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रामलला को जन्मस्थली पर कानूनी अधिकार मिला, यह आनंद का क्षण- सुमित्रा महाजन

बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने राम मंदिर के पक्ष में ऐतिहासिक फैसला सुनाया है. कोर्ट ने जो फैसला सुनाया है, उसमें विवादित जमीन हिंदू पक्षकारों को दे दी है.

Updated on: 09 Nov 2019, 12:42 PM

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अयोध्या मामले में उच्चतम न्यायालय के फैसले को संतुलित करार देते हुए पूर्व लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने शनिवार को कहा कि राम जन्मभूमि पर मंदिर निर्माण की राह प्रशस्त होने के कारण यह आनंद का अवसर है और इस निर्णय को संयमित तरीके से अपनाया जाना चाहिये. महाजन ने यहां संवाददाताओं से कहा कि उच्चतम न्यायालय ने अयोध्या मामले में संतुलित निर्णय सुनाया है. इसके बाद रामलला (विराजमान मूर्ति) को उस स्थान पर कानूनी अधिकार मिल गया है, जहां उनका जन्म हुआ था. अदालती निर्णय को हम सभी लोगों को पूरे संयम और शांति के साथ अपनाना चाहिये.

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भारतीय जनता पार्टी की वरिष्ठ नेता ने कहा, 'राम जन्मभूमि पर मंदिर निर्माण की राह प्रशस्त होने के कारण यह आनंद का क्षण है, लेकिन इस आनंद का प्रदर्शन शांत भाव से किया जाना चाहिये. अपने घर में छोटा-सा दीपक जलाकर भी इस आनंद का उत्सव मनाया जा सकता है.'  उन्होंने आगे कहा कि जन मानस को आज उसी आनंद की अनुभूति होनी चाहिये, जो अहसास एक मां को अपनी संतान को जन्म देने के बाद होता है. महाजन ने कहा कि सुन्नी वक्फ बोर्ड को वैकल्पिक स्थान पर पांच एकड़ भूमि आवंटित करने का शीर्ष न्यायालय का निर्णय भी सही है.

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बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने राम मंदिर के पक्ष में ऐतिहासिक फैसला सुनाया है. कोर्ट ने जो फैसला सुनाया है, उसमें विवादित जमीन हिंदू पक्षकारों को दे दी है. न्यायालय ने आदेश दिया है कि सरकार 3 महीने के भीतर ट्रस्ट बनाएगा और ट्रस्ट मंदिर का निर्माण करेगा. केंद्र और उत्तर प्रदेश सरकार मंदिर, मस्जिद निर्माण की निगरानी करेंगी. इसके साथ ही कोर्ट ने अपने फैसले में मुसलमानों को मस्जिद के लिए दूसरी 5 एकड़ जमीन देने का आदेश दिया.

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