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मजदूरों के पलायन पर सुप्रीम कोर्ट का आदेश, शेल्टर होम में सभी जरूरी चीजों का हो इंतजाम

सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार की तरफ से कहा गया, शहर से पलायन की अब इजाजत नहीं दी जा सकती

Updated on: 31 Mar 2020, 02:25 PM

नई दिल्ली:

शहरों से मजदूरों के पलायन के मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए सुनवाई की. सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार की तरफ से कहा गया, शहर से पलायन की अब इजाजत नहीं दी जा सकती.सभी प्रवासी मज़दूर को नजदीक के शेल्टर होम में रखा गया है. कोर्ट ने सरकार से कहा कि शेल्टर होम में खाना , दवाई , काउन्सलिंग , पानी, बेड की सुविधा सुनिश्चित करें. सरकार 24 घन्टे के अंदर  हेल्थ केयर प्रोफेशनल का एक पोर्टल गठित करे जो कोरोना को लेकर  लोगो की शंकाओं  का जवाब दे सके. इसी के साथ कोर्ट ने आदेश दिया है कि सरकार सोशल मीडिया पर फेंक न्यूज़ फैलाने वालो पर सख्त कार्रवाई करे. 

दरअसल सोमवार को सुप्रीम कोर्ट ने मजदूरों के पलायन के मुद्दे पर केंद्र से जवाब मांगा था. सरकार की ओर से SG तुषार मेहता ने रिपोर्ट सौंपते हुए कहा, देश मे पहला केस आने के बाद से ही सरकार तमाम एहतियाती कदम उठा रही है. हमने 17 जनवरी से तैयारी शुरू कर दी थी. काफी हद तक संक्रमण को रोकने में सफलता भी हासिल की है. दूसरे देशों के मुकाबले हमने कहीं ज़्यादा प्रभावी कदम उठाए है. हिंदुस्तान में कोई नया केस सामने आने से पहले ही अपने दूसरे देशों से आने वाले लोगों के लिए थर्मल स्क्रीनिंग की व्यवस्था कर दी थी.

SG तुषार मेहता ने कहा, जो लोग विदेश से आ रहे है, उन्हें क्वारंटाइन में रखा गया. बाहर से आने वाली फ्लाइट 22 मार्च से बन्द कर दी गईं. बाहर से संक्रमण आने का कोई खतरा नहीं है. अब हमें देश के अंदर के संभावित खतरे से निपटना है. उन्होंने कहा, कोरोना वायरस के संक्रमण के बीच फेक न्यूज़ से निपटना सबसे बड़ी चुनौती है. केंद्र सरकार जॉइंट सेकेट्री लेवल के अधिकारी की अध्यक्षता में एक अलग से यूनिट बना रही है. इस यूनिट में हेल्थ एक्सपर्ट, एम्स और दूसरे अस्पतालों के सीनियर डॉक्टर शामिल होंगे जो लोगो की शंकाओ का समाधान करे ताकि वो ग़लत जानकारी के झांसे में ना आये.

इस पर चीफ जस्टिस ने SG से 24 घंटे के अंदर एक्सपर्ट कमेटी को गठित करने को कहा. इसी के साथ कोर्ट ने आदेश दिया कि आप प्रेस ब्रीफिंग की व्यवस्था सुनिश्चित करें. तुषार मेहता ने कहा, जॉइंट सेकेट्री हेल्थ और जॉइंट सेकेट्री होम की ओर से रोज ब्रीफिंग हो रही ह. अब विचार इस पर कर रहे है कि हर रोज ज़्यादातर पूछे जाने वाले सवालों को लेकर एक बुलेटिन भी जारी किया जाए.

सुप्रीम कोर्ट ने कहा, आपकी रिपोर्ट में जिक्र है कि व्हाट्सप्प चैट बॉक्स को लॉन्च किया गया है , सवालों के जवाब के लिए. क्या वो ठीक से काम कर रहा है? SG ने जवाब दिया कि ये अभी ट्रायल स्टेज पर है. हम इसे आगे बढ़ा रहे है सॉलिसीटर जनरल तुषार मेहता ने कोर्ट को बताया कि हमने सभी राज्यों से पूछा है कि कोरोना मरीजों के लिए एक्सलूसिव कितने हॉस्पिटल बेड उपलब्ध हो सकते है। राज्यो से एक्सक्लुसिव कोरोना हॉस्पिटल तैयार करने को कहा है.

तुषार मेहता ने कहा, शहरों से पलायन की इजाजत इस वक़्त बिल्कुल नहीं दी जा सकती. हम ये सुनिश्चित कर रहे है. क्योंकि पलायन उन गांव वालों के वायरस के चपेट में आने का खतरा बनेगा, जो अभी तक उससे बचे हुए है. शहर से पलायन करने वाले हर 10 मे से 3 के वायरस के ट्रांसमिशन की संभावना है. वैसे अच्छी बात ये है कि गांव वाले भी पलायन कर रहे लोगों की एंट्री पर एतराज़ जाहिर कर रहे हैं.

SG तुषार मेहता ने कहा,स केंद्र ने राज्यो को साफ निर्देश दिये है कि अब शहरों से गांव की ओर पलायन एकदम बन्द होना चाहिए। कोई सड़क पर नजर नहीं आना चाहिए. कोई सड़क पर है, तो उसे नज़दीक के शेल्टर होम ले जाया जाए. कोर्ट ने पूछा कि क्या प्रवासी मजदूर अभी भी सड़क पर घूम रहे है? तुषार मेहता ने कहा, होम सेकेट्री के मुताबिक 11 बजे की स्थिति के मुताबिक कोई सड़क पर नहीं है। जो भी थे, उन्हें शेल्टर होम में रखा गया है। सरकार ने अभी तक6 लाख, 63 हज़ार लोगों को शरण उपलब्ध कराई .