सना गांगुली के बिगड़े बोल पर सौरव गांगुली ने दी सफाई, जानिए क्या कहा
बीसीसीसीआई अध्यक्ष और भारतीय टीम के पूर्व कप्तान सौरव गांगुली (Sourav Ganguly) की बेटी सना गांगुली ( Sana Ganguly) ने नागरिकता संशोधन विधेयक (Citizenship Amendment Act) पर जो टिप्पणी की थी, उसके जवाब में अब खुद सौरव गांगुली ने अपनी बात रखी है.
New Delhi:
बीसीसीसीआई अध्यक्ष और भारतीय टीम के पूर्व कप्तान सौरव गांगुली (Sourav Ganguly) की बेटी सना गांगुली (Sourav Ganguly Daughter Sana Ganguly) ने नागरिकता संशोधन विधेयक (Citizenship Amendment Act) पर जो टिप्पणी की थी, उसके जवाब में अब खुद पूर्व कप्तान सामने आए हैं और कहा है कि नागरिकता कानून के विरोध में उनकी बेटी ने जो कुछ कहा वह सही नहीं है. सौरव गांगुली ने ट्वीट किया है कि उनकी बेटी सना को राजनीति से दूर रखें. सौरव गांगुली ने साफ किया कि कृपया सना को इन सभी मुद्दों से दूर रखें.. यह पोस्ट सच नहीं है.. राजनीति के बारे में कुछ भी जानने के लिए वो बहुत छोटी लड़की है.
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बता दें कि बीसीसीआई सौरव गांगुली की बेटी सना गांगुली ने अपने सोशल मीडिया के इंस्टाग्राम अकाउंट पर लिखा है. जिसके बाद से ऐसी अफवाहें उड़ी हैं कि सौरव गांगुली को यह ऊंचा ओहदा केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह की सिफारिश से मिला है. सना ने संघ पर निशाना साधा है. गांगुली की बेटी सना ने अपने इंस्टाग्राम अकाउंट पर नागरिकता बिल लागू होने के बाद से देश में विरोध के बाद लिखा हैं. प्रत्येक फासिस्ट शासन को समुदायों और समूहों की ज़रूरत होती है ताकि वह एक समूह या दो के साथ शुरू करने के लिए उसे निष्क्रिय कर सके. लेकिन यह कभी भी समाप्त नहीं होता है कि नफरत से निर्मित एक आंदोलन केवल लगातार भय और संघर्ष पैदा करके खुद को रोक सकता है. आज हममें से जो लोग सुरक्षित महसूस करते हैं वो मुसलमान या ईसाई नहीं हैं क्योंकि हम मूर्खों के स्वर्ग में जी रहे हैं.
Please keep Sana out of all this issues .. this post is not true .. she is too young a girl to know about anything in politics
— Sourav Ganguly (@SGanguly99) December 18, 2019
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संघ पहले से ही वामपंथी इतिहासकारों और 'पश्चिमीकरण’ वाले युवाओं को निशाना बना रहा है. महिलाओं का स्कर्ट पहनना, मांस खाना, शराब पीना, विदेशी फिल्में देखना, किस करना, मंदिरों में नहीं जाना और टूथपेस्ट का इस्तेमाल करना या फिर एलोपैथिक डॉक्टरों से इलाज करवाना भी इनके लिए नफरत का कारण बन सकता है. लोगों से हाथ मिलाना और जय श्री राम नहीं बोलने पर यहां कोई भी सुरक्षित नहीं है. अगर हम भारत को जीवित रखने की उम्मीद करते हैं तो हमें इसका एहसास होना चाहिए.
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आपको बता दें कि अमित शाह ही वो व्यक्ति हैं जिसकी सिफारिश से सौरव गांगुली बीसीसीआई के पद पर बैठे हैं. एक अफवाह और है कि अमित शाह ने बंगाल में सौरव गांगुली से बीजेपी में शामिल होने का प्रस्ताव रखा है जिसके बाद गांगुली ने सोचने का समय मांगा है कि वो बीजेपी में शामिल होंगे या नहीं. गांगुली की बेटी ने ये अफवाहें खुशवंत सिंह को कोट करते हुए फैलाईं. हालांकि पिछले दिनों एक कार्यक्रम के दौरान खुद केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने इस तरह की बातों से इन्कार किया था और कहा था कि सौरव गांगुली से उनकी इस बारे में अब तक कोई बात नहीं हुई है.
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