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स्वामी ने कहा, राम मंदिर निर्माण के लिए अध्यादेश लाए केंद्र, कांग्रेस से प्रभावित वकील अटका रहे रोड़ा

राम मंदिर-बाबरी मस्जिद विवाद मामले में सुप्रीम कोर्ट की संवैधानिक पीठ की सुनवाई से पहले भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) सांसद सुब्रमण्यम स्वामी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर इस मामले में अध्यादेश लाए जाने की मांग की है।

Updated on: 17 Mar 2018, 07:36 PM

highlights

  • राम मंदिर-बाबरी मस्जिद विवाद मामले में बीजेपी सांसद सुब्रमण्यम स्वामी ने केंद्र से अध्यादेश लाए जाने की मांग की है
  • स्वामी ने कहा कि कांग्रेस से प्रभावित वकील इस मामले में हुई तरक्की की राह में रोड़ा अटका सकते हैं

नई दिल्ली:

राम मंदिर-बाबरी मस्जिद विवाद मामले में सुप्रीम कोर्ट की संवैधानिक पीठ की सुनवाई से पहले भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) सांसद सुब्रमण्यम स्वामी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर इस मामले में अध्यादेश लाए जाने की मांग की है।

स्वामी ने कहा कि कांग्रेस से प्रभावित वकील राम मंदिर-बाबरी मस्जिद विवाद मामले में हुई तरक्की की राह में रोड़ा अटका सकते हैं। उन्होंने कहा, ' (इससे बचने के लिए) मैंने सोचा कि हमें संविधान और कानून को हमारा हथियार बनाना चाहिए और अध्यादेश लाना चाहिए।'

बीजेपी सांसद ने कहा, 'सरकार रामजन्मभूमि जमीन के मालिकाना हक के लिए अध्यादेश ला सकती है। इसके बाद राम मंदिर निर्माण बनाने की दिशा के साथ कानून बनाकर इस जमीन को अगम शास्त्र में बताए गए मशहूर धार्मिक हस्तियों के नेतृत्व वाले समूह को सौंप दिया जाना चाहिए।'

उन्होंने कहा, 'इसके साथ ही मौजूदा दावेदारों को इस मामले में हुए नुकसान के लिए मुआवाज दिया जाना चाहिए।'

सुप्रीम कोर्ट में इस मामले की अब सुनवाई की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को इसी के तहत विवाद से जुड़ी उन सभी याचिकाओं को खारिज कर दिया, जो मुख्य पक्षकारों की तरफ से दायर नहीं की गई थीं।

कोर्ट का संवैधानिक पीठ अब सिर्फ मुख्य पक्षकारों को ही सुनेगा। कोर्ट ने बीजेपी नेता सुब्रमण्यन स्वामी उस याचिका को भी खारिज कर दिया है, जिसमें उन्होंने बाबरी मस्जिद-राम मंदिर संपत्ति विवाद में दखल की कोशिश की थी।

गौरतलब है कि इलाहाबाद हाई कोर्ट ने 2010 में विवादित जमीन को 3 रामलला, निर्मोही अखाड़े और सुन्नी वक्फ बोर्ड को तीन बराबर हिस्सों में बांटने का आदेश दिया था, जिसके खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में अपील की गई है।

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