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CAA In Supreme Court Highlights: 4 हफ्तों में देना होगा सरकार को जवाब, 5वें हफ्ते में फिर होगी सुनवाई

इन याचिकाओं में इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग (आईयूएमएल) और कांग्रेस नेता जयराम रमेश की याचिकाएं भी शामिल हैं.

Updated on: 22 Jan 2020, 12:54 PM

नई दिल्ली:

सुप्रीम कोर्ट संशोधित नागरिकता कानून (CAA) की संवैधानिक वैधता को परखने का आग्रह करने वाली 144 याचिकाओं पर आज यानी बुधवार को सुनवाई करेगा. इनमें से 141 याचिकाएं CAA के खिलाफ हैं.  प्रधान न्यायाधीश एस ए बोबडे और न्यायमूर्ति एस अब्दुल नजीर और न्यायमूर्ति संजीव खन्ना की पीठ ने केंद्र को विभिन्न याचिकाओं पर नोटिस जारी किया था  इन याचिकाओं में इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग (आईयूएमएल) और कांग्रेस नेता जयराम रमेश की याचिकाएं भी शामिल हैं. राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने 12 दिसंबर को नागरिकता (संशोधन) विधेयक 2019 को मंजूरी दी थी, जिससे यह कानून बन गेया था.

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CJI ने ये भी बताया है कि कोई भी HC इस मसले पर सुनवाई नहीं केरगी

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संवैधानिक पीठ बनाई जाए या नहीं, अगली सुनवाई में तय किया जाएगा- CJI

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लेकिन असम और त्रिपुरा के लिए सरकार को दो हफ्तों में जवाब देना होगा- सीजेआई

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सुप्रीम कोर्ट ने सरकार को जवाब देने के लिए 4 हफ्तों का समय दिया. इसके बाद बाद 5वें हफ्ते में फिर इस पर सुनवाई की जाएगी

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AG ने जवाब दाखिल करने के लिए 6 हफ्ते का वक्त मांगा है. हालांकि याचिकाकर्ता इसका विरोध कर रहे हैं. उन्होंने  कहा- तेजी से सुनवाई की ज़रूरत है. इसको लेकर अलग सुनवाई भी की जा सकती है. कोर्ट ने पूछा है कि असम के मसले पर सरकार कबतक जवाब देगी?

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कोर्ट का कहना है कि असम और त्रिपुरा के लिए अलग से सुनवाई की जाएगी. इनके लिए अलग-अलग सुनवाई जोन बनाए जाएंगे

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चीफ जस्टिस ने वकीलों से असम और नॉर्थ ईस्ट से दाखिल याचिकाओं पर आंकड़ा मांगा है. कोर्ट का कहना है कि असम का मसला अलग भी किया जा सकता है

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इस बीच बड़ी खबर आ रही है कि ये मामला संवैधानिक पीठ को सौंपा जाएगा. सुप्रीम कोर्ट संवैधानिक पीठ का गठन कर सकती है

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सुप्रीम कोर्ट ने फिलाहल CAA पर रोक लगाने से इनकार कर दिया है. साथ में ये भी कहा है कि सारी याचिकाओं की कॉपी केंद्र को सौंपी जानी चाहिए

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अटॉर्नी जनरल केके वेणुगोपाल ने कहा कि, केंद्र ने एक प्रारंभिक हलफनामा तैयार किया है जो आज दायर किया जाएगा. एएम सिंघवी ने कहा, यूपी ने प्रक्रिया शुरू कर दी है, यह अपरिवर्तनीय है क्योंकि एक बार नागरिकता प्रदान करने के बाद इसे वापस नहीं लिया जा सकता है



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CJI ने साफ किया कि बिना केंद्र सरकार को सुने हम अभी कोई आदेश पास नहीं करने जा रहे ( मतलब अभी स्टे का आदेश नहीं दे रहे.) उन्होंने कहा - सभी याचिकाएं की कॉपी  केंद्र सरकार को मिल देनी चाहिए.

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सीनियर वकील विकास सिंह ने कहा कि अंतरिम रोक लगनी ज़रूरी है, अन्यथा असम की डेमोग्राफी ही बदल जाएगी. आधे से ज़्यादा वहां शरणार्थी बंगाली हिंदू है

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सिब्बल और सिंघवी का कहना है कि प्रकिया पर फिलहाल रोक लगा देनी चाहिए क्योंकि  इसके तहत नागरिकता मिलने के बाद वापस नागरिकता लेना मुश्किल हो जाएगा. AG ने कहा- विशेष परिस्थितियों में नागरिकता दिये जाने के बाद वापस भी ली जा सकती है

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वहीं सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई के दौरन कहा कि याचिकाओं की कॉपी केंद्र को सौंपी जांए और उन्हें जवाब देने दें

calenderIcon 11:00 (IST)
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इस ममाले पर सुनवाई शुरू होने से पहले अटॉर्नी जनरल केके वेणुगोपाल ने सुनवाई के लिए CJI की अदालत में भीड़ के बारे में शिकायत की. उन्होंने कहा, कोर्ट का माहौल शांतिपूर्ण और शांत होना है, खासकर सुप्रीम कोर्ट में'.



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जस्टिस बोबड़े ने संकेत दिए कि मामला आगे विचार के लिए संविधान पीठ को सौंपा जा सकता है

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सिब्बल ने कोर्ट से गुजारिश की NPR प्रकिया को 3 महीने के लिए टाल दिया जाए, जब तक कोर्ट इस पर कोई अंतिम राय लेता है

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AG ने कहा - 140 याचिकाएं दायर हई है. उनमें से जो 60 के करीब याचिकाएं हमे मिली है, उन पर हम शुरुआती जवाब दाखिल कर रहे है, बाकी याचिकाएं हमे अभी नहीं मिली है

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CJI की अध्यक्षता में तीन जजों की बेंच ने सुनवाई कर दी है.

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इस बीच गुवाहाटी में कॉटन यूनिवर्सिटी के छात्र सीएए के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं. 



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CAA को लेकर दाखिल 144 याचिकाओं में से 141 याचिकाएं CAA के खिलाफ दाखिल की गई हैं. 

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इन याचिकाओं पर सुनवाई सुप्रीम कोर्ट में तीन जजों की बेंट करेगी