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बंगाल के चर्चित IPS राजीव कुमार की गिरफ्तारी पर रोक हटी, कानूनी राहत के लिए 7 दिन की मोहलत

सुप्रीम कोर्ट ने पश्चिम बंगाल के IPS अधिकारी राजीव कुमार की गिरफ्तारी पर लगी अंतरिम रोक हटा ली है. हालांकि अभी 7 दिन तक उनकी गिरफ्तारी नहीं हो सकेगी.

Updated on: 17 May 2019, 12:46 PM

highlights

  • कोलकाता के पूर्व कमिश्नर राजीव कुमार की सात दिन बाद हो सकेगी गिरफ्तारी.
  • सुप्रीम कोर्ट ने अहम फैसले में गिरफ्तारी पर लगी अंतरिम रोक हटाई.
  • ममता बनर्जी के चहेते अफसरों में शुमार होते हैं राजीव कुमार.

नई दिल्ली.:

सुप्रीम कोर्ट ने पश्चिम बंगाल के IPS अधिकारी राजीव कुमार (Rajiv Kumar) की गिरफ्तारी पर लगी अंतरिम रोक हटा ली है. हालांकि अभी 7 दिन तक उनकी गिरफ्तारी नहीं हो सकेगी. राजीव कुमार को यह राहत किसी कानूनी राहत के लिए सम्बन्धित कोर्ट में अर्जी दायर करने के लिए मिली है. सीबीआई का आरोप है कि राजीव कुमार शारदा घोटाले की जांच में सहयोग नहीं कर रहे हैं. ऐसे में उनकी गिरफ्तारी कर ही जांच को आगे बढ़ाया जा सकता है. हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि इस आदेश को सीबीआई (CBI) को राजीव कुमार को हिरासत में लेकर पूछताछ के निर्देश के तौर पर ना देखा जाए. सीबीआई क़ानून के मुताबिक जांच का आगे बढ़ा सकती है.

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क्या है मामला
सारधा चिट फंड (saradha chit fund) केस की जानकारी के लिए पश्चिम बंगाल सरकार ने राजीव कुमार को एसआईटी प्रमुख नियुक्त किया था. इसके बाद 2014 में सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआई को जांच का आदेश दिया था. फरवरी में राजीव कुमार के पुलिस कमिश्नर रहते सीबीआई की टीम उनसे पूछताछ के लिए कोलकाता पहुंची थी, लेकिन वहां मौजूद पुलिस कर्मियों ने सीबीआई की टीम को रोक दिया था. बाद में सीबीआई की टीम को भी हिरासत में ले लिया गया था. इसके बाद मामला सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) पहुंचा था. फिर सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआई की अर्ज़ी पर सुनवाई करते हुए 5 फरवरी को राजीव कुमार को जांच में सहयोग करने के लिए कहा था, लेकिन इसके साथ ही उनकी गिरफ्तारी पर रोक भी लगा दी थी.

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सीबीआई का आरोप और ममता सरकार का जवाब

इसके बाद सीबीआई (CBI) ने अप्रैल में सुप्रीम कोर्ट में अर्जी दायर कर आरोप लगाया था कि राजीव कुमार (Rajiv Kumar)जांच में सहयोग नहीं कर रहे है. एसआईटी प्रमुख रहते हुए उन्होनें प्रभावशाली आरोपियों को बचाने की कोशिश की और अहम सबूतों को नष्ट किया. इसके जवाब में राजीव कुमार और ममता बनर्जी सरकार ने सीबीआई पर केंद्र सरकार के इशारे पर साजिश रचने का आरोप लगाया था. राजीव कुमार के वकील का कहना था कि सीबीआई ने राजीव कुमार को परेशान करने के लिए अर्जी दायर की है और सीबीआई को कानून के दुरूपयोग की इजाजत नहीं दी जानी चाहिए.

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ममता बनर्जी के लिए झटके से कम नहीं यह आदेश
सीबीआई सूत्रों का कहना है सुप्रीम कोर्ट के आदेश को देखकर ही आगे की कार्यवाही स्पष्ट हो सकेगी कि अभी राजीव कुमार से पूछताछ होगी या 7 दिन के गिरफ्तारी होगी. जाहिर है सुप्रीम कोर्ट के इस आदेश के बाद लोकसभा चुनाव 2019 (Lok Sabha Election 2019) के आखिरी चरण से पहले पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी (Mamta Banerjee) को झटका लगा है. गौरतलब है कि सातवें चरण में वोटिंग से पहले चुनाव आयोग ने पश्चिम बंगाल के कई अफसरों का तबादला कर दिया था.