़ रही है. राजद के प्रदेश अध्यक्ष अभय सिंह कहते भी हैं कि राजद का यहां अपना वोटबैंक रहा है और इस चुनाव में लक्ष्य झारखंड में सरकार बनाने की है.
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गठबंधन के तहत कांग्रेस जैसी राष्ट्रीय स्तर की पार्टी के हिस्से जहां 31 सीटें आई हैं वहीं झामुमो 43 सीटों पर चुनाव लड़ने की घोषणा की है. गठबंधन का नेतृत्व भी झामुमो के कार्यकारी अध्यक्ष हेमंत सोरेन कर रहे हैं. इस चुनाव में लक्ष्य के संबंध में पूछे जाने पर झामुमो के प्रवक्ता विनोद पांडेय ने कहा, 'झामुमो का लक्ष्य झारखंड का विकास है. पिछले पांच सालों से डपोरशंखी सरकार ने विकास के नाम पर केवल सब्जबाग दिखाया है.'
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