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सौरव गांगुली की बेटी सना ने CAA पर दिखाए बगावती तेवर, सोशल मीडिया पर लिखी ये बात

सना ने सीएए के समर्थन में सरकार पर खुशवंत सिंह के शब्दों से हमला बोला है.

Updated on: 25 Dec 2019, 12:52 PM

नई दिल्‍ली:

बीसीसीसीआई अध्यक्ष बनने के बाद भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान सौरव गांगुली जामिया मिल्लिया इस्लामिया और अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के मुद्दों पर अब तक खामोश हैं. उनकी बेटी सना गांगुली ने उनकी इस खामोशी की बात को अपने सोशल मीडिया के इंस्टाग्राम अकाउंट पर लिखा है. जिसके बाद से ऐसी अफवाहें उड़ी है कि सौरव गांगुली को यह ऊंचा ओहदा केंद्रीय गृहमंत्री और भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष अमित शाह की सिफारिश से मिला है. सना ने संघ पर निशाना साधा है. गांगुली की बेटी सना ने अपने इंस्टाग्राम अकाउंट पर नागरिकता बिल लागू होने के बाद से देश में विरोध के बाद लिखा हैं.  

प्रत्येक फ़ासिस्ट शासन को समुदायों और समूहों की ज़रूरत होती है ताकि वह एक समूह या दो के साथ शुरू करने के लिए उसे निष्क्रिय कर सके. लेकिन यह कभी भी समाप्त नहीं होता है कि नफ़रत से निर्मित एक आंदोलन केवल लगातार भय और संघर्ष पैदा करके खुद को रोक सकता है. आज हममें से जो लोग सुरक्षित महसूस करते हैं वो मुसलमान या ईसाई नहीं हैं क्योंकि हम मूर्खों के स्वर्ग में जी रहे हैं.

संघ पहले से ही वामपंथी इतिहासकारों और 'पश्चिमीकरण’ वाले युवाओं को निशाना बना रहा है. महिलाओं का स्कर्ट पहनना, मांस खाना, शराब पीना, विदेशी फिल्में देखना, किस करना, मंदिरों में नहीं जाना और टूथपेस्ट का इस्तेमाल करना या फिर एलोपैथिक डॉक्टरों से इलाज करवाना भी इनके लिए नफरत का कारण बन सकता है. लोगों से हाथ मिलाना और जय श्री राम नहीं बोलने पर यहां कोई भी सुरक्षित नहीं है. अगर हम भारत को जीवित रखने की उम्मीद करते हैं तो हमें इसका एहसास होना चाहिए.
खुशवंत सिंह द्वारा 'द एंड ऑफ इंडिया' (2003 में प्रकाशित) का एक अंश 

                                       

आपको बता दें कि अमित शाह ही वो व्यक्ति हैं जिसकी सिफारिश से सौरव गांगुली बीसीसीआई के पद पर बैठे हैं. एक अफवाह और है कि अमित शाह ने बंगाल में सौरव गांगुली से बीजेपी में शामिल होने का प्रस्ताव रखा है जिसके बाद गांगुली ने सोचने का समय मांगा है कि वो बीजेपी में शामिल होंगे या नहीं. गांगुली की बेटी ने ये अफवाहें खुशवंत सिंह को कोट करते हुए फैलाईं.