logo-image

मनी लांड्रिंग मामले में रॉबर्ट वाड्रा को राहत, विदेश जाने की मिली अनुमति

मनी लांड्रिंग मामले में रॉबर्ट वाड्रा को राहत, विदेश जाने की मिली अनुमति

Updated on: 13 Sep 2019, 02:38 PM

highlights

  • मनी लांड्रिंग के मामले में रॉबर्ट वाड्रा को अदालत से बड़ी राहत.
  • अब 21 सितंबर से 8 अक्टूबर तक विदेश जाने की अनुमति.
  • ईडी की आपत्तियों को दरकिनार कर अदालत ने दी मंजूरी.

नई दिल्ली:

मनी लांड्रिंग केस में आरोपी रॉबर्ट वाड्रा को शुक्रवार को एक बड़ी राहत मिली. रॉउज एवेन्यु कोर्ट ने उन्हें विदेश जाने की अनुमति दे दी. इस केस में अग्रिम ज़मानत पर रहने के चलते जमानत शर्तों के मुताबिक वाड्रा को विदेश जाने के लिए कोर्ट की इजाजत लेनी होती है. हालांकि ईडी ने वाड्रा की अर्जी का यह कहते हुए विरोध किया था कि विदेश जाने की सूरत में वह सबूतों के साथ छेड़छाड़ कर सकते हैं. गौरतलब है कि वाड्रा पर लदंन में 19 लाख पाउंड कीमत की संपत्ति की खरीद में मनी लांड्रिंग का आरोप है.

यह भी पढ़ेंः जम्मू कश्मीर के किश्तवाड़ में आतंकियों ने PDP नेता के गार्ड से छीनी बंदूक, इलाके में कर्फ्यू

अदालत ने ईडी की आपत्तियों को दरकिनार किया
कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा के पति रॉबर्ट वाड्रा को शुक्रवार को दिल्ली की राउज एवेन्यू की विशेष अदालत ने ईडी की आपत्तियों को दरकिनार कर विदेश जाने की इजाजत दे दी. हालांकि मनी लांड्रिंग मामले में अग्रिम जमानत पर चल रहे रॉबर्ट वाड्रा के विदेश जाने के लिए अनुमति मांगने का प्रवर्तन निदेशालय ने विरोध किया था. राउज एवेन्यू की विशेष अदालत में गुरुवार को ईडी ने कहा था कि वाड्रा विदेश जाकर जांच को प्रभावित कर सकते हैं और साक्ष्य नष्ट किए जा सकते हैं.

यह भी पढ़ेंः अरविंद केजरीवाल के Odd-Even के फैसले पर बोले नितिन गडकरी- मुझे नहीं लगता इसकी जरूरत थी

लंदन में ही संपत्ति की जांच कर रहा ईडी
सुनवाई के दौरान वाड्रा की तरफ से पेश हुए वकीलों ने अदालत को बताया था कि जांच एजेंसी का विरोध गलत है और गलत आरोप लगाए जा रहे हैं. वाड्रा की तरफ से दायर अर्जी में कहा गया था कि उन्हें स्पेन जाना है. उन्हें अपने व्यापार के सिलसिले में 21 सितंबर से 8 अक्टूबर तक विदेश जाने की अनुमति दी जाए. इससे पहले भी वाड्रा अदालत की अनुमति से उपचार के लिए अमेरिका व नीदरलैंड जा चुके हैं, लेकिन उन्हें लंदन जाने की अनुमति नहीं मिली थी. इसकी वजह यह है कि लंदन में ही संपत्ति खरीद की जांच ईडी कर रहा है.