CAA के खिलाफ शाहीन बाग में प्रदर्शन खत्म होगा या नहीं, सुप्रीम कोर्ट आज दे सकता है फैसला
बता दें, इससे पहले सुप्रीम कोर्ट की तरफ से दो वार्ताकार नियुक्त किए गए थे जिन्होंने शाहीन बाग के प्रदर्शकारियों से बात की थी.
नई दिल्ली:
नागरिकता संशोधन कानून (CAA) के खिलाफ पिछले दो महीनों से जारी विरोध प्रदर्शन पर अब रोक लगेगी या नहीं, इसका फैसला आज यानी बुधवार को हो सकता है. दरअसल आज सुप्रीम कोर्ट शाहीन बाग के प्रदनर्शकारियों (Shaheen bagh protest) को हटाने की मांग करने वाली याचिका पर सुनवाई करेगी. माना जा रहा है कि इस सुनवाई में वो फैसला भी दे सकती है.
बता दें, इससे पहले सुप्रीम कोर्ट की तरफ से दो वार्ताकार नियुक्त किए गए थे जिन्होंने शाहीन बाग के प्रदर्शकारियों से बात की थी. बातचीत के दौरान रामचंद्नन ने प्रदर्शनस्थल पर बड़ी संख्या में जमा लोगों से कहा, 'उच्चतम न्यायालय ने प्रदर्शन करने के आपके अधिकार को बरकरार रखा है. लेकिन अन्य नागरिकों के भी अधिकार हैं, जिन्हें बरकरार रखा जाना चाहिये.'उन्होंने कहा, 'हम मिलकर समस्या का हल ढूंढना चाहते हैं. हम सबकी बात सुनेंगे.' महिलाओं द्वारा व्यक्त की गईं चिंताओं पर रामचंद्रन ने कहा कि ये सभी बिंदु उच्चतम न्यायालय के सामने रखे जाएंगे और इन पर विस्तार से चर्चा की जाएगी. उन्होंने कहा, 'मैं आपसे एक बात कहना चाहती हूं. जिस देश में आप जैसी बेटियां हों, उसे कोई खतरा नहीं हो सकता.' उन्होंने कहा, 'आजादी लोगों के दिलों में बसती है.' इससे पहले हेगड़े ने प्रदर्शनकारियों को उच्चतम न्यायालय के आदेश के बारे में बताया.
यह भी पढ़ें: शाहीन बाग पहुंचे वार्ताकार साधना रामचंद्रन व संजय हेगड़े, कहा- आपने बुलाया और हम चले आए
गौरतलब है कि 16 दिसंबर से जारी धरने के चलते दिल्ली और नोएडा को जोड़ने वाली मुख्य सड़क बंद है, जिससे यात्रियों और स्कूल जाने वाले बच्चों को परेशानी हो रही है. महिलाओं, युवाओं और बुजुर्गों ने वार्ताकारों के सामने अपनी-अपनी बात रखने का प्रयास किया. दादी के नाम से चर्चित बुजुर्ग महिला बिल्किस ने कहा कि चाहे कोई गोली भी चला दे, वे वहां से एक इंच भी नहीं हटेंगे. नाराज वृद्ध महिला ने कहा कि मुख्य तम्बू जहां पर पोडियम खड़ा किया गया है, उसने सड़क के केवल 100 से 150 मीटर हिस्से को ही घेर रखा है. उन्होंने कहा, ''हमने पूरे हिस्से को अवरुद्ध नहीं कर रखा है. दिल्ली पुलिस ने सुरक्षा के नाम पर पूरी सड़क पर बंद कर दी है. आप पहले उसे क्यों नहीं हटाते? हमने कभी भी पुलिस या किसी अधिकारी से हमारे लिए सड़कों को अवरुद्ध करने के लिए नहीं कहा. उन्होंने ही सड़क बंद कर रखी है और अब नाकेबंदी के लिए हमें दोषी ठहरा रहे हैं.'
यह भी पढ़ें: शाहीन बाग का धरना किसी भी यात्री के लिए असुविधा पेश नहीं कर रहा : प्रदर्शनकारी
उन्होंने कहा कि जब तक सीएए वापस नहीं लिया जाता तब तक वे वहां से नहीं हटेंगे.धरने पर बैठीं महिलाएं अपने दिल की बात कहते समय भावुक होने के साथ ही नाराज नजर आईं. शाहीन बाग में बीते दो महीने से सीएए के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे प्रदर्शनकारियों के साथ बातचीत का यह पहला प्रयास है. वार्ताकारों अधिवक्ता संजय हेगड़े और साधना रामचंद्रन के साथ पूर्व नौकरशाह वजाहत हबीबुल्ला महिलाओं से बातचीत करने और गतिरोध को तोड़ने की कोशिश में शाहीन बाग पहुंचे. शाहीन बाग सीएए विरोधी प्रदर्शनों का केंद्र बना हुआ है. इस दौरान कई प्रदर्शनकारियों ने कहा कि वह सीएए, एनआरसी और एनपीआर को खत्म किए जाने के बाद ही यहां से उठेंगे.
वीडियो
IPL 2024
मनोरंजन
धर्म-कर्म
-
Hanuman Jayanti 2024 Date: हनुमान जयंती पर बनेगा गजलक्ष्मी राजयोग, जानें किन राशियो की होगी आर्थिक उन्नति
-
भारत के इस मंदिर में नहीं मिलती पुरुषों को एंट्री, यहां होते हैं कई तांत्रिक अनुष्ठान
-
Mars Transit in Pisces: 23 अप्रैल 2024 को होगा मीन राशि में मंगल का गोचर, जानें देश और दुनिया पर इसका प्रभाव
-
Kamada Ekadashi 2024: कामदा एकादशी से पहले जरूर करें 10 बार स्नान, सफलता मिलने में नहीं लगेगा समय