logo-image

INX मीडिया केस: कुल 14 लोगों को बनाया गया है चार्जशीट में आरोपी, कोर्ट में बोली CBI

सीबीआई ने कोर्ट को ये भी बताया कि मामले में चार्जशीट तो दायर कर दी गई है लेकिन मामले में जांच अभी भी जारी है. ऐसे में सीबीआई इस केस में सप्लिमेंट्री चार्जशीट दायर कर सकती है

Updated on: 21 Oct 2019, 03:01 PM

नई दिल्ली:

INX मीडिया ममाले में चार्जशीट दाखिल करने के बाद सोमवार को सीबीआई ने रॉउज एवेन्यू कोर्ट में बताया कि इस मामले में कुल 14 लोगों के खिलाफ आरोप है. इनमे से 4 प्राइवेट कंपनी है. बाकी 7 पब्लिक सर्वेंट है और 3 प्राइवेट पर्सन हैं. सीबीआई ने कोर्ट को ये भी बताया कि मामले में चार्जशीट तो दायर कर दी गई है लेकिन मामले में जांच अभी भी जारी है. ऐसे में सीबीआई इस केस में सप्लिमेंट्री चार्जशीट दायर कर सकती है. सीबीई ने आगे बताया कि इस मामले में फेमा का उल्लंघन है इसलिए आईपीसी सेक्शन 420 लगाया गया है. इसके अलावा आईएनएक्स मीडिया में विदेशी निवेश आने के बाद बिना इजाजत के पैसे को आईएनएक्स न्यूज़ को ट्रांसफर कर दिया गया है. लिहाजा, यहां भी उल्लंघन है.

सीबीआई ने कोर्ट को बताया कि नियमों का उल्लंघन कर एफआईपीबी का क्लियरेंस दिया गया. ये पब्लिक सर्वेंट को मालूम था. इसी के साथ सीबीआई ने सील बंद लिफाफे में कोर्ट को कुछ देसतवेज दिए और कहा कि ये अर्जेंट है. इसे देखकर चैंबर सुनवाई करे. अब लंच के बाद सुनवाई जारी रहेगी. लेकिन, इन चैम्बर होगी. 

यह भी पढ़ें: दिल्ली: पुरानी जगह पर ही बनेगा संत रविदास मंदिर, सुप्रीम कोर्ट ने दी केंद्र के प्रस्ताव को मंजूरी

बता दें, सीबीआई ने इस मामले में 18 अक्टूबर को चार्जशीट दाखिल की थी. स चार्जशीट में पूर्व गृहमंत्री पी चिदंरम समेत 14 लोगों के नाम शामिल किए गए थे.  सीबीआई की तरफ से दाखिल की गई इस चार्जशट में पी चिदंबरम के अलावा उनके बेटे कार्ति चिदंबरम और पीटर मुखर्जी को भी आरोपी बनाया गया है, इसके अलावा  भास्कर, सिंधुश्री खुल्लर, अनूप पुजारी, प्रबोध सक्सेना, आर प्रसाद जैसे लोगों के नाम भी इस चार्शीट में शामिल हैं.

यह भी पढ़ें: कमलेश तिवारी हत्याकांडः उठने लगे यह बड़े-बड़े सवाल, पुलिस भी इनसे हैरान

वहीं दूसरी तरफ सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम (P Chidambaram) की जमानत याचिका पर फैसला सुरक्षित रख लिया था. सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली हाई कोर्ट के उस आदेश के खिलाफ दर्ज याचिका पर अपने फैसले को सुरक्षित रखा था जिसमें पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम (P Chidambaram ) की जमानत खारिज कर दी गई थी.