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SC ने खारिज की लड़कों की शादी की उम्र घटाने को लेकर दायर याचिका, लगाया 25 हजार का जुर्माना

सर्वोच्च न्यायालय ने याचिकाकर्ता पर फटकार लगाते हुए कहा कि अगर इजाजत चाहिए तो इसके लिए 18 साल के लड़के को ही शादी की इजाजत वाली याचिका दायर करने दो तब हम इस मुद्दे पर देखेंगे.

Updated on: 22 Oct 2018, 12:47 PM

नई दिल्ली:

सुप्रीम कोर्ट ने लड़कों की शादी की उम्र 21 से घटाकर 18 वर्ष करने की मांग वाली याचिका खरिज की. याचिका में कहा गया था कि वोट देने का अधिकार 18 वर्ष की आयु में मिल जाता है, आर्मी जॉइन करने की न्यूनतम आयु भी 18 वर्ष है तो शादी की उम्र भी 18 वर्ष होनी चाहिए.

कोर्ट ने याचिका खारिज करने के साथ साथ याचिकाकर्ता पर 25 हजार का जुर्माना लगाया. सर्वोच्च न्यायालय ने याचिकाकर्ता पर फटकार लगाते हुए कहा कि अगर इजाजत चाहिए तो इसके लिए 18 साल के लड़के को ही शादी की इजाजत वाली याचिका दायर करने दो तब हम इस मुद्दे पर देखेंगे.

यह याचिका वकील अशोक पांडे की ओर से दायर की गई थी. कोर्ट ने उन पर 25 हजार का जुर्माना लगा दिया है.

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गौरतलब है कि 1 सितंबर को विधि आयोग (लॉ कमीशन) ने सलाह दी है कि पुरुषों की कानूनन शादी के लिए कम से कम उम्र की सीमा 21 साल से घटाकर 18 साल की जानी चाहिए. आयोग ने कहा कि पुरुषों और महिलाओं की शादी की लिए अलग-अलग उम्र का कानून नहीं होना चाहिए.

महिलाओं की शादी की कानूनी उम्र कम से कम 18 साल है तो पुरुषों के लिए भी इसे 18 ही किया जाए. 'परिवार कानून में सुधार' पर अपने परामर्श पत्र में शुक्रवार को आयोग ने ये सुझाव दिए हैं.

आयोग ने अपने कार्यकाल के आखिरी दिन सौंपे गए परामर्श-पत्र में शादी, तलाक, गुजारा भत्ता, पुरुष और महिलाओं की शादी की उम्र से संबंधित कानून में बदलाव का सुझाव दिया था जिसमें कहा गया था कि पति और पत्नी के लिए उम्र में फर्क का कोई कानूनी आधार नहीं है. शादी कर रहे दोनों लोग हर तरह से बराबर हैं और उनकी साझेदारी बराबर वालों के बीच वाली होनी चाहिए.

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पत्र के अनुसार महिलाओं और पुरुषों की विवाह उम्र में अंतर बनाए रखना एक दकियानूसी सोच है, जिसके मुताबिक पत्नी अपने पति से छोटी होनी चाहिए.