श्रीलंका में आत्मघाती धमाकों से पहले भारत ने तीन बार दी थी चेतावनी, मृतक 359 हुए
श्रीलंका में श्रंखलाबद्ध आत्मघाती हमलों में मृतक संख्या 359 हो गई है. साथ ही अब यह सवाल और पेचीदा हो चुका है कि आखिर आतंकी हमले को लेकर जारी अलर्ट पर तत्काल कदम क्यों नहीं उठाए जा सके?
नई दिल्ली.:
श्रीलंका में रविवार को हुए श्रंखलाबद्ध आत्मघाती हमलों में मरने वालों की संख्या 359 हो गई है. हालांकि बुधवार आते-आते अब यह सवाल और पेचीदा हो चुका है कि आखिर आतंकी हमले को लेकर जारी अलर्ट पर तत्काल कदम क्यों नहीं उठाए जा सके? राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री से लेकर रक्षा मंत्री तक आतंकी हमलों को लेकर किसी तरह का अलर्ट मिलने पर कभी हां तो कभी ना की स्थिति में क्यों हैं? इधर अमेरिका समेत कई अन्य देशों ने श्रीलंका सरकार को अलर्ट जारी करने से इंकार किया है, तो भारत ने पहले आतंकी हमले से महज कुछ घंटे पहले श्रीलंका को आगाह किया था
बुधवार को एक संवाददाता सम्मेलन में रक्षा मंत्री रुवान विजयवर्धने ने बताया कि सेवाय सिनेमाघर के पास एक संदिग्ध मोटर साइकिल देखी गई, जिसे कंट्रोल्ड धमाके के जरिये नष्ट कर दिया गया. उन्होंने बताया कि आत्मघाती हमलावरों में एक महिला भी शामिल थी. हालांकि पहले यही जानकारी मिली थी कि सेवाय सिनेमाघर के पास विस्फोटकों से भरी एक बाइक देखी गई है.
एक बदलते घटनाक्रम में प्रधानमंत्री रानिल विक्रमसिंघे ने श्रीलंका के रक्षा प्रतिष्ठान के शीर्ष नेतृत्व में बड़े फेरबदल के संकेत दिए हैं. गौरतलब है कि श्रीलंका के चर्च समेत भारतीय दूतावास पर आतंकी हमलों की आशंका लगभग 12 दिन पहले ही दे दी गई थी, लेकिन आत्मघाती हमलों को रोका नहीं जा सका. इसके बाद राष्ट्रपति मैथ्रिपाला सिरिसेना ने कहा था कि उन्हें आतंकी हमलों के अलर्ट की कोई पूर्व सूचना नहीं थी.
वहीं सूत्र बताते हैं कि भारतीय खुफिया तंत्र ने पहले आतंकी हमले से लगभग दो घंटे पहले श्रीलंका खुफिया संस्था के शीर्ष अधिकारियों से संपर्क कर आतंकी हमलों की चेतावनी दी थी. श्रीलंका खुफिया के एक अधिकारी ने स्वीकार भी किया था कि भारत की तरफ से आतंकी हमलों की चेतावनी शनिवार को भी दी गई थी. यही नहीं, भारत ने श्रीलंका को 4 और 20 अप्रैल को भी आत्मघाती हमलों के प्रति आगाह किया था.
हालांकि मंगलवार को कट्टर इस्लामी संगठन इस्लामिक स्टेट आईएस ने अमाक न्यूज के जरिये श्रीलंका में हुए आत्मघाती हमलों की जिम्मेदारी ली थी, लेकिन उसने अपने इस दावे के समर्थन में एक भी सबूत मुहैया नहीं कराए. गौरतलब है कि ईस्टर पर हुए नौ आत्मघाती हमलों में मृतक संख्या 359 पहुंच गई है, जबकि 500 के आसपास घायल हैं. हताहतों में श्रीलंका के मूल निवासियों के साथ-साथ दर्जन भर देशों के लोग शामिल हैं, जो ईस्टर या पर्यटन के सिलसिले में श्रीलंका आए थे.
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