राफेल : नरेंद्र मोदी सरकार को बड़ा झटका, लीक दस्तावेज पर सरकार की आपत्ति खारिज, पुनर्विचार याचिका पर होगी सुनवाई
सुप्रीम कोर्ट के फैसले से राफेल डील को लेकर दोबारा सुनवाई का रास्ता साफ हो गया है. कोर्ट ने सरकार की दलील नहीं मानी है और लीक दस्तावेजों को वैध करार दिया है.
नई दिल्ली:
राफेल डील में गड़बड़ी के आरोपों को लेकर याचिकाकर्ताओं की ओर से पेश दस्तावेजों पर सुप्रीम कोर्ट ने सरकार की आपत्ति खारिज कर दी है. मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई ने सरकार की आपत्ति खारिज कर दी. अब राफेल मामले में पुनर्विचार याचिका पर सुनवाई होगी. इससे पहले सरकार ने दस्तावेजों के गोपनीय होने का हवाला दिया था. सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले को सरकार के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है. सुप्रीम कोर्ट के फैसले से राफेल डील को लेकर दोबारा सुनवाई का रास्ता साफ हो गया है. कोर्ट ने सरकार की दलील नहीं मानी है और लीक दस्तावेजों को वैध करार दिया है.
इससे पहले इस मामले की सुनवाई के दौरान अटॉर्नी जनरल के.के. वेणुगोपाल ने सुप्रीम कोर्ट को बताया था कि राफेल सौदे के दस्तावेज सरकार के पास से चोरी हो गए हैं और उन्हें प्रकाशित करने वालों के खिलाफ आधिकारिक गोपनीयता अधिनियम के अंतर्गत कार्रवाई होनी चाहिए.
मुख्य न्यायाधीश की अध्यक्षता वाली पीठ में जस्टिस एसके कौल और केएम जोसेफ शामिल हैं. सरकार ने सुनवाई के दौरान लीक दस्तावेजों को राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा बताया था और इसे लीक करने वालों पर आपराधिक केस चलाने की बात कही थी.
आज (बुधवार को) सुप्रीम कोर्ट का फैसला याचिकाकर्ताओं की ओर से पेश दस्तावेजों की वैधता और सरकार की आपत्तियों पर आना था. कोर्ट को तय करना था कि जिन दस्तावेजों को सरकार गोपनीय बताकर अपने विशेषाधिकार का हवाला दे रही है, उन पर कोर्ट विचार कर सकता है या नहीं.
इससे पहले सुनवाई के दौरान पीठ ने कहा था, 'केंद्र की ओर से जताई गई प्रारंभिक आपत्तियों पर फैसला करने के बाद ही हम पुनर्विचार याचिकाओं के अन्य पहलूओं पर विचार करेंगे. अगर हम प्रारंभिक आपत्ति को खारिज कर देते हैं, तभी दूसरे पहलुओं को देखेंगे.'
केंद्र सरकार ने दावा किया था कि फ्रांस के साथ राफेल लड़ाकू विमान सौदे से जुड़े दस्तावेजों को विशेषाधिकार प्राप्त बताया था और भारतीय साक्ष्य अधिनियम की धारा 123 के अनुसार इन दस्तावेजों को सबूत नहीं माना जा सकता.