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सुब्रमण्यम स्वामी अब काशी और मथुरा का मुद्दा उठाएंगे, ओवैसी को लेकर कही यह बड़ी बात

जमीन का मालिकाना हक हिंदुओं को मिलने के बाद स्वामी अब काशी और मथुरा को लेकर नए उत्साह में हैं. सुप्रीम कोर्ट के फैसले से लेकर काशी-मथुरा और भारतीय मुसलमानों समेत अयोध्या प्रकरण में उन्होंने बेबाकी से अपनी राय रखी है.

Updated on: 10 Nov 2019, 03:48 PM

highlights

  • भारत में हिंदू और मुसलमानों का डीएनए एक ही है.
  • काशी-मथुरा में भी लागू होता है आस्था का अधिकार.
  • सिद्धू के बदले पाकिस्तान के अच्छे मुसलमान लेने को तैयार.

नई दिल्ली:

शनिवार को अयोध्या में राम जन्मस्थान की जमीन के मालिकाना हक को लेकर आए फैसले के बाद सुब्रमण्यम स्वामी खासे उत्साहित हैं. राम जन्मभूमि मंदिर प्रकरण में उन्होंने भी सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दाखिल की थी. जमीन का मालिकाना हक हिंदुओं को मिलने के बाद स्वामी अब काशी और मथुरा को लेकर नए उत्साह में हैं. सुप्रीम कोर्ट के फैसले से लेकर काशी-मथुरा और भारतीय मुसलमानों समेत अयोध्या प्रकरण में उन्होंने बेबाकी से अपनी राय रखी है. पेश है न्यूजस्टेट से हुई खास बातचीत के चुनिंदा अंश.

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अब लड़ूंगा मथुरा और काशी का केस
सर्वोच्च न्यायालय चाहता तो मेरी याचिका को भी निरस्त कर सकता था, लेकिन ऐसा नहीं किया गया. अयोध्या मामले की सुनवाई में मुख्य दलील संपत्ति के अधिकार की नहीं, बल्कि आस्था के अधिकार की हुई. अब वही अधिकार अयोध्या के साथ-साथ मथुरा और काशी में भी लागू होता है, क्योंकि मथुरा भगवान कृष्ण की जन्मभूमि है. अब मैं अपनी याचिका के जरिए मथुरा और काशी का मुद्दा उठाऊंगा.

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हिंद के मुसलमान भी हैं राम मंदिर के साथ
पाकिस्तान को लगता है कि हिंदू-मुसलमान की लड़ाई हो सकती है, लेकिन ऐसा नहीं है. भारत में हिंदू और मुसलमानों का डीएनए एक है. यही वजह है कि सर्वोच्च न्यायालय ने सर्वसहमति से फैसला दिया, जिसमें मुस्लिम जज शामिल थे. एएसआई केके मोहम्मद कई बार राम मंदिर होने की बात कह चुके हैं. मध्यस्थता समिति की अध्यक्षता भी मुस्लिम जज कर रहे थे और सभी ने राम मंदिर के पक्ष में अपने विचार रखें.

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मंदिर ट्रस्ट में नहीं लूंगा भाग
जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अभी तक मुझे कोई कार्य या दायित्व नहीं दिया, तो इस केंद्र सरकार से मुझे उम्मीद नहीं है कि मैं राम मंदिर ट्रस्ट का हिस्सा बनूंगा. मुझे उसका हिस्सा बनना भी नहीं है.

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ओवेसी देशभक्त है, लेकिन राष्ट्रभक्त नहीं
असदुद्दीन ओवेसी पर निशाना साधते हुए स्वामी ने कहा कि जब शिया नेता सुन्नी लोगों का नेतृत्व करने की कोशिश करते हैं, तो ऐसा बड़बोलापन सामने आता है. जब ओवेसी कहते हैं कि वह भारत को संविधान के अनुसार चलाना चाहते हैं, तो संविधान में यूनिफॉर्म सिविल कोड और गौ हत्या पर पाबंदी के विचार भी हैं. संविधान में हिंदू राष्ट्र के विचार हैं. ओवैसी देशभक्त तो हो सकते हैं, लेकिन राष्ट्रभक्त नहीं. राष्ट्रभक्त वह तभी बन सकते हैं. जब हिंदू राष्ट्र की विचारधारा से जुड़े.

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सिद्धू के बदले पाकिस्तान के अच्छे मुसलमान लेने को तैयार
मैं तो पाकिस्तान सरकार से अपील करता हूं कि वह हमारी तरफ से एक्सचेंज ऑफर में नवजोत सिंह सिद्धू को ले जाएं और अपने यहां के अच्छा मुसलमान हमें दे दें.